Jindgi ko jindgi banaye rakhiye, Choluteca Bridge nahi
रखिय: आइए चोलुटेका नदी और उसके ब्रिज से सीखें : फ़्लेक्सिबल रहें। क़र्ज़ व फिजूल खर्च से रहें : निवेश अनिवार्य, पैसों का औ रिश्तों का भी : आपके लिए चोलुटेका ब्रिज बोझ बने :
राहुल मिश्र
प्राग ( चेकोस्लोवाकिया) : मध्य अमेरिका के एक देश (होंडूरास) में चोलुटेका नदी पर 1998 में अमरीका सेना ने एक पुल बनाया ताकि होंडूरास के साथ अमरीका का व्यापार सुदृढ़ हो सके । चूँकि होंडूरास में बड़े बड़े तूफ़ान आते रहते है, इसलिए इंजीनियर्स ने इस पुल को ऐसा बनाया, कि वो बड़े से बड़े तूफ़ान भी सह सके ।
लेकिन ब्रिज बनने के कुछ ही महीने बाद होंडूरास में उनके इतिहास का सबसे बड़ा मिच नामक एक तूफ़ान (Mitch) आया और इस तूफ़ान के कारण 4 दिन तक लगभग 75 इंच मूसलाधार बारिश हुई । होंडूरास में तूफ़ान और बारिश के कारण सब कुछ बह गया… घर, रास्ते, सब कुछ, …पर चोलुटेका नदी पर बना हुआ ब्रिज बिलकुल स्थिर खड़ा था और इंजीनियरों के कमाल के कारण उस ब्रिज को कुछ नहीं हुआ था । यद्यपि उसको जोड़ने वाली रोड का नामोनिशान मिट गया था… चलिए रोड तो एकबार फिर से बनाई जा सकती थी, पर चोलुटेका ब्रिज के साथ दूसरी समस्या आ खड़ी हो गई थी । तूफ़ान के कारण नदी चोलुटेका ने अपना रास्ता बदल दिया था और ब्रिज अब कभी भी काम में नहीं लिया जा सकता था , भले हो कितना ही मज़बूत क्यों ना हो ।
ये कहानी मैं आपको क्यों सुना रहा हूँ ??
ये कहानी इसलिए सुना रहा हूँ क्योंकि हम सब भी अपने जीवन यात्रा में ऐसे बहुत से बेहद मज़बूत चोलुटेका ब्रिज बना चुके होते है । अत्यंत मजबूर और अपरिवर्तनीय । हम भूल जाते है परिवर्तन संसार का नियम है ।
करोना काल के बारे में किसी ने भी नहीं सोचा था… 15 मार्च तक करोना हमारे लिए चाइना में फैल रही बीमारी मात्र थी और हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि करोना हमारी ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल देने वाली है । हमारे जीवनशैली के चोलुटेका ब्रिज के लिए कोरोना उस ‘Mitch’ तूफ़ान की तरह है । वो तूफ़ान जो बहुत कुछ बदल के रख देगा… कोरोना ने हमारे नौकरी , व्यापार और निजी ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल के रख दिया और अगर आप इस परिवर्तन को स्वीकार नहीं पाएँगे तो आप ज़िंदा नहीं रह सकते ….
अभी कोरोना ख़त्म नहीं हुआ है, तूफ़ान जारी है और जब हम इस तूफ़ान से उबर जाएँगे तब असली तकलीफ़ चालू होगी । आपके जीवन की चोलुटेका ब्रिज आपके लिए बोझ हो जाएगी। वो सारे खर्च ,वो सारी किस्तें ,जिनकी ज़रूरत नहीं थी, वो आपने इसलिए कर दिया क्योंकि आप अपनी कमाई और जीवन को शाश्वत मानते थे !
ज़िंदगी में कभी भी कुछ भी हो सकता है, इसलिए कुछ भी चोलुटेका ब्रिज जैसा मत बनाइए… और खुद को परिवर्तनों के लिए फ़्लेक्सिबल बनाए रखिए । क़र्ज़ और अनावश्यक खर्च से बचिए। छोटे-छोटे निवेश करते रहें ,फिर चाहे वो पैसों का निवेश हो या रिश्तों का ….
‘जॉन लुब्बोक’ कहते हैं: ये धरती , आकाश ,जंगल ,खेत ,झील, नदियाँ पहाड़ और समुंदर सबसे बेहतरीन स्कूल टीचर्ज़ होते हैं जो हमें कई बार किताबों से ज़्यादा अनुभव और ज्ञान देते हैं।
आइए हम भी चोलुटेका नदी और उसके ब्रिज से सीखें…