उत्‍तराखंड से मुसलमानों के पांव उखड़ने शुरू, जवाबी कार्रवाई देहरादून में

बिटिया खबर
: 15 को हिन्‍दू महापंचायत करेगी विहिप-बजरंगदल, इसके पहले ही मुसलमानों को इलाका खाली करने की चेतवानी : पुरोला में अल्‍टीमेटम का असर, एक दर्जन से ज्‍यादा परिवार देहरादून भागे : पिछले चार दशकों से इस इलाके में व्‍यवसाय कर रहे हैं यह मुसलमान परिवार : 18 को देहरादून में मुसलमानों ने भी पंचायत आयोजित करने का ऐलान किया :

कुमार सौवीर

लखनऊ : जोशीमठ की जमीन धंसने से ज्‍यादा भयावह हालत अब पूरे उत्‍तराखंड की होती जा रही है। यहां अब पहाड़ तो उतना नहीं धंस रहे हैं, जितना वहां का सौहार्द्र और परस्‍पर प्रेम की जमीनें धंसकने लगी हैं। शुरुआत हो रही है उत्‍तरकाशी और टिहरी-गढ़वाल से, जहां से विहिप-बजरंगदल के लोगों ने मुसलमानों को साफ-साफ अल्‍टीमेटम दे दिया है कि वे यमुना घाटी को छोड़ कर तत्‍काल चले जाए। उधर इस गुंडागर्दी का जवाब देने के लिए देहरादून के मुसलमानों ने भी ईंट का जवाब पत्‍थर से देने का फैसला किया है।
उत्‍तराखंड का जिला है उत्तरकाशी। वहां के पुरोला में पिछले चालीस बरसों से मुसलमानों के परिवार पिछले करीब चार पीढि़यों से रह रहे हैं। इन सभी का यहां अपना व्‍यवसाय है। पूरा इलाका शुरू से ही बेधड़क रहा है। सद्भाव का आदर्श स्‍थान माना जाता रहा है पिछले चार दशकों से भी ज्‍यादा वक्‍त से। कभी कोई तनाव नहीं हुआ।
लेकिन अब विश्‍व हिन्‍दू परिषद और बजरंग दल के लोगों ने इन लोगों को बेदखल करने का अल्‍टीमेटम देना शुरू कर दिया है। वजह यह कि विश्‍व हिन्‍दू परिषद और बजरंग दल पुरोला में हिन्‍दुओं को महापंचायत करने का ऐलान कर दिया है। यह हिन्‍दू महापंचायत 15 जून को होनी है। लेकिन इसके पहले ही विश्‍व हिन्‍दू परिषद और बजरंग दल के लोगों ने मुसलमानों को चेतावनी दी है कि वे जल्‍द से जल्‍द इलाका छोड़ कर बाहर चले जाएं।
पत्रकार सचिन गुप्‍ता के मुताबिक कपड़ों का व्यापार कर रहे आखिरी मुसलमान शकील कल सपरिवार देहरादून शिफ्ट हो गए। अब तक पुरोला से 8 और यमुना घाटी से 12 लोग अपनी दुकान छोड़कर जा चुके हैं। पुरोला में 15 जून को हिन्दुओं की महापंचायत होनी है। इससे पहले मुस्लिमों को छोड़कर चले जाने के लिए कहा गया है।
हिंदुओं के बाद मुस्लिमों ने भी पंचायत का ऐलान किया। ये पंचायत 18 जून को देहरादून में होगी। कहने की जरूरत नहीं कि मुसलमानों की यह पंचायत जोशीमठ और आसपास के इलाकों में मुसलमानों को भगाने के बाद की घटनाओं पर जवाब देने के लिए रणनीति बनाने को लेकर ही की जा रही है।

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