सीमांत गांधी थे बादशाह खान। हम उनकी धूल भी नहीं

बिटिया खबर

: खान अब्दुल गफ्फार खान, पाकिस्तान सरकार ने जेल में ठूंस दिया : शख्स एक, नाम बहुतेरे। लेकिन सब के सब मशहूर, प्रचलन में, प्रश्नों से परे : सब तो छिन गया मेरा। अब गठरी ही बची है :

कुमार सौवीर

लखनऊ : खान अब्दुल गफ्फार खान। इस शख्स ने खुद को खुदाई खिदमतगार के साथ ही साथ यह भी पूरे गर्व के साथ स्वीकार कर लिया कि महात्मा गांधी जी के बाद ही हैं। जहां तक गांधी खत्म होते हैं, वहां के फौरन यह खान मौजूद होता है। निर्विवाद।
फ्रंटियर गांधी, सीमांत गांधी, बादशाह खान, लाल-कुर्ती सेना उर्फ लाल-पॉश का संस्थापक, सरहदी गांधी, वगैरह-वगैरह। एक बार गांधी जी ने उनसे एक अपना संगठन बनाने को कहा, तो महज तीन दिनों में ही सीमांत गांधी ने एक सेना बना ली। नाम था लाल-कुर्ती। ड्रेस थी लाल कुर्ता। सैनिक थे कुल दस लाल। और यह विशाल सेना केवल तीन दिनों में इत्ता बड़ा आकर ले गयी तो गांधी जी मजबूरन बोल पड़े, ” खान! अब बन्द कर दो।”
बंटवारा के बाद हुए खून-खच्चर से व्यथित सीमांत गांधी पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन पाकिस्तान ने उनका और पूरे खानदान को बेहद अपमानित कर डाला। उनका और उनका बेटा समेत अधिकांश परिवार जेल में ठूंस दिया गया। कांग्रेस सरकार में उनकी तबियत बेहद नाजुक ही गयी, तो इंदिरा गांधी ने सन-1969 को इनका इलाज के लिए उन्हें पाकिस्तान से भारत बुला लिया। दिल्ली हवाई अड्डे में जब वे उतर, तो उनके हाथों में एक छोटी सी गठरी थी। गांधी जी ने लपक कर उनको सहारा देते हुए उनकी गठरी संभालने को कोशिश की, तो मुस्कुराते हुए खान बोले, ” सब तो छिन गया मेरा। अब गठरी ही बची है।” इंदिरा जी और खान के बगल में खड़े जयप्रकाश नारायण यह देख कर फफक कर रो पड़े।
शरणार्थियों को ठिकाना दिलाने में बादशाह ने हिंदुस्तान में अथक प्रयास किये। उनको हमेशा-हमेशा हिंदुस्तान में बसाए फरीदाबाद में उनकी याद में एक बड़े सरकारी अस्पताल का नाम ही बादशाह खान अस्पताल रख दिया गया। लेकिन पिछले 17 दिसम्बर-2020 में हरियाणा की सरकार ने बादशाह अस्पताल का नाम बदल कर अटल बिहारी बाजपेयी अस्पताल में तब्दील कर दिया।
आज उन्हीं बेमिसाल और अजीमुश्शान खान शख्स अब्दुल गफ्फार खान की जयंती है। यह फ़ोटो गिरीश मालवीय के पिता जी ने बनायी है। हालांकि ऐसी ही हाल खान साहब पर लिखी एक किताब पर भी है, जिसमें वे गांधी जी के साथ खड़े हैं।
आप बादशाह गांधी को पढ़ना, जानना और समझना चाहते हों, तो खान अब्दुल गफ्फार खान नाम की किताब ले लीजिए। जीवन सफल हो जाएगा।

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