मुख्‍तार अंसारी ने भी काशी में ताल ठोंकी

मेरा कोना

अब कांग्रेस और सपा की चौपालें उजड़ जाएंगी

कुमार सौवीर

वाराणसी: अपराधी और बरसों-बरस से जेल की सलाखों में बन्‍द मुख्‍तार अंसारी को अब काशी की मुख्‍तारी का फिर चस्‍का चर्राया है। ऐलान हुआ है कि मुख्‍तार वाराणसी से चुनाव लड़ेगा।

तो पहले आपको मैं मुख्‍तार अंसारी के बारे में से थोड़ी बे-लौस जानकारियां दे दूं। कद छह फीट से तनिक ज्‍यादा और गठीला बदन। क्रिकेट का दीवाना। उसके एक बुजुर्ग शख्सियत कांग्रेस के अध्‍यक्ष रह चुके हैं। मगर मुख्‍तार ने अपराध का रथ सम्‍भाल लिया। अपने दोस्‍तों के लिए बेहिसाब मिश्री-टाइप माने लगे मुख्‍तार की सारी ताकत आम आदमी के दिल में गहरे तक धंसी उसके प्रति भय-भाव ही है, और इसी भय-भाव वाला भोजन वह अपनी खाद-पानी के तौर पर खाता-पीता रहता है। लोगों में भय-भाव का संचार के लिए कभी सरेआम सड़क के पेड़ों पर बैठी सैकड़ों हारिल-पक्षियों पर बेतहाशा निशानेबाजी करता है तो कभी अक्‍सर किसी पेशी-मुकदमे या अस्‍पताल-यात्रा के दौरान अपने दर्जनों और अत्‍याधुनिक असलहा-बंद रक्षकों की कुछ तरह परेड कराता है मानो वह किसी पुलिस-लाइंस में परेड का मुआयना कर रहा हो। जौनपुर में जेसीज चौराहे के निकट एक ट्रैक्‍टर-एजेंसी मालिक के साथ उसके शोरूम में मुख्‍तार अंसारी ने ठीक ऐसे ही असफल प्रदर्शन की कोशिश की थी।

कहने की जरूरत नहीं कि बनारस के बुनकर आदि गरीब मुसलमानों का एक तबका मुख्‍तार अंसारी में खुद की सुरक्षा खोजेगा। यानी कांग्रेस और सपा का चौपाल उजड़ जाएगी। यानी साफ है कि यह हालत नरेंद्र मोदी को ही मजबूत बनायेगी। लेकिन मदनपुरा, लल्‍लापुरा, नई सड़क जैसे व्‍यवसायी-क्षेत्र के मतदाता अपनी नयी विश्‍लेषण-बुद्धि के चलते मुख्‍तार अंसारी के वोट काट सकते हैं। और ऐसे कटे हुए वोट ही अरविंद केजरीवाल के खाते में जुड़ेंगे।

लब्‍बोलुआब यह कि फिलहाल वाराणसी की बिसात पर नरेन्‍द्र मोदी और अरविन्‍द केजरीवाल ही एक-दूसरे के खिलाफ ताल-ठोंकते दिखायेंगे।

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