: ऐसे तो यूपी में कोरोना बनवा लेगा हवेली: विधान परिषद के पूर्व सभापति को भी फंसा दिया : सत्यानाश हो ऐसी पैथोलॉजिस्टों का, मुये सिर्फ नोट लूटते हैं :
कुणाल पति त्रिपाठी
गोरखपुर : एक तरफ कोरोना को लेकर समाज में डरावना माहौल, कोविद अस्पतालों में अराजकता, निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर भारी उगाही की खबरें आ रही हैं, वहीं दूसरी ओर कोरोना की आशंका में निजी पैथोलॉजी में जांच के नाम पर विशुद्ध लूट और फर्जी रिपोर्ट देने की धोखाधड़ी। ऐसे में आम आदमी क्या करे, इस बारे में कोई सुनवाई भी नहीं हो रही है।
मामला यूपी के पूर्व सभापति विधानपरिषद गणेश शंकर पाण्डेय का है, जिन्होंने 26 अगस्त 2020 को तिलक पैथोलॉजी गोरखपुर में अपना कोविड टेस्ट कराया। आधे घंटे बाद परिजनों ने गोरखपुर प्रशासन से बात कर उनका दूसरा सेम्पल मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में दिया। शाम तक तिलक पैथोलॉजी का रिपोर्ट पॉजिटिव आया। दूसरे दिन 27 अगस्त को लखनऊ प्रशासन के सहयोग से उन्हें लखनऊ मेदांता अस्पताल में कोविड वार्ड के प्राइवेट कमरा में एडमिट कराया गया। लेकिन हैरत की बात रही कि एडमिट होने के 5 घण्टे बाद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट भी आ गयी, जिसमें उनकी रिपोर्ट नेगेटिव दिखाई गई।
रिपोर्ट देखते ही लोगों के होश फाख्ता हो गए। तत्काल ही इसकी सूचना जिला प्रशासन गोरखपुर को दी गयी। प्रशासन से बात कर उन्हें डिस्चार्ज कराया गया। काफिला फिर गोरखपुर की ओर वापस रवाना हो गया।
तिलक पैथोलॉजी के मालिक से बात करने पर उन्होंने बताया कि ये हम RTPCR से टेस्ट नहीं करते बल्कि TRUENAT Beta मशीन पर RTPCR विधि से करते हैं। जबकि RTPCR मशीन मेडिकल कॉलेज में लगी हुई है। यानी अबतक हम ये सोचकर चल रहे थे कि गणेश शंकर पांडेय जी का टेस्ट RTPCR से हुआ है। वो तो शुक्र है कि मेडिकल कालेज पर विश्वास करते हुए हमने दूसरा सेम्पल भेज दिया, जिसमें गोरखपुर प्रशासन ने हमारे मामा जी को एक बड़ी संकट से बचाया है।
सोचने वाली बात है कि यदि विधानपरिषद के पूर्व सभापति के साथ ऐसा किया जा रहा है तो सामान्य व्यक्ति के साथ क्या होता होगा? ऐसी फर्जी रिपोर्ट के कारण व्यक्ति पॉजिटिव न होने के बाद भी पॉजिटिव हो जाता। ऐसे में 65 वर्षीय पांडेय जी व उनका पूरा परिवार कितनी बड़ी मानसिक तनाव से गुजरा होगा। 5 घण्टे तक कोरोना मरीजों के बीच बिना पॉजिटिव होते हुए भी उनके बीच रहना पड़ा ये काफी चिंताजनक है।
अब सरकार की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे प्राइवेट पैथोलॉजी पर लगाम लगायें और धनउगाही के चक्कर मे तिलक जैसे फर्जी पैथोलॉजी को तत्काल सीज किया जाय।