चुल्लू भर पानी में डूब मरो, बिटिया तो जौनपुर वापस आ गयी

: पागलखाने के डॉक्टर बोले:- जब यह बच्ची पागल ही नहीं, तो यहां क्यों लाये : गैंग-रेप की पीडि़ता को पागल करार देने की हरचंद कोशिशें जमीन सूंघ गयीं : कल दोपहर को बनारस भेजी गयी रेप-पीडि़त किशोरी लेकर पुलिसवाले लौट आये : शासन ने भी इस मामले पर हस्तक्षेप किया, खबर फैलते ही मचा […]

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मुख्‍तार अंसारी ने भी काशी में ताल ठोंकी

अब कांग्रेस और सपा की चौपालें उजड़ जाएंगी कुमार सौवीर वाराणसी: अपराधी और बरसों-बरस से जेल की सलाखों में बन्‍द मुख्‍तार अंसारी को अब काशी की मुख्‍तारी का फिर चस्‍का चर्राया है। ऐलान हुआ है कि मुख्‍तार वाराणसी से चुनाव लड़ेगा। तो पहले आपको मैं मुख्‍तार अंसारी के बारे में से थोड़ी बे-लौस जानकारियां दे […]

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अब हर जिले में होगी महिला आयोग की सुनवाई

लेकिन कब लागू होगी यह व्यवस्था, किसी को पता नहीं वाराणसी : राज्य महिला आयोग पहली बार लखनऊ से निकलकर जिलों तक पहुंचेगा। महिलाओं के उत्पीड़न की जिन जिलों की शिकायतें मिलेंगी, उसी जिले में जाकर सुनवाई होगी। जिलेवार सुनवाई के क्रम में राज्य महिला आयोग की पहली बार सोमवार को सर्किट हाउस सभागार में […]

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एग्रीकल्चर का मतलब जो हर कल्चर में एग्री हो

पंजाब सिंह: कांट्रेक्ट खेती से बदलेगी किसान की किस्मत : मृदा में कुछ भी अनुपजाऊ नहीं होता : रेगिस्तान में चावल और बांस इलाकों में अंगूर पैदा हो सकता है : गुल्ली-डंडा खूब खेला, मगर पद्दी देने वाले सवाल पर बिदक जाते हैं पंजाब सिंह : कुमार सौवीर वाराणसी : मिर्जापुर के एक छोटे से […]

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आदमी के भूख से पिचके पेट का जवाब खोजते हैं प्रो पंजाब सिंह

धान को ज्यादा पानी नहीं, नमी चाहिए, मिथेन की बात सफेद झूठ : हरित क्रांति का आंदोलन फैलाने में अहम भूमिका निभायी : हमारी प्रगति के खिलाफ बाकायदा षडयंत्र रचते हैं बडे देश : शेखचिल्ली  के सपने नहीं, हकीकत साबित करना है ख्वाहिश : कुमार सौवीर वाराणसी : अफवाह : धान के खेत में पानी […]

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खतना तो सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान है, रोगों का इलाज नहीं

यहूदी, ईसाई व कई अफ्रीकी जातियों में प्रचलित था खतना, अब सिर्फ इस्लाम में

: शोध के मामले में भारत बेहतर है, पथरी और मसाना के कैंसर पर शोध चाहिए : पाक-भारत का जींस एक है, एकजुट होकर समस्साओं का निदान खोजिए : अक्सर जौनपुर आकर मरीज भी देख जाते हैं डॉ रिजवी :

कुमार सौवीर

वाराणसी : डॉक्टर रिजवी धर्म और कर्म को अलग-अलग रखते हैं। इसीलिए सवालों के जवाब में बिलकुल बेबाकी के साथ बताते हैं कि इस्लाम समेत कई समुदायों में शिशुओं में कराया जाना खतना मूत्र-रोगों की रोकथाम का विकल्प या समाधान-इलाज नहीं। उनका कहना है कि यह पूरी तरह एक धार्मिक कृत्य है, और केवल इसलिए मैं इसे डाक्टरी निदान-उपचार से जोड़ कर कोई सिद्धांत में कैसे बदल दूं? वे बताते हैं कि ज्रूस्थ, र्ईसाई, कई अफ्रीकी जातियों के साथ ही इस्लाम में भी पहले खतना खूब प्रचलित था। लेकिन अब यह केवल इस्लाम तक ही सीमित हो कर रह गया है। डॉक्टर रिजवी बताते हैं कि खतना या शिश्नव पर चढ़ी चमड़ी को ऑपरेट करने हटाने की प्रथा के बारे में लोगों का ख्याल है कि इससे यौनरोग नहीं होते, लेकिन अब तक कोई भी शोध यह साबित नहीं कर पाया।

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गंगा तो पहचान है बनारस की, इसे गंदा मत करिये प्लीजः प्रो रिजवी

यूरोलॉजी में फरिश्ते के तौर पर पूजे जाते हैं डा अदीबुल रिजवी

: निशुल्क चिकित्सा के लिए सार्क देशों का इकलौता संस्थान है स्यूट : जौनपुर के अदीबुल ने पाकिस्तान में मानव सेवा का झंडा बुलंद किया : बंटवारे में बंट गया जौनपुर के जिगर का टुकड़ा :

कुमार सौवीर

वाराणसी : वह एक डाक्टर है। मानवता की सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित डाक्टर। इसीलिए सिर्फ मरीज ही नहीं, यूरोलॉजी के डाक्टरों की दुनिया में इस शख्स को निर्विवाद रूप से फरिश्ते के तौर पर स्वीकार किया जाता है। उनकी मौजूदगी देश-विदेश से आये यूरोलाजी के विख्यात डाक्टरों के लिए कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है, इसका अंदाजा तब देखने को मिला जब बीएचयू में चार दिनों तक चली अंतर्राष्ट्रीय यूरोकॉन में शामिल होने से वे दो दिन पिछड़ गये। मगर इस यूरोकॉन की असली शुरूआत तब ही हो पायी जब डॉक्टर सैयद अदीबुल हसन रिजवी का पदार्पण हो सका। दरअसल उनके वीजा पर उनका नाम ही गलत चढ़ गया था।

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काशी: अमृतपान से देवता निर्वंश, बचे शंकर के गण

नदी का भी हाजमा होता है, गंगा का खराब है : जूझने की जिजीविषा भानुशंकर के वृद्ध चेहरे पर युवा है : छह हजार साल की उम्र हासिल कर चुकी जीवनदायिनी गंगा अब खतरे में : बैक्टीरिया के साथ चली गयीं कई बीमारियां, अब वायरल का तहलका मचा : कुमार सौवीर वाराणसी : उनकी जिंदगी […]

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नदी का भी हाजमा होता है, गंगा का खराब है

डॉ भानुशंकर कहते हैं कि मर रही है काशी : छह हजार साल की उम्र हासिल कर चुकी है जीवनदायिनी गंगा : प्रयोगों ने दीमकों की तरह काशी को चाट डाला : गंगा सूख रही है और साहित्य  भाग कर दिल्ली जा बसा : काशी बस के क्या किया जो घर औरंगाबाद : कुमार सौवीर […]

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बेटी की लालसा वाला कोई जजमान नहीं मिला

भविष्य पुराण के अनुसार गंगा की उम्र पूरी, पांच हजार साल बीते : धर्म-च्युत व्यक्ति नराधम, शुक्राचार्य तक काना हो गये : जीवन-धर्म खोकर श्वान-श्रंगाल की गति, द्रोण तक बिला गये : तय कीजिए कि इतिहास बन कर वंशजों का धिक्कार पाना कैसे लगेगा : कुमार सौवीर वाराणसी : ( गतांक से आगे ) पहली […]

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शास्त्री जी ! हमें बेटी नहीं, बेटा चाहिए: कहती हैं महिलाएं

बेटा चाहने वालों में महिलाओं की तादात अधिक, बेटी प्राथमिकता नहीं : आयुर्वेद चिकित्सा में फर्स्ट-एड है ज्योतिष विद्या : दाम्पत्य-विवाद से जुड़े सवाल 20 फीसदी से ज्यादा : पड़ोसी से रार ठाने लोगों को समाधान चाहिए हमसे : देवकी नंदन शास्त्री चाहते हैं कि ज्योतिष को राज्याश्रय मिले : लीजेंड्स ऑफ बनारस : कुमार […]

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बीएचयू से इंजीनियर बनना चाहते थे, लगे बेचने तेल

भाईचारा घरेलू समारोहों में चलता है, व्यापार में नहीं कुमार सौवीर : एक बार एक बदमाश को जमकर पिटवा भी चुके हैं दीनानाथ झुनझुनवाला : बिस्कुट का धंधा शुरू किया तो 3 महीने में ही देश के सर्वश्रेष्ठ उपाधि हासिल कर ली : आप प्रयास तो कीजिए ना, हर चीज स्वर्ण है। हां हां, मलमूत्र […]

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जहां न पहुंचे गाड़ी, वहां पहुंचे मारवाड़ी

राष्ट्र के कुल घी-उत्पादन में 7 फीसदी हिस्सेदार हैं दीनानाथ कुमार सौवीर : शठे शाठ्यं समाचरेत के साथ ज्योतिष पर भी आस्था रखते हैं दीनानाथ झुनझुनवाला : गुजरात में होता तो 10 और विदेश में मैं 100 गुना बड़ा होता : जवानी तक तो हर सपना कदम-कदम पर ध्वस्त ही होता रहा : बेहद कष्टप्रद […]

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कुलीन घर नहीं, ठहाका लगाता अस्सी बताता है गालियों का गूढार्थ

काशी का अस्सी वाले प्रोफेसर काशीनाथ सिंह पर विशेष आयोजन : काशीनाथ सिंह को चिढ़ है परस्पर-विरोधी शब्दों के प्रयोग से : काशीनाथ के मुताबिक शब्‍द तो संवाद को व्‍यवस्थित करते हैं (1) : बनारस: ( पिछले अंक से आगे ) बहुत मुश्किल होता है जीवन के चौथे खण्ड में बीते तीनों खण्डों के आधार […]

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अनसुलझा प्रश्न, कि गालियां औरत होती हैं या मर्द

आलोचक कहते हैं कि भाषा के साथ काशी ने दुराचार किया : गालियां सशक्त माध्यम हैं, भूमंडलीकरण के बदलते दौर में सबकुछ बदलेगा : काशीनाथ के मुताबिक शब्द तो संवाद को व्यवस्थित करते हैं (1) वाराणसी: हिन्दी साहित्य तो इस खानदान का घरेलू धंधा है। अब इस पर तो झंझट किया जा सकता है कि […]

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