क्‍या आपकी करतूतों की खंखार-मवाद वाला पीकदान है पुलिसवाला? हां, कुछ ऐसे अफसर भी तो होते ही हैं

: वैभव कृष्‍ण का निलम्‍बन ऐसा ताजा प्रकरण है, जिसने आईपीएस अफसरों को बुरी तरह आहत किया :  पुलिस महकमें में जिला प्रमुखों की छीछालेदर से त्रस्‍त हैं यूपी के टोपीक्रेट : कभी राजनीतिक लाभ के लिए तो कभी आईएएस अफसरों की नाक पर मक्‍खी हटाने के लिए कत्‍ल की जाते हैं आला अफसर : […]

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अथ श्री महाकमीशन-गाथा: मुलायम के भतीजे पर सपा विधायक ने बोला हमला

: मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव रच रहे हैं सपा विधायक आबिद रजा और फातिमा की हत्‍या की साजिश, रजा बोले : गोकशी, अवैध खनन और ठेकेदारी में धांधली और भ्रष्‍टाचार समेत ढेरों आरोप जड दिये धर्मेन्‍द्र यादव पर : आबिद रजा वक्‍फ बोर्ड के अध्‍यक्ष के नाते राज्‍यमंत्री का ओहदा भी थामे […]

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अब नम्‍बर हापुड़ का, चार साल की मासूम से बलात्‍कार कर जंगल में फेंका

: बुलंदशहर के पड़ोस में ही है हापुड़, दूरी चालीस किलोमीटर : मरणासन्‍न हालत में है मासूम बच्‍ची, नाराज नागरिकों ने राजमार्ग पर लगाया जाम : अब तो समझ में नहीं आता है कि किस दरिन्‍दों के शासन के तले रहते हैं : कुमार सौवीर लखनऊ : ओहो अखिलेश यादव भइया, राधे-कृष्‍ण राधे-कृष्‍ण। क्‍या चल […]

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तुम्‍हारा जुल्‍फी प्रशासन तुम्‍हारे महिला-संरक्षा व सुरक्षा के नारे का नाड़ा खोल रहा है अखिलेश यादव

: तुम महिला उत्‍पीडन पर रूदाली-गीत मत गाया करो, घडियाल घबरा जाता है : कभी सोचो तो कि आखिर क्‍यों केवल तुम्‍हारे शासन में ही प्रशासन तबाह हो जाता है : क्‍यों कांप जाती है आम आदमी की आत्‍मा, त्राहि-माम त्राहि-माम चिल्‍ला कर : जितने भी कमीने पत्रकार हैं, सब तुम्‍हारे टीम में शामिल हैं, […]

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हमें एक्‍सप्रेस-वे और साइकिल-ट्रैक नहीं, शांति से मरने की सुविधा दे दो अखिलेश यादव

: सरकार जमीन तुम कब्‍जा कराते हैं तुम्‍हारे लोग : लूट करा रहे हैं तुम्‍हारे लोग : मथुरा में सरकारी जमीन कब्‍जा करा रहे हैं तुम्‍हारे लोग : जाबांज पत्रकार जागेंद्र सिंह को जिन्‍दा फूंक रहे हैं तुम्‍हारे मंत्री : अफसरों को मां-बहन-बेटी जैसे सड़कछाप और महिला-विरोधी गालियां देते हुए अपनी घिनौनी मानसिकता का प्रदर्शन […]

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अखिलेश यादव ने नौकरों वाला काम खुद थाम लिया, तो सारे नौकर मस्‍त हो गये

: सपा कभी भी नहीं समझेगी कि सबसे जरूरी होता है सिस्‍टम रिफार्म, विकास अपने आप हो जाता है : हमें शांति से रहने दो, किस भकुआ ने कहा था कि विकास करो : यूपी को विकास की नहीं, बल्कि बेहतर व्‍यवस्‍था की जरूरत है : तुम साइकिल ट्रैक बना रहे हो, हाईवे पर बच्चियों […]

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यह वह करारा तमाचा है, जो सपा ने जनता के गाल पर रसीद किया

: हा हा हा, मुख्‍यमंत्री जी के संवेदनशील मानवीय पक्ष पर विपक्ष की मानसिकता : हा हा हा, यूपी की तारीफ देश के अन्‍य प्रदेशों में हो रही है : हा हा हा, कांग्रेस और भाजपा की जनविरोधी नीतियों के चलते देश का बेड़ा गर्क हो चुका : हा हा हा, आदमी के प्रति अपने […]

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वामपंथी अतुल अंजान ने मुख्‍यमंत्री के सामने सच नहीं, चाटुकारिता वाली धंधागिरी कर डाली

: सीपीआई के नेता ने यूपी की तारीफ की तो मौजूद महिलाओं ने जमकर ऐतराज जताया : जब बवाल उठा तो जवाब देने के बजाय अतुल अंजान ने गोल-मोल बात करनी शुरू की : इतनी चाशनी में झूठ लपेटने की क्‍या जरूरत थी अतुल अंजान जी : अतुल के ऐसे बयानों से तो यूपी में […]

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हां तो बच्‍चों, यह बताओ कि गाली कितने प्रकार की होती हैं

: उत्‍तर प्रदेश को अब गाली प्रदेश में तब्‍दील कर दिया जाना चाहिए : अखिलेश यादव को चाहिए कि वे यूपी में गाली शोध संस्‍थान खोल दें, अध्‍यक्ष हों शिवपाल सिंह यादव : उर्दू गाली का जिम्‍मा आजम खान को सौंपा जाना चाहिए : महिला गाली सामाख्‍या की डोर मेनका को थमाइये : लखनऊ : […]

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इंसाफ कहां है साहब, बेटे के साथ मुझे नंगा करके पीटा था पुलिस ने

: मुझे तो अब न सरकार पर यकीन है, न पुलिस और न अदालत पर : इतनी नृशंसता कर पाना किसी एक व्‍यक्ति की वश की बात नहीं : पूरा मोहनलालगंज जानता है कि किन-किन लोगों ने की थी उस युवती की हत्‍या : एक दुबला-पतला गार्ड कैसे कर सकता है एक बलिष्‍ठ युवती की […]

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आप भले निश्चिंत रहें, पर महिलाओं की सिसकियां मुझे दहला देती हैं

: महिलाओं के प्रति अपराधों पर सतर्कता के सरकारी दावे क्‍या वाकई पाखण्‍ड हैं : संवेदनहीन और बेईमान नौकरशाही कभी लखनऊ में चीरहरण करती है, तो कभी जौनपुर में : पिछले चार बरसों में तो जुल्‍फी प्रशासन का नाम खासा अहंकार का प्रतीक बन गया : दोस्‍तों, अब बहुत हो चुका। चलिए, छेड़ दिया जाए […]

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हर चैनल को थमाया 3 से 15 करोड़ रूपया, कहा: भोंपू बने रहो

: आयी चुनाव की बेला: मीडिया को दोनों हाथ से विज्ञापन उलीच रही है सरकार : जाते-जाते सबसे ज्‍यादा खींच लिया ईटीवी और इण्डिया न्‍यूज ने, 15 करोड़ : आईबीएन, आजतक, इण्डिया टीवी और एबीपी को 3 से 5 करोड़ में खामोश किया : सरकार की उपलब्धियों वाला बुलेटिन लगातार चलाते ही रहने की शर्त […]

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राजनीतिक हादसों में अखबारों की पौ-बारह, विज्ञापनों के तोहफों की बारिश

: क्‍या मथुरा और क्‍या कैराना, कोई भी हादसा हो तो विज्ञापनों के रेला दबा देता है खबरें : अखबार संपादकों को घर-बैठे मिल रही है रोजी-रोटी, मालिक भी गदगद : अब तो चुनाव तक लगातार चाटते और चटवाते रहेंगे अखबार और सरकार : कुमार सौवीर लखनऊ : पिछले कोई पचीस बरसों से यूपी में […]

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अखिलेश यादव ने इतनी कस कर लाठी मारी कि लोकतंत्र ही लंगड़ा हो गया

: कैराना को कश्मीर बनाने वाले चैनलों ! तेरा मुंह काला हो : केवल जी-नेशनल ने चलायी थी कैराना पर भड़के अखिलेश की भड़ास : कैराना के सवाल पर बिफर पड़े थे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव : अखिलेश की ऐसी डपट सुन कर बाकी चैनलों की पैंट पहले ही गीली हो गयी : खबर चलाने की […]

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ओ अखिलेस भइया। हम जिन्‍दा हैं, तहसीलदार मारि डारिन हमका

: कानपुर में एक जिन्दा होकर अखिलेश यादव से फरियाद कर रहा है एक मुर्दा इंसान : जगनारायण को मृतक साबित कर सारी जायदाद को बेदखल कर दिया तहसीलदार ने : अब मुख्यमंत्री का फोटो गले में लटका कर खुद को जिन्दाा साबित करने की गुहार लगा रहा है जगत नारायण : कुमार सौवीर लखनऊ […]

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