आरोप लगाने से पहले बेहतर है हम अपने गांव-मोहल्ले को खंगालें
: अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष मेरा उपन्यास खण्ड-परशु : आइये, एक अनोखे नजरिये के साथ देखिये महिला की हालत (2) :
कुमार सौवीर
परशुराम को जानने के लिए पहले उनके पिता, पितामह, नाना, मामा, चाचा, भाई और इन सबसे बढ़ कर उनकी माता रेणुका को जानना-समझना मुझे अनिवार्य प्रतीत हुआ। आखिर प्रचलित मान्यता के अनुसार उन्होंने अपने पिता के आदेश पर माता रेणुका का शिरोच्छेद किया था। पिता को विश्वास था कि रेणुका ने व्यभिचार किया है।
चलिए, मान लिया कि रेणुका ने व्यभिचार किया था। मान लेने में वैसे तो कोई बुराई है नहीं। हमारे-आपके आसपास ऐसी घटनाएं रोजमर्रा की बात भी तो हैं।
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