लेकिन कब लागू होगी यह व्यवस्था, किसी को पता नहीं
वाराणसी : राज्य महिला आयोग पहली बार लखनऊ से निकलकर जिलों तक पहुंचेगा। महिलाओं के उत्पीड़न की जिन जिलों की शिकायतें मिलेंगी, उसी जिले में जाकर सुनवाई होगी। जिलेवार सुनवाई के क्रम में राज्य महिला आयोग की पहली बार सोमवार को सर्किट हाउस सभागार में न केवल जन सुनवाई हुई बल्कि बंद कमरे में बहस के बाद निर्णय भी लिया गया। लेकिन इस फैसले के को कब से अमली तौर पर लागू किया जाएगा, इस बारे में तब कोई फैसला या निर्देश-दिशा अब तक जारी नहीं हो सका है।
आयोग में लंबित 51 में 18 मामलों का मौके पर निबटारा हुआ। जिले स्तर पर ही दूसरी जन सुनवाई 24 अगस्त को चंदौली व तीसरी 13 सितंबर को गाजीपुर में होगी। राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुमन यादव की अध्यक्षता में चली सुनवाई में महिलाओं पर घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, सम्पत्ति विवाद, दूसरे विवाह आदि से जुड़े प्रकरण प्रमुख रहे।
वाराणसी निवासी राहुल द्वारा कानपुर की राशिका से प्रेम विवाह करने का प्रकरण सामने आया। राशिका ने आयोग में परिजनों के विरुद्ध शिकायत दर्ज की थी कि विवाह बाद से ही उसके परिजन ससुराल वालों को डरा-धमका रहे हैं। इस पर आयोग ने सुनवाई के बीच परिजनों को आवश्यक सुरक्षा प्रदान किए जाने के लिए क्षेत्रीय थाने को निर्देशित करने को कहा।
आयोग में लंबित कई ऐसे प्रकरण जो न्यायालय में विचाराधीन हैं, को संज्ञान में लेते हुए आदेश की प्रत्याशा में आयोग के अंतर्गत सुनवाई बंद करने का निर्देश दिया। इस दौरान अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अजय अवस्थी, पुलिस क्षेत्राधिकारी (सदर), जिला कार्यक्रम अधिकारी आदि मौजूद थी।