मेरठ अश्लील वीडियो कांड: ऐसे हादसों में भाजपाई अव्वल

दोलत्ती

: दोषी पार्षद को आनन-फानन जमानत। जजों, अफसरों से जुड़ा है दोषी : नेहरू-लोहिया से कोसों आगे बढ़ गई राजनीति : एनडी तिवारी सबसे निर्लज्ज झंडा-दार : सपा भूल गयी लोहिया का मंत्र ” योनि की शुचिता ” : अफवाहों के शिकार हुए हरिद्वार दुबे, कल्याण सिंह अपनी करतूतों के शिकार : लालजी, राजनाथ व कलराज ने कल्याण की धोती खोली :

कुमार सौवीर

लखनऊ : स्त्री और पुरुष में एकसाथ बैठना-उठाना एक सामान्य स्थिति है। इसमें जब दैहिक आत्मीयता का पारा बढ़ जाता है, तब स्थिति चरम सुख की ओर बढ़ जाती है।राजनीति में सक्रिय पुरुष और महिलाओं के बीच शारीरिक संबंध बनाना भी तो एक सहज घटना है। लेकिन उनका क्या किया जाए, जो ऐसी किसी सहज घटना को वीडियो में उतार कर उनको ब्लैकमेल करते है या फिर उनकी छवि बर्बाद करने के लिए ऐसे वीडियो को वायरल कर देते हैं। उससे भी शर्मनाक तो तब होता है, जब ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के दोस्तों की मंडली में बड़े-बड़े जज, आला अफसर और समाज के प्रभावशाली लोग सिर्फ होते नहीं हैं, बल्कि किसी खतरन्तक षड्यंत्र की तरह अपनी मंडली को सोशल मीडिया में लगातार सार्वजनिक भी करते रहते हैं।
मेरठ में यही हुआ। समाज और शासन के साथ तक न्यायपालिका तक में बड़े ओहदेदार लोगों से संपर्क रखने वाले भाजपा के एक पार्षद ने अपनी ही एक पार्टी की सहयोगी मित्र के साथ हुए आत्मीय क्षणों पर न केवल वीडियो बना लिया, बल्कि उसको धमकी के तौर पर रख कर अपनी मनमानी करनी चाही, और कहा कि ऐसा नहीं किया तो मैं उसे तबाह कर दूंगा। भाजपा की महिला नेता ने इस धमकी पर घुटने नहीं टेका, तो भाजपा पार्षद ने वह वीडियो वायरल कर दिया। मामला पुलिस में हुआ, तो गिरफ्तार पार्षद को कोर्ट से आनन-फानन जमानत भी दे दी गयी।
जैसा कि मैंने पहले ही लिखा है कि राजनीति में महिला का साथ एक सहज होने के साथ एक डरावने दुःस्वप्न की तरह भी हो सकता है। कभी दुष्प्रचार, तो कभी सहज सम्बन्ध। कभी तिल का ताड़, तो कभी घटिया पन। जिसका मकसद दो लोगों की शालीन मित्रता या मेलजोल पर बेगैरत तांडव का माहौल बनाना।
सन-1936 में अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद नेहरू जी ने अपनी पत्नी की अस्थियां अपनी तकिया में भर लिया था। पुरातन से ही अस्थियों को तालाब, झील या गंगा जैसी नदियों के साथ समुद्र में भी प्रवाहित करने की परंपरा रही है, लेकिन नेहरू जी का अपनी पत्नी के प्रति प्रेम-स्नेह तो देखिए कि वे पत्नी की अस्थियां सिरहाने के नीचे रखते थे। लेकिन इसके बावजूद गैर-कांग्रेसी और खासकर बाद बने समाजवादी और संघी लोगों ने नेहरू जी के साथ एडविना माउंटबेटन पर खूब चटखारा लिया। यह जानते हुए कि एडविना जी उस दौर साम्राज्ञी के दूसरे श्रेणी परिवार की थीं, और ब्रिटिश उपनिवेश के सबसे हिस्से संयुक्त भारत के सर्वोच्च पदाधिकारी रहे लॉर्ड माउंटबेटन की पत्नी थीं, जिनकी सुरक्षा के लिए हजारों सैनिक तैनात थे और उनके महल में कोई पंख भी नहीं फड़फड़ा सकता था।
खैर, उसके बाद लोहिया जी का प्रेम संबंध खुल कर सामने आया। सच को सच मानने, कहने और अंगीकार करने में लोहिया का रवैया इसी घटना से देखा जा सकता है कि उन्हीने अपनी ही सरकार को गिरा दिया था। वे महिलाओं के भी घनिष्ठ मित्र थे, और सेक्स में खुलेपन के समर्थक भी, लेकिन सेक्स में व्यभिचार के सख्त विरोधी। अपनी लंदन में रहने वाली महिला मित्र को उन्होंने एक पत्र लिखा था, जो एक अद्भुत निबंध की शैली में था। लेख का नाम है:- योनि की शुचिता।
बाद की छुटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो संजय गांधी के मित्र अकबर अहमद डम्पी और पूरी चांडाल-चौकड़ी ने खूब अराजकता की,लेकिन उनकी हरकतें कभी भी दीवारों से बाहर नहीं सरक सकीं। हालांकि सन-77 में इसी चांडाल चौकड़ी के सदस्य और रायबरेली के डीएम अफसर की हत्या दिल्ली के एक होटल में तब हुई, जब वे एक महिला मित्र के साथ थे। हत्या की खुद उनकी पत्नी ने।
बाद में यह जिम्मा नारायणदत्त तिवारी ने सम्भाल लिया। 18-20 बरस तक की लड़कियों को उन्होंने लाल बत्ती से नवाजा, और उसके बदल में उनका शरीर और दौलत भी हासिल किया। तब तो उत्तराखंड के पूर्व अधिकारी और व्यंग्यकार कवि नेगी ने एनडी तिवारी पर जम कर गीत लिखे। बाद में आँफहर प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर हैदराबाद स्थित राजभवन में तिवारी जी का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे तीन महिलाओं के साथ नग्न अवस्था में थी। सभी निर्वस्त्र। नतीजा, तिवारी जी को फौरन ही कांग्रेस सरकार ने तियाँ-पांचा कर राजभवन से भगा दिया।
लेकिन कल्याण सिंह के पहले कार्यकाल में उनके बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री थे हरिद्वार दुबे। एक महिला से उनके सम्बन्ध पर भाजपाइयों ने हल्ला मचाया। तब तक शुचिता के प्रतीक-पुरुष बने कल्याण सिंह ने हरिद्वार दुबे को मंत्रिमंडल से निकाल बाहर कर दिया। लेकिन विधाता का किस्सा भी गजब का रहता है। विधाता ने एक तरफ जहां कल्याण सिंह के माध्यम से हरिद्वार दुबे का कचूमर निकाला, वहीं राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र और लालजी टंडन की तिकड़ी ने एक महिला को लेकर कल्याण सिंह की पुंगी बजा दी। छीछालेदर इतनी हुई कि कल्याण सिंह अपनी सारी टोली लेकर एक नई पार्टी बनाकर अलग हो गये। वह तो जल्दी ही भाजपा को एहसास हुआ उनके जाने से मध्य और पश्चिम उत्तर प्रदेश में लोध को लेकर वोट संतुलन गड़बड़ा जाएगा, इसलिए कल्याण सिंह की वापसी भाजपा में फिर हो गई। लेकिन जल्दी ही कल्याण सिंह को राज्यपाल बनाकर बाहर भेज दिया गया और कल्याण सिंह अपनी बुढौती में अपनी टोली को तितर-बितर देखते टुकुर टुकुर करते रहे। स्मृति दंश भी कष्ट दे गया।
समाजवादी पार्टी में आदर्श के तौर पर भले ही लोहिया का जयकारा लगाया जाता है लेकिन सच बात यही है कि संबंधों के प्रति जो आस्था और स्वच्छता का भाव लोहिया में था, किसी भी समाजवादी पार्टी नेता में कभी भी नहीं दिखा। चाहे वह मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह यादव ही क्यों ना हों। समाजवादी पार्टी के पहले जो कुछ भी छुपकर होता था, वह सपा में खुल्लम खुल्ला होने लगा। पार्टी के दफ्तरों ने होने वाली चर्चाओं में भी शिवपाल सिंह यादव की शैली महिलाओं के प्रति निहायत अभद्र, अश्लील और जाहिर है कि आपत्तिजनक होती थी। ऐसे बड़े नेता परस्पर बैठकों में बातचीत के दौरान यह ध्यान तक नहीं देते थे कि जिस मंडली में वे बात कर रहे हैं, उनमें महिलाएं भी बैठी हैं।
17 जुलाई, सन 2014 में लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित बल सिंह खेड़ा के सरकारी स्कूल में जिस तरह एक युवती की नंगी और रक्तरंजित लाश मिली, उसका सारा तोहमत समाजवादी पार्टी के कुछ बड़े नेताओं पर भी पड़ा। शर्मनाक बात यह थी कि उस समय मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर कोई हस्तक्षेप नहीं किया। नतीजा यह हुआ कि तब के लखनऊ में एसएसपी रहे नवनीत सिकेरा से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय भवन में बैठे बड़े अफसरों के चेहरों पर भी खूब कालिख पड़ी।
लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद इस तरह की घटना सड़क पर ही बिखर गई हैं। चाहे वह उन्नाव वाले सेंगर का मामला हो या फिर बिजनौर से एमएलए आवास का, छीछालेदर बेहिसाब होने लगा है।
और अब ताजा मामला है मेरठ का, जहां भाजपा के एक पार्षद ने भाजपा की ही एक महिला नेता का अश्लील वीडियो बना कर धमकाया, लेकिन डिमांड न मिलने पर वह वीडियो वायरल कर दिया है। यह पार्षद इसके पहले एक अस्पताल से रंगदारी मांगने में पकड़ा गया था, लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं ने मामला सुलझा लिया।

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