ऑनलाइन सेक्‍स: खुद बन जाइये न गज-ग्राह संकट में श्रीहरि विष्‍णु

बिटिया खबर

: बड़ा धंधा है सेक्‍स-क्लिप, एक ही झटके में लाखों पार : गुहार लगाने वाले अधिकांश लोग मेरे उन्‍मुक्‍त व्‍यवहार को हेय, गंदा, अश्‍लील, अभद्र मानते आंख बचा कर सटक लेते : बड़े-बड़े दिग्‍गज की सारी शराफत, सज्‍जनता और प्रतिष्‍ठा दक्खिन : बड़े अधिकारी, वकील, व्‍यवसायी नेता के लिए अलभ्‍य है सेक्‍स,  मुंह मारते हैं यौन-भुक्‍खड़ :  नंगा अवधूत। चीं-चुपड़ करोगे, तो खोल कर दिखा दूंगा :

कुमार सौवीर

लखनऊ : एक वीडियो-कॉल। और एक शातिर धोखेबाज बना मालामाल-धन्नासेठ, जबकि दूसरा निरीह बन गया दो-कौड़ी का कंगाल। जी हां, आजकल ऑनलाइन सेक्स का बाज़ार झमाझम फल-फूल रहा है। इच्‍छुक को न तो आनंद हो रहा है और न ही संतुष्टि, लेकिन इस धंधे में शामिल लोगों की पांचों उंगलियां घी में जबकि सिर कड़ाही में। बिना टैक्स, बिना टेंशन। बाकी दुनिया जाए ठेंगे पर। एक तो शर्म और फिर जग-हंसाई का डर ही नहीं, बल्कि पुलिस की तरफ से थाना-कचेहरी की दौड़ के साथ नकद-नारायण का खर्चा अतिरिक्‍त।
जी हॉं, यह नए दौर का धंधा है। एक एंड्रॉयड मोबाइल और उसमें थोड़ा-बहुत नेट। धंधा स्टार्ट। सिर्फ एक मदारी, लुटाने वालों की जमूरा-भीड़, रोकने वाला एक भी नहीं। मैसेंजर और वाट्सएप की वीडियो-कॉलिंग से न्यूड-क्लिप दिखा कर अक्सर लोग लार टपकाने पर आतुर हो जाते हैं। इनमें वह लोग ही फंसते हैं जिनमें महिला की देह-यष्टि सपनों की तरह होती है। मसलन, रंडवे, अविवाहित या परितिक्‍त्‍य। ऐसे लोग अपने धंधेपानी में लगे होते हैं, थोड़ा-बहुत कमाई भी बेहतर होती है। अचानक किसी रंगीन और खूबसूरत आम या सेब की तरह कोई युवती की फोटो लगाये फेसबुक के मैसेंजर पर सेक्‍सी प्रपोजल आते ही ऐसे लोग फन्‍ने-खां जो जाते हैं
मोबाइल के धंधे ने शातिर लोगों को अम्बानी-अडाणी भले ही न बया हो, लेकिन ऐश्वर्य और आलीशान जिंदगी तो दिला ही डित है। बिजनेस है सेक्स, वह भी केवल झूठे स्वप्न-कल्पनाओं के झांसे पर। जिसका अंजाम मूर्खों को हमेशा सरेआम स्वप्न-दोष से पीड़ित कर देना। दोष खूबसूरत महिला की एक मुस्कान देख कर ही लबर-लबर करने वाले मेरे कई परम्-चूतिया टाइप मित्रों ने अपने गुह्य-मार्ग से कई लाखों रुपयों की लेंडियां हग मारी हैं।
इसलिए किसी आकर्षक, युवा और कम वस्त्रों से “सुसज्जजित” किसी भी युवती की कोई फ्रेंड-रिक्वेस्ट आती है तो मैं चकित और जिज्ञासु हो जाता हूँ। सीधे मैसेज करके उसका परिचय और मुझसे मेरे प्रति मित्र-भाव रखने का आशय क्या है, साफ पूछ लेता हूँ?ताकि कभी नाक न कट जाए खुले बाजार में।
हालांकि एक बार मैं भी झांसे आ चुका हूं। उसने मुझे ऑनलाइन सेक्स के लिए बाथरूम आने का अनुरोध किया। मैं खुद ही तत्पर था। उतावली का तेल लगाए था, उसने वीडियो क्लिप दिखाई। मैंने आव देखा, न ताव।
और दो मिनट के दौरान ही बन गयी मेरी सेमी न्यूड-फ़िल्म वीडियो। फिर मांग हुई मुझसे मोटी रकम। बोला दिल्ली की एसटीएफ और दिल्ली क्राइम ब्रांच के एडिशनल पुलिस कमिश्नर तक शिकायत करूंगा और यूट्यूब में उस वीडियो-क्लिप को अपलोड कर तुम को नंगा करूँगा। वरना फौरन यह रकम ट्रान्सफर करो।
मैंने उसको मोटी-मोटी गालियां दीं। कहा कि जाओ मेरा भारी-भरकम ठेंगा ले लो। उनको साफ बता दिया कि मैं अघोरी हूँ, यानी नंगा अवधूत। ज्‍यादा चीं-चुपड़ करोगे, तो सब कुछ खोल कर दिखा दूंगा।

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सच बात यही थी कि मैंने कोई अपराध किया ही नहीं था। क्राइम तो दूसरे ने ही किया था। लड़की फोटो-वीडियो लगा कर फंसा रहे थे। सेक्‍स का ऑफर सामने वाले ने किया था। वह भी ऑनलाइन। इनमें सिर्फ दो ही शामिल थे। मुझे तो थी ही, लेकिन सामने वाले को भी शारीरिक सुख की जरूरत थी। मैने तुम्हारे कहने पर सो-कॉल्‍ड दिव्‍य-सुख हासिल करने में भागीदारी में सहमति की। तुम्हे गरज थी, मुझे भी कोई ऐतराज नहीं था। अब तुम फंसा कर उगाही में जुटे हो, तो जाओ अपनी मां-बहन कराओ। अरे किसी को शिकायत होती तो वह थाने पर जाता, दिल्ली काहे गए तुम बे? चूतिया बनाते हुए। सामने आ जाओ, तो वह कंटाप रसीद करूंगा, कि तुम्‍हारा पूरा खानदान भी सेक्‍स करना ही भूल जाएगा।

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मेरा माथा भन्‍ना गया। फिर उसी रात एक रिपोर्ट लिख डाली। सबकी जान-जागरण के लिए। ताकि बाकी लोग भी किसी झांसे में न आएं। आप यकीन मानिए, उसके बाद उन कमीनों का कोई भी फोन मरे पास आया ही नहीं। लेकिन उसका फायदा यह जरूर हुआ कि उसके बाद से कई बड़े अधिकारी, वकील, व्‍यवसायी, नेता और मध्‍यम ही नहीं, बल्कि अल्‍प आर्थिक स्थिति वाले सामान्‍य परिवारों के फंसे लोगों ने भी बवाल में बचने के लिए मुझसे संपर्क करना शुरू कर दिया। यह वह लोग हैं, जिनके लिए अलभ्‍य है सेक्‍स, तालाब में लटकी कंटिया देखते ही भूखी मछली की तरह गप्‍प से मुंह मार बैठते हैं ऐसे भुक्‍खड़ लोग। वाराणसी, बुलंदशहर और बरेली के कई प्रतिष्ठित लोग मेरे पास आये। जौनपुर के एक वरिष्‍ठ और वयोवृद्ध वकील साहब तो इतना सकपका चुके थे, कि उन्‍होंने वह क्लिप वीडियो ही मुझे वाट्सऐप पर भेज दी। इसमें वे बेहद गदगद हैं, जिसमें सौ-बीमारों में से केवल उन्‍हें ही वह अनार मिल पाया। अब उनकी चिरी-फटी की जय शुरू हो गयी है। तनिक सोचिये कि खुदा न ख्‍वास्‍ता यह वीडियो किसी दूसरे शातिर व्‍यक्ति को मिल जाता, तो उनका गन्‍तव्‍य सीधा श्‍मशान ही होता। उन्‍होंने कुबूल किया, कि वे अब तक साढ़े सात लाख रुपया अदा कर चुके हैं। चार किश्‍तों में।

सोशल-मीडिया में मंडराती ब्‍लैकमेलर “विष-कन्‍याएं”

आपको बता दें कि इनमें से 90 फीसदी लोग ऐसे ही थे, जो मेरे उन्‍मुक्‍त व्‍यवहार को हेय, गंदा-संदा और अश्‍लील-अभद्र मानते हुए मुझसे हमेशा कन्‍नी काटा करते थे। राह में कहीं मिल जाएं, तो आंख बचा कर निकल जाते थे। लेकिन आज वे खुद ही ऐसे संकट में फंसे थे, जो उनकी सारी शराफत, सज्‍जनता और प्रतिष्‍ठा को दक्खिन कर रहा था। ऐसे में वे उस हाथी की तरह मुझसे राहत के लिए चिल्‍ला-चिल्‍ला कर चिग्‍घाड़-गिड़गिड़ा रहे थे कि चाहे कुछ भी हो, लेकिन मैं उनको ग्राह-संकट से त्राण करा दूं। खाली-बैठे मैं ही उन सबके लिए श्री-हरि साक्षात विष्‍णु भगवान बन गया।
गह्यौ ग्राह गज जिगि समै, पहुँचत लगी न बार।
और कौन ऐसे समै, संकट काटनहार॥

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