तुम्‍हें न वकालत आती है, न मुंशीगिरी। जजी क्‍या करोगे: बोले वीरेंद्र भाटिया

: वकालत की दुनिया में अद्भुत शख्सियत थे वीरेंद्र भाटिया, लेकिन आखिरी वक्‍त में सब साथ छोड़ गये : दूसरों को जोड़ने और उनकी जरूरतों के चक्‍कर अपने ही लसोढ़ापन का शिकार बन गये वीरेंद्र भाटिया : बड़ा जिगर था रमेश पांडेय का। वे अपनी जरूरतों को भी बौना बना सकते थे : रमेश की […]

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हाईकोर्ट के जज हो ! कभी दमड़ी भी खर्च की, कि आज ही करोगे ?

: संकट में बेहाल युवक की रंगत से ही पहचान जाते थे शचींद्र : राघवेंद्र सिंह जब गुस्‍सा आता, तो वे अपने साथी के सारे कपड़े धोकर सुखा डालते : जौनपुर के पिलकिछा के रहने वाले शचींद्र नाथ उपाध्‍याय ने इलाहाबाद में पूरा जीवन एकाकी बिताया : कुछ की हरकतें, जरूरतें, लापरवाहियां, तो भूल-चूक से […]

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हुसैनगंज का जिल्‍दसाज और पंसारी छंगा ही है लखनऊ का लसोढ़ा-पन

: उस सामाजिक ताना-बाना में पूरा मोहल्‍ला अभिभावक था : अभी भी वक्‍त है म्‍यां। रिश्‍तों को जोड़ने के लिए लसोढ़ा उगाइये : जन्‍मजात होती है बच्‍चों में झूठ और चोरी की आदत, उन्‍हें सहजता से निपटाना जरूरी : पतंग लूटने या उसे दुरुस्‍त कराने की औकात होती, तो नयी कनकउव्‍वा न खरीद लेते : […]

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लसोढ़ा चखे पतंगबाजी क्‍या खाक समझोगे ?

: रामपुर और बरेली में भी होती है पतंगबाजी, लेकिन जमघट सिर्फ लखनऊ में : मुझे तमीज की लीक पर लाने के लिए पापा ने लगाया था लसोढ़ा : झगड़े में भी सम्‍मान से बात करना भी लखनवी लसोढ़ा-पन ही तो है : लखनवी तमीज में जो लोग बचे हैं, लसोढ़ा का ही असल कमाल […]

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सच बोला एडीजी-एलओ। मनीष का “जमकर इलाज” किया था पुलिसवालों ने

: एडीजी कानून व्‍यवस्‍था प्रशांत कुमार जैसे एक जिम्‍मेदार अफसर का सफेद झूठ : गोरखपुर के होटल में पुलिसवालों ने दिखाया अपना हत्‍यारा चेहरा, एडीजी-एलओ पुलिस के बचाव में : पुलिसवालों के जीवित देह-यष्टि में मृत लोथड़े में तब्दील कर डाला था : शनि महराज न्‍याय के देवता हैं, उनसे डरो। वे लंगड़े जरूर हैं, […]

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क्‍या बलिया, क्‍या आगरा। कहानी मिलती-जुलती है

: पत्रकार हत्‍याकांड पर सच कुबूलने का हौसला जरूरी : इश्‍क, खाद्यान्‍न, रंजिश : बलिया में पत्रकार चिल्‍लाये, आगरा में व्‍यापारियों ने हंगामा काटा था : साजिश थी कुमार सौवीर को पीटने की : कुमार सौवीर लखनऊ : हम किसी निर्णायक नतीजे तक पहुंचने का दावा नहीं कर रहे हैं। लेकिन बलिया में जिस तरह […]

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बलिया में आज ही पीटे जाएंगे कुमार सौवीर

: शनिवार को उतरेगा सनिच्चर, होगी जूतम-पैजार : बहाने से बुलाया जाएगा कुमार सौवीर को : पत्रकारों के ऐप समूह में कुमार सौवीर का खुलेआम हिंसक विरोध : दोलत्ती संवाददाता बलिया : बागी बलिया के पत्रकारों ने आखिरकार एकसुर में फैसला कर लिया है कि पत्रकार और पत्रकारिता के सम्मान पर कोई भी समझौता नहीं […]

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कुमार सौवीर को मौत के घाट उतार देगी यह “काम-देवी”

: शाप-ग्रसित होकर अपने ही सौंदर्य पर मर मिटेगा नायक : यूनानी कहानी में है कामेच्‍छा की उपेक्षा करने वाले को तड़पा-तड़पा कर मार डालने की दु:खान्‍त हृदयविदारक कहानी : कुमार सौवीर लखनऊ : अधिकांश यूनानी साहित्‍य तो दु:खान्‍त से अटा पड़ा है। दण्‍ड, हताशा, उपेक्षा, आत्‍महत्‍या, प्रतिशोध वगैरह-वगैरह। लेकिन अब यूनानी साहित्‍य में अब […]

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हैप्पी बाप-डे: मचा कोहराम, पूरा देश स्तब्ध

: अचानक ताबड़तोड़ तीन इंजेक्शन और एक टीका उनके हाथों पर और उनके पीछे दोनों ड्राइंग-रूम में लगा दिया गया : इंजेक्शन लगाने वाले को चीनी एजेंट करार दे दिया गया : कुमार सौवीर लखनऊ : इस दिव्य अवसर पर एक सवाल बूझिये। “बप्पा के दो आगे बप्पा, बप्पा के दो पीछे बप्पा। आगे बप्पा, […]

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गुस्साई माँ के श्राप से घूसखोर क्लर्क की मौत

: मदर्स-डे स्पेशल : हम किस प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। घूस लेने-देने वाले या उसके सख्त विरोधी ? : “दुर्बल को ना सताइये, वां की मोटी हाय। बिना साँस की चाम से, लोह भसम होई जाय।” : कुमार सौवीर लखनऊ : श्राप का महत्व तो हमने सदियों से पढ़ा और सुना है। श्राप यानी आर्त […]

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बुद्ध पूर्णिमा: मत करो किसी में उंगली, अंगुलिमाल देख रहा है

: बुद्ध की उंगली क्‍यों नहीं काटी अंगुलिमाल ने : बहुत सरल होता है महा-प्रश्‍नों का समाधान : न हुआ बुद्ध का वध, न बनी उंगलियों की माला : उत्तिष्‍ठ अंगुलिमाल। समय प्रतीक्षा में है : कुमार सौवीर लखनऊ: तो दोस्‍तों। अब उस महानतम प्रश्‍न का उत्‍तर आखिरकार मिल गया है कि अंगुलिमाल ने महात्‍मा […]

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एक डरावना सच, “मैं अखलाक को नहीं जानता?”

: दक्षिण एशियाई देशों में भयावह है बाल यौन-दुराचार : दिल्ली मेट्रो में मिली थी लाश : आत्महत्या का कारण है घटनाओं को देख, महसूस कर व्यवस्थित न कर पाना : जीभ-लिंग  5 : कुमार सौवीर लखनऊ : (गतांक से आगे)। मैं अखलाक को नहीं जानता था। बस फेसबुक पर ही परिचय था। पता चला […]

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सोडोमी: भोगा तो सबने, बताता है सिर्फ कुमार सौवीर

: गरीब देशों में लडकों से यौन-दुराचार एक डरावना सच है : अधिकांश लोग भुगतते हैं, मगर बताता कोई नहीं : जीभ-लिंग 4 : कुमार सौवीर लखनऊ : (गतांक से आगे)। और उसके सातवें दिन ही अखलाक हुसैन की लाश दिल्ली के मेट्रो रेलवे स्टेशन के नीचे बरामद हुई। पोस्टमार्टम में पता चला कि अखलाक […]

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पवित्रता का राजपथ: पश्‍चाताप नहीं, प्रायश्चित कीजिए

: पश्‍चाताप तो अकर्मण्‍य-उदासीन स्थिति है, जबकि प्रायश्चित एक आदर्श सार्थक क्रिया : अपने अनुभव हमें भेजिए, स्‍वयं को पवित्र व निर्मल कीजिए : जीभ-लिंग 2 : कुमार सौवीर लखनऊ : (गतांक से आगे) दुर्वासा ऋषि को सबक सिखाने के लिए शिव-शम्‍भू ने जो लीला रची, उसके बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता था। शिव […]

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जिन्‍दगी के हर मोड़ पर थप्‍पड़ मारती है फिल्‍म “थप्‍पड़”

: फिल्‍म देखिये, इसके पहले कि थप्‍पड़ गाल पर आने की नौबत पहुंचे : थप्‍पड़ क्रिया में मारने, देखने, सुनने, महसूस, दर्द को समझने और टीस को अंतर्मन तक घुलते हुए भोगने वालों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग : कुमार सौवीर लखनऊ : थप्‍पड़। हर शख्‍स को थप्‍पड़ खाने पर बहुत नाराज नहीं होना चाहिए। बल्कि उसे […]

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