हॉकी से सास की कई हड्डियां तोड़ चुकी है सलोनी

बिटिया खबर
: ये कैसी क्रूरता, सास की हडि्‌डयां तोड़ने के बाद पति ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया तो उसने उसने लगायी अर्जी डायवोर्स की : ससुराल में बिताए साढ़े तीन सालों में वो घर से तीन बार भागी : पेशी के लिए आए पति पर करवाया जानलेवा हमला : कलम में छिनरपन- नौ :

दोलत्‍ती संवाददाता
इंदौर : (गतांक से आगे) पहले बागी होने और फिर अपराधिक मानसिकता की ओर बढ़ती सलोनी ने जिंदगी में एक ऐसी हरकत भी की जो निर्ममता की हद पार कर देती है। उसकी सास 14 साल तक बेड पर रहीं। उनके ब्रेन की वो नसें बर्स्ट हो गई थीं, जिनसे भूख, दर्द जैसे सेंसेशंस शरीर से दिमाग तक पहुंचते हैं। न वो बोल पाती थीं, ना भूख-प्यास, दर्द आदि का अहसास कर पाती थीं। इस कदर अशक्त बूढ़ी महिला को घर में अकेला पाकर सलोनी ने कई बार हॉकी स्टिक से पीटा। पति के साथ झगड़ों का गुस्सा वो अपनी सास पर इतनी बेरहमी से उतारती कि डॉक्टर तक हैरान रह गए। नि:शक्त सास के शरीर पर पड़े नीले धब्बे और जख्मों को देखकर डॉक्टर तक ने कहा कि उसके खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत करनी चाहिए, लेकिन सलोनी अपनी इस हरकत से साफ इनकार करती रही।
सास की कई हडि्‌डयां तोड़ने के बाद जब पति ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया तो उसने सलोनी को डायवोर्स देने का निर्णय कर लिया और कोर्ट में अर्जी लगा दी। सलोनी के ससुराल के परिजन बताते हैं कि ससुराल में बिताए साढ़े तीन सालों में वो घर से तीन बार भागी। इतने वक्त में 30 दिन भी ऐसे नहीं निकले, जब घर में शांति रही हो। सलोनी के ऐसे स्वभाव के चलते उसके अपने भाई संजय अरोड़ा से भी रिश्ते खराब हो गए। आखिरी बार जब वो ससुराल से भागकर अपने बेटे के साथ मायके पहुंची तो भाई ने भी उसे वहां से भगा दिया। तब सलोनी अपनी बहन के पास रतलाम पहुंची। जैसे ही उसके पति भोला को ये बात पता चली, तो वो जाकर अपने बेटे और पत्नी को वापस लेकर आया। लेकिन बिस्तर पर पड़ी अपनी मां के साथ सलोनी की बेरहमी से की गई मारपीट ने इसका धैर्य खत्म कर दिया था।
2005 में जब सलोनी का डायवोर्स के लिए केस शुरू हुआ, तब तक वो नीमच और फिर रतलाम होते हुए इंदौर पहुंच चुकी थी। कुछ समय तक केस ग्वालियर में चला और फिर उसके बाद उसने केस इंदौर में ट्रांसफर करा लिया। यहां उसने पीपुल्स समाचार, राज एक्सप्रेस जैसे अखबारों में काम किया और फिर दैनिक भास्कर से जुड़ी।
पेशी के लिए आए पति पर करवाया जानलेवा हमला
सलोनी के साथ जिंदगी के कुछ साल बिताना भोला के लिए जितना मुश्किल रहा, उससे भी ज्यादा मुश्किल रहा, उससे पीछा छुड़ाना। इंदौर में अपने बेटे के साथ अकेली रह रही सलोनी न केवल पत्रकारिता में अपने पैर जमा रही थी, बल्कि अपराधिक गतिविधियों की तरफ भी बढ़ रही थी। जब कोर्ट में सुनवाई के लिए उसका पति इंदौर आया, तो सलोनी ने उसे बातचीत के बहाने एक जगह पर बुलाया। वहां उसके बुलाए भाड़े के गुंडे पहले से मौजूद थे, जिन्होंने भोला को इतना मारा कि वो मरते-मरते बचा। इतना ही नहीं, उसने थाने में भी इस तरह सेटिंग कर रखी थी कि वहां भी भोला, सलोनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करा पाया। बाद में सलोनी ने डायवोर्स देने के बदले उससे एक करोड़ रुपए की डिमांड रख दी। साथ ही कहा कि यदि नहीं दिए तो डायवोर्स नहीं दूंगी, पूरी जिंदगी ऐसे ही रहो। यदि डायवोर्स चाहिए तो एक करोड़ रुपए देने ही होंगे।
रिलायंस एंटरटेनमेंट के फिल्म डिस्ट्रिब्यूशन्स हेड आदित्य चौकसे के साथ गहरे संपर्क में आ चुकी सलोनी की कोर्ट में हो रही हर सुनवाई में वो उसके साथ उपस्थित रहा। एक करोड़ रुपए की डिमांड के लिए बातचीत भी रिलायंस एंटरटेनमेंट के फिल्म डिस्ट्रिब्यूशन्स हेड आदित्य चौकसे ने ही की। जब मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखने वाले भोला ने इतने पैसा देने से साफ मना कर दिया, तब रिलायंस एंटरटेनमेंट के फिल्म डिस्ट्रिब्यूशन्स हेड आदित्य चौकसे की पहल पर ही सलोनी 25 लाख रुपए लेकर डायवोर्स देने के लिए तैयार हुई।
इसमें 19 लाख रुपए कैश और छह लाख रुपए की ज्वैलरी शामिल थी। बताया जाता है कि जब ये सैटलमेंट हुआ, तब रिलायंस एंटरटेनमेंट के फिल्म डिस्ट्रिब्यूशन्स हेड आदित्य चौकसे ने कहा था कि ठीक है हम 25 लाख रुपए में ही मान जाते हैं और समझ लेंगे कि हमें 75 लाख रुपए का नुकसान हो गया। कमाल की बात यह है कि अपना डायवोर्स केस लड़ते हुए अपने पूर्व पति भोला को सलोनी ने ग्रुप एडिटर कल्पेश याग्निक के नाम की धमकी भी दी थी कि उसके साथ बहुत बड़ा आदमी है और उसका कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
इस दौरान कोर्ट के परमिशन देने पर सलोनी ने अपने बेटे को केवल एक बार उसके पिता से कोर्ट में जज के सामने ही मिलने दिया। लेकिन कई साल से अपने पिता से अलग रहे बेटे ने पिता से मिलने में कुछ खास दिलचस्पी नहीं दिखाई और फिर उसके बाद तो इनकी कभी मुलाकात ही नहीं हो सकी।
इन घटनाओं ने सलोनी के पूर्व पति के मन में भी अर्ंतद्वंद्व पैदा कर दिया है। वे सोचते हैं कि मानवता के नाते उन्हें उसके लिए कुछ करना चाहिए, क्योंकि सभी ने उसका साथ छोड़ दिया है। आखिरकार वो उनके बेटे की मां है। लेकिन जब उन्हें याद आता है कि उसने उनकी मां के साथ किस तरह निर्मम क्रूरता बरती थी, तो उनके कदम पीछे हट जाते हैं। (क्रमश:)

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