बारिश में पकौडि़यां, द्रौपदी तुम बर्तन ठीक से मांजा करो

: विमर्श यह कि नहाने-धोने में कौन वाली क्रिया पहले और क्‍यों : कृष्‍ण की बांसुरी के सातों स्‍वर-द्वार बनाम दुर्वासा का मुख्‍य-द्वार : कोरोना के बहाने मोदी-योगी ने पूरे देश को पुलिस से सरेआम पिटवाया : आधी सड़क चांपे लोगों को पकड़ कर सैकड़ों जूते मारिये, हरामखोरों ने सड़क बर्बाद कर डाली : कुमार […]

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स्मृति-शेष नहीं, आज सम्पूर्ण बन गए शेषनारायण सिंह

: रोजाना चार हजार लाशें निकल रही हैं, लेकिन गली, मोहल्लों और गांवों में मातम के बजाय अंधभक्तों की हुंकारें : करुण-क्रंदन और हताशा-अवसाद का माहौल रोकने के बजाय भगवान का भजन-कीर्तन में जुटे अंधभक्त : संघी की राजनीति देश-हित नहीं, बल्कि सर्वनाश कर देने करने वाली करतूत :  कुमार सौवीर लखनऊ : करीब दो […]

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एक लोटा एक प्राण या एक लोटा अनेक प्राण

: सामूहिक शव-दाह में कोई भी व्यक्ति अपनों की राख लेकर नहीं लौटता : अनेक इंसानी-प्राणों को राख में तब्दील कर बनाया “एकल-लोटा” : अदूरदर्शिता, मूर्खतापूर्ण ज़िद और काहिलियत पर अंध-भक्त अपनी भक्ति में ही लीन रहे : कुमार सौवीर लखनऊ : एक प्राण जब एकसाथ कई लोटों में भरा जाने लगे, तो समझ लीजिए […]

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आओ वक्‍त रहते शिकवे-गिले मिटा लें… क्‍या पता ! कल हो, न हो

: न जाने कौन कब हमारी जिन्‍दगी की किताब से अपना पन्‍ना फाड़ कर चला जाए : कई बार खबरें जब रोने पर मजबूर कर रही हैं : मैं खिड़की से दुहरे मास्‍क लगाकर प्‍लेट में सुबह-शाम ऐसे खाना डालती हूं मानो वह कोई अस्‍पृश्‍य हो: साशा सौवीर नई दिल्‍ली : ‘आज एक हंसी और […]

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एक बाप का “बाबर” बन जाना

: बेटी को कोराना हो गया, तो दहल गया बाप : बीमार हुमायूं को बचाने के लिए बाबर ने पलंग के सात चक्‍कर लगाये थे, मैंने घर का चक्‍कर लगा दिया : क्षेपक झूठ के आसमान में उगते हैं, जबकि सच हकीकत की जमीन पर : कुमार सौवीर लखनऊ : ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर और उसके […]

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हरदोई में मास्‍क से “अनुराग”, गरीबों के “वत्‍स” बेहाल

: जुर्माना तो निषेधाज्ञा पर वसूला जाता है, टैक्‍स जैसे दीगर राजस्‍व की तरह उनका ढोल कैसे बजाया जा सकता : झोला, साइकिल, कपड़े, मोबाइल या पास में जो भी होगा, ज़ब्त कर लिए जाते हैं : आमिर किरमानी हरदोई : लोगों की समझ में नहीं आ रहा है कि कोरोना को नियंत्रित करने की […]

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कपल चैलेंज: मूर्खता, साजिश, मस्ती, या नशा?

: किसी मसले तक पहुंचने की कोशिश करते ही अचानक एक नया शिगूफा सामने लेट जाता है : फिर नया शिगूफा, दर शिगूफा : अब आ गया है यह नया शिगूफा कपल चैलेंज : कुमार सौवीर लखनऊ : किसी आंधी, तूफान या बवंडर के कचरे की तरह अचानक हमारे आसपास पसर पड़ा है यह कपल-चैलेंज। […]

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आपको कोरोना मजाक लग रहा है? यह जरूर पढ़ लें

: मनोज बिनवाल की मृत्यु-गाथा रोंगटे थरथरा देगी : केवल काढा उपचार नहीं है कोरोना का, चिकित्सक की सलाह अनिवार्य : जुगाड, हेकडी और कांफिडेंस सब धरा रह जाएगा : धर्मेंद्र पैगवार इंदौर : कोरोना मजाक नहीं हैं। आपकी जरा सी लापरवाही आपके पूरे परिवार के लिए घातक हो सकती है। वरिष्ठ पत्रकार मनोज बिनवाल […]

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जिंदगी को जिंदगी बनाये रखिये, चोलुटेका ब्रिज नहीं

Jindgi ko jindgi banaye rakhiye, Choluteca Bridge nahi रखिय : आइए चोलुटेका नदी और उसके ब्रिज से सीखें :  फ़्लेक्सिबल रहें। क़र्ज़ व फिजूल खर्च से रहें : निवेश अनिवार्य, पैसों का औ रिश्तों का भी : आपके लिए चोलुटेका ब्रिज बोझ बने : राहुल मिश्र प्राग ( चेकोस्लोवाकिया) : मध्य अमेरिका के एक देश […]

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झूठ सीएमओ का, शपथपत्र डीएम का

: योगी-कोप से बचने के लिए हरदोई प्रशासन झूठ पर आमादा : कोरोना से एक दिन तक नहीं मिली राहत, दम टूटा : सीएमओ बोले कि मौत पहले ही हो चुकी थी, फिर एम्‍बुलेंस क्‍यों भेजी गयी, सवाल अनुरुत्‍तरित : दोलत्‍ती संवाददाता हरदोई : बुधवार को एक 62 वर्षीय बुजुर्ग कोरोना संक्रमित हो गया। खबर […]

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ये डॉक्टर हैं या कोरोना-अखाड़ा के संरक्षक ?

: ऐसे तो यूपी में कोरोना बनवा लेगा हवेली: विधान परिषद के पूर्व सभापति को भी फंसा दिया : सत्यानाश हो ऐसी पैथोलॉजिस्टों का, मुये सिर्फ नोट लूटते हैं : कुणाल पति त्रिपाठी गोरखपुर : एक तरफ कोरोना को लेकर समाज में डरावना माहौल, कोविद अस्पतालों में अराजकता, निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर […]

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बलिया: पत्रकारिता नहीं, “अवैध धंधों” में हुआ था कत्ल

: अरबों के खादयान घोटाले का छिपा मोहरा : बक्सर रूट पर दबदबा, सेटिंग में माहिर : लॉक:डाउन में भी रतन का धंधा बदस्तूर जारी था : रतन-हत्याकांड में सिर्फ सम्पत्ति का झंझट ही नहीं था : कुमार सौवीर बलिया : बागी बलिया के पानी में संखिया यानी आर्सेनिक अर्थात गुरुजल की मात्रा यूपी और […]

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बनारस का डीएम: उतावली का तेल इतना क्‍यों पोत लिया

: योगी-सरकार की खटिया न खड़ी करो : अक्‍लन, दखलन, शक्‍लन और मसलन : तब न महादेव बच पाते और न काशी की जरूरत : नोटिस पर दस्‍तखत नहीं : कुमार सौवीर लखनऊ : चकाचक बनारसी। वे एक अप्रतिम शख्सियत थे। कविता में बोर करने वालों से बिलकुल अलहदा। टू द प्‍वाइंट बात करते थे। […]

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चूतिया हमेशा चूतिया ही रहेगा, जैसे बनारस का डीएम

: चूतिया शब्‍द मादा-अंग का परिचायक शब्‍द नहीं, बल्कि स्‍लैंग है, अर्थ है मूर्ख-प्रवर : काशी के व्‍यवसायी-नेता पर केंद्रित आलेख का अगला अंक : कुमार सौवीर लखनऊ : मेरी एक नयी, लेकिन बेहतरीन महिला मित्र से आज अचानक एक लाजवाब चर्चा हो गयी। वे एक मेडिकल कालेज में बच्‍चों के रोग की शिक्षक हैं। […]

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रामकाज को आतुर भक्‍तों ! कोरोना तो बलिवेदी है, डरो मत

: भारत बना विश्‍वगुरु, संक्रमितों की संख्‍या डरावनी और भयानक, अमरीका व ब्राजील पीछे छूटे : नौ सौ मरे, पूरे देश में त्राहि-माम त्राहि-माम का आर्तनाद : दोलत्‍ती संवाददाता लखनऊ : भारत में कोरोना संक्रमण की हालत अब डराने लगी है। आज दुनिया में सबसे अधिक केस भारत में दर्ज होने के साथ ही कोरोना […]

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