: डिप्टी सीएम केशव पर गुस्साए हैं नंदी, क्यों को सपाई ले आएं : बिना पूछे क्यों कार्रवाई : प्रयाग क्षेत्र में खुद को बेताज मानते हैं नंदी, अब छूची निकल रही : क्रैक डीलर पर पांच करोड़ कर्ज का आरोप :
कुमार सौवीर
लखनऊ : यूपी सरकार में आज एक जबरदस्त फ्रैक्चर हो गया। तिलमिलाए गोपाल नंद गुप्ता नंदी ने सांसद योगी की सरकार में पहले नंबर वाले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर सीधा-सीधा आरोप लगाया है कि नंदी की पुंगी के लिए केशव मौर्य ने आज बीजेपी कार्यालय में इलाहाबाद में समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रायस चंद्र शुक्ला को बीजेपी ज्वाइन कर रही है। इस घटना को पार्टी में केशव मौर्य की झलक और नंदी गोपाल गुप्ता नंदी की छुच्छी पूरी तरह से लीक हो जाने की तरह समझा जा रहा है।
आपको बता दें कि गोपाल गुप्ता नंदी इलाहाबाद और आसपास के लोगों को खुद को बेताज बादशाह मानते हैं। और उन्हीं के गृह जनपद के सपाया रईस को बीजेपी में शामिल करें कर केशव प्रसाद मौर्य ने नंदी की पूंछ को दबा दिया है। इस नए बदलाव के चलते अब नंदी सिर्फ कुंकुंआते ही रह सकते हैं। नंदी बहुत समझ रहे हैं कि केशव मौर्या की तगड़ी घुसपैठ भाजपा के शीर्ष तक सीमित है, क्योंकि केशव मौर्य की इस करतूत से नंदी की भाजपा में सत्यानाश हो जाएगा। वे अब किसी को मुंह नहीं देखेंगे।
इलाहाबाद और आसपास के इलाके में अतीक अहमद से मंदिर गोपाल गुप्ता नंदी की तगड़ी दोस्ती थी, लेकिन अतीक की कतल पर से इस मसले पर नया विवाद मिला है। साफ आरोप चल रहे हैं कि नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने अतीक के हो जाते ही पांच करोड़ रुपये एक ही घूंट में गटागट पी लिया था और उस पर कोई डकार तक नहीं लिया। अतीक से नंदी की घनिष्ठ मित्रताएं घनिष्ठ थीं और सरेआम रही है। आरोप है कि अतीक ने नंदी से पांच करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। वक्त पर यह रकम वापस न मिलने पर अतीक “खुदा-गंज” चले गए।
लेकिन अब जब नगर मेयर पर बीवी का टिकट कटा तो सरकार और पार्टी के बड़े लोगों को भी गले लगाने पर आमादा हो गए।
हालांकि नंदी के पेट पर जुलाब इस बात पर तेजी से गुडगुड़ा रहा है कि बीजेपी ने सपा नेता रईस चंद्र शुक्ला को बीजेपी में क्यों ज्वाइन किया?
दरसल, नंदी अब तक बीजेपी को अपने बाप की जागीर मान रहे हैं। नंद गोपाल इस बात पर ताव खा जिए हैं कि बीजेपी में एक सपाई शुक्ला कैसे घुस आया। सोचा, कि ऐसे उनकी दुकान ही उजड़ जाएगी। राजनीति के पहले नंदी सरकार गल्ला की दुकान चलाती थी।
आजकल बीजेपी सरकार में रामनाम रसमलाई चाट रहे नंदी इस वक्त भूल गए कि सन-07 में बहुजन समाज पार्टी में विधायक और मंत्री बने रहें। पहले लंबे समय तक सायकिल का पैडल भी चला गया। चर्चा करते-करते नंदी ने मलकाटे में पूर्व के सभी नेताओं को पिछाड़ दिया था। उसी दौर में इलाहाबाद में उन पर बम फेंके गए, जिनमें एक पत्रकार भी मौत के घाट उतार दिया गया। तो मायावती ने अपने इस कमाऊ मंत्री नेता की जान बचाने के लिए उन्हें हवाई अड्डे से मंगवा लिया था।
सन-12 के चुने हुए ने हाजी ने उन धुरचुक्क करारी पराजय चटा डाले। चुनावी जाल में भी सजा हुई।
आदरणीय भईया सादर चरणस्पर्श!🌹 🙏🌹
आपकी ये खबर कहीं नंदीग्राम में न पहुंच जाए… 🤔🤔🤔
नि:संदेह….गाय माताओं संग पिताओं का हुज़ूम योगी आदित्यनाथ के सामने दहाड़ता मिल सकता है …! 🤪🤪😎😎🤣😝😝😂