पुष्पा वकील हैं, पर चप्पल खूब चलाती हैं

एक बेटी को कैप्टन, तो दूसरी को सिखाया अमेरिकी बेहूदगों का सबक : दामाद और साढुआनी को चप्पलों से कूट चुकी हैं शिक्षिका पुष्पा : ताकि अधिकारों के प्रति सचेत हो हर नारी : पूर्व राष्ट्रपति से सम्मानित हो चुकी हैं पुष्पा : छेड़खानी की चलती-फिरती पाठशाला खोल दिया है इस फैजाबादी बाला ने : […]

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बेटी की लालसा वाला कोई जजमान नहीं मिला

भविष्य पुराण के अनुसार गंगा की उम्र पूरी, पांच हजार साल बीते : धर्म-च्युत व्यक्ति नराधम, शुक्राचार्य तक काना हो गये : जीवन-धर्म खोकर श्वान-श्रंगाल की गति, द्रोण तक बिला गये : तय कीजिए कि इतिहास बन कर वंशजों का धिक्कार पाना कैसे लगेगा : कुमार सौवीर वाराणसी : ( गतांक से आगे ) पहली […]

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शास्त्री जी ! हमें बेटी नहीं, बेटा चाहिए: कहती हैं महिलाएं

बेटा चाहने वालों में महिलाओं की तादात अधिक, बेटी प्राथमिकता नहीं : आयुर्वेद चिकित्सा में फर्स्ट-एड है ज्योतिष विद्या : दाम्पत्य-विवाद से जुड़े सवाल 20 फीसदी से ज्यादा : पड़ोसी से रार ठाने लोगों को समाधान चाहिए हमसे : देवकी नंदन शास्त्री चाहते हैं कि ज्योतिष को राज्याश्रय मिले : लीजेंड्स ऑफ बनारस : कुमार […]

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बीएचयू से इंजीनियर बनना चाहते थे, लगे बेचने तेल

भाईचारा घरेलू समारोहों में चलता है, व्यापार में नहीं कुमार सौवीर : एक बार एक बदमाश को जमकर पिटवा भी चुके हैं दीनानाथ झुनझुनवाला : बिस्कुट का धंधा शुरू किया तो 3 महीने में ही देश के सर्वश्रेष्ठ उपाधि हासिल कर ली : आप प्रयास तो कीजिए ना, हर चीज स्वर्ण है। हां हां, मलमूत्र […]

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जहां न पहुंचे गाड़ी, वहां पहुंचे मारवाड़ी

राष्ट्र के कुल घी-उत्पादन में 7 फीसदी हिस्सेदार हैं दीनानाथ कुमार सौवीर : शठे शाठ्यं समाचरेत के साथ ज्योतिष पर भी आस्था रखते हैं दीनानाथ झुनझुनवाला : गुजरात में होता तो 10 और विदेश में मैं 100 गुना बड़ा होता : जवानी तक तो हर सपना कदम-कदम पर ध्वस्त ही होता रहा : बेहद कष्टप्रद […]

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कुलीन घर नहीं, ठहाका लगाता अस्सी बताता है गालियों का गूढार्थ

काशी का अस्सी वाले प्रोफेसर काशीनाथ सिंह पर विशेष आयोजन : काशीनाथ सिंह को चिढ़ है परस्पर-विरोधी शब्दों के प्रयोग से : काशीनाथ के मुताबिक शब्‍द तो संवाद को व्‍यवस्थित करते हैं (1) : बनारस: ( पिछले अंक से आगे ) बहुत मुश्किल होता है जीवन के चौथे खण्ड में बीते तीनों खण्डों के आधार […]

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अनसुलझा प्रश्न, कि गालियां औरत होती हैं या मर्द

आलोचक कहते हैं कि भाषा के साथ काशी ने दुराचार किया : गालियां सशक्त माध्यम हैं, भूमंडलीकरण के बदलते दौर में सबकुछ बदलेगा : काशीनाथ के मुताबिक शब्द तो संवाद को व्यवस्थित करते हैं (1) वाराणसी: हिन्दी साहित्य तो इस खानदान का घरेलू धंधा है। अब इस पर तो झंझट किया जा सकता है कि […]

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‘जसरा सिस्टर्स मस्ट कम फर्स्ट’ और लीला जीत गयीं (2)

बहुत बहादुर था प्रो शर्मा, अंग्रेजों ने उसे बहुत टार्चर किया : अंतिम दौर में लीला जसरा की स्‍मृति कमजोर होती जाने लगी थी : जीवन गांधी-दर्शन को समर्पित रहीं लीला ने हमेशा खादी धोती पहुंची : महेंद्रवी हास्‍टल में तो अब एक भी वृद्ध नहीं बचे : ( पिछले अंक से आगे ) वे […]

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‘जसरा सिस्टर्स मस्ट कम फर्स्ट’ और लीला जीत गयीं (1)

3 साल में मां, 16 में पिता, बुढापा में पति और बेटा खाया : मैट्रिक पास किशोरी को मिली थी दसवीं कक्षा को पढाने की नौकरी : प्रो शर्मा से विवाह में सारे गांधीवादी थे घराती, फरारी में हुई मौत : बहादुर था प्रो शर्मा, अंग्रेजों ने उसे बहुत टार्चर किया, पर हार नहीं मानी : […]

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विरोध स्वतंत्र इंसान का होता है, डोरमैट का नहीः पेंटल बी

करतार सिंह पेंटल की उम्र बीएचयू से एक साल ज्यादा : लीजेंड्स ऑफ बनारस ( छह ) : राधाकृष्णन ने बीएचयू में नौकरी का प्रस्ताव ठुकरा दिया था बाईजी ने : सम्पत्ति, प्रतिष्ठा और वासना नहीं, मेरा लक्ष्य श्रेष्ठ नागरिक बनाना है : छात्रों को यदि सुधार के लिए भय दिखाया तो यह हिंसा कैसी […]

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जवानी जाते ही घुटने जवाब दे गये, पर मुंह जवान रहा शहनाई का

: लीजेंड्स ऑफ बनारस (पांच) : 5 पड़पोतों समेत इस खानदान में अब 80 से ज्यादा लोगों की रसोई पकती है : अब कहां रही हुनर परखने की औकात और कहां गये पारखी : शहनाई से मोहब्बत ने बिस्मिल्लाह को बनाया भारत रत्न : बातचीत के दौरान भी रियाज करते हुए प्रतीत होते हैं शहनाई […]

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“झुलनी का रंग सांचा हमार पिया” वाले चंद्रशेखर सुपरहिट हो गये

पति को प्रेम की सचाई बताती पत्नी की गवाही है यह गीत : लीजेंड्स ऑफ बनारस ( चार ) : 40 बरसों से यह गीत देश-विदेश के भोजपुरियों की जुबान पर चढा है : कुंवर सिंह पर पहले महाकाव्य ने दिशा ही बदल दी, हाथोंहाथ लिये गये : खुद दसवें दर्जे तक पढे मिश्र की […]

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लीजेंड्स ऑफ बनारस: तबले का शाहंशाह किशन महराज

चुपके से जेब में डाली गयीं कई अंगूठियां अभी भी हैं किशन पास : लीजेंड्स ऑफ बनारस ( तीन ) : तबले पर काशी का डंका जिन्‍दगी भर बजाता रहा तबले का कृष्ण कंहैया : पैदा होते ही कान में फूंक दिया गया था शास्त्रीय संगीत का मूल मंत्र : तबले के सामने कभी भी […]

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काशी की विभूतियां, यानी चिर-जीवंत लीजेंड्स ऑफ बनारस

जिनके नाम पर है ‘ बना रहे बनारस ‘ लीजेंड्स ऑफ बनारस ( एक ) : प्रोफेसर पंडित वीरभद्र मिश्र जी के निधन के बाद से ही बात सूझी कि क्यों न काशी के महानतम लोगों पर कोई सीरीज लिख डालूं। हालांकि यह काम तो मैं सन-06 तक पूरा कर चुका था, लेकिन कुछ झंझटों […]

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बंदरों ने संकटमोचन मंदिर, और अफसरों-सरकार ने काशी को अखाड़ा बना दिया

पंडित वीरभद्र मिश्र का अप्रकाशित इंटरव्यू, श्रद्धांजलि लीजेंड्स ऑफ बनारस ( दो ) : मर जाएगी महान गंगा, उसके आश्रित और एक महान सभ्यता भी : आस्थावान साथ कहां छोड़ते हैं, वह भी गंगा के साथ ही दम तोड़ेंगे : विश्व का अनोखा शहर काशी, जहां करीब 70 हजार लोग गंगा में नहाते हैं : […]

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