: मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव रच रहे हैं सपा विधायक आबिद रजा और फातिमा की हत्या की साजिश, रजा बोले : गोकशी, अवैध खनन और ठेकेदारी में धांधली और भ्रष्टाचार समेत ढेरों आरोप जड दिये धर्मेन्द्र यादव पर : आबिद रजा वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के नाते राज्यमंत्री का ओहदा भी थामे हैं :
कुमार सौवीर
लखनऊ : ज्यों-ज्यों यूपी सरकार का कार्यकाल खत्म हो रहा है, समाजवादी पार्टी में फैलती सड़ांध और बदबू का भभका बुरी तरह भभकने लगा है। आज तो तब इम्तिहां हो गयी, जब अखिलेश सरकार के करीबी माने जाने वाले बदायूं के सपा विधायक और राज्यमंत्री का ओहदा थामे आबिद रजा तथा आबिद की पत्नी तथा नगर पालिका अध्यक्ष फातिमा रजा ने अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव पर अपनी जान का खतरा बता दिया। सपा विधायक ने अपनी ही पार्टी के बड़े नेता पर लगाया गोहत्या के साथ ही नहीं, बेईमानी, भ्रष्टाचार और अवैध खनन आदि जैसे गम्भीर आरोप खुलेआम जड़ दिये हैं। आबिद रजा का नाम यूपी के सबसे बड़े पारिवारिक कुनबे जैसी समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के चहेतों में से है। इतना ही नहीं, धर्मेंद्र यादव मुलायम के भतीजे और सपा सांसद भी हैं।
कुछ भी हो, आबिद रजा और उनकी पत्नी फातिमा के इस तेवर से स्पष्ट हो गया है कि इस मुसलमान दम्पत्ति के लिए सपा में अब केवल चंद दिन ही बचे हैं। आबिद रजा ने यह तक ऐलान कर दिया है कि वे धर्मेन्द्र यादव की करतूतों का खुलासा अब विधानसभा में करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो विधानसभा की विधायिकी से भी इस्तीफा दे देंगे। यानी आबिद अब बगावत का बिगुल बजाने पर आमादा हैं। यानी समाजवादी पार्टी में अगले कुछ दिन काफी हंगामाखेज ही रहेंगे।
अब यह तो पूरा खुलासा नहीं हो पाया है कि आबिद रजा की इतनी बड़ी नाराजगी अचानक मुलायम सिंह यादव के चहेते भतीजे और सपा के सांसद धर्मेंद्र यादव कैसे भड़क गयी, लेकिन इतना जरूर है कि मामला दरअसल घूसखोरी, कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार से जुड़ा ही है। सूत्र बताते हैं कि धर्मेन्द्र यादव के एक बेहद करीबी रिश्तेदार ने हाल ही बदायूं में 133 करोड़ की लागत वाला अंडरग्राउंड केबलिंग का काम हथियाया था। इस काम के तहत बदायूं शहर क्षेत्र में 80 करोड़ का काम फिलहाल चल भी रहा है। उनका कहना है कि इस काम में उनकी सलाह तक नहीं ली गई और केबलिंग का काम मानकों के मुताबिक नहीं हो रहा है।
साथ ही उनका आरोप है कि नगर पालिका ने शहर की सड़कों की मरम्मत के लिए 24 करोड़ मांगे, लेकिन उसे ये पैसा नहीं दिया गया और काम उनकी बिना मंजूरी के किया जा रहा है। यही वजह है कि आबिद रजा और सांसद धर्मेंद्र यादव में दरार आ गई। जो अब लगातार बढ़ रही है। जबकि सूत्र बताते हैं कि धर्मेन्द्र यादव की शह पर ही ठेकेदार ने इन कामों में फातिमा रजा और आबिद रजा को मिलने वाले कमीशन का पैसा देने से मना कर दिया था।
इतना ही नहीं, आबिद रजा और उनकी पत्नी फातिमा ने कहा कि एसपी सांसद धर्मेंद्र यादव से उनकी जान को खतरा है। उन्होंने कहा कि सांसद के आदमी मेरे घर के आसपास रेकी कर रहे हैं। इससे पहले तीन अगस्त को आबिद रजा ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर धर्मेंद्र यादव पर हमला बोला था। गौरतलब है कि अभी तक आबिद रजा और फातिमा रजा ने धर्मेंद्र यादव का नाम खुलेआम नहीं लिया था। लेकिन इशारा केवल धर्मेन्द्र पर ही है।
उन्होंने धर्मेंद्र यादव पर गोकशी, अवैध खनन और बिजली की अंडर ग्राउंड लाइन के काम में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने कहा था कि पिछले साढ़े चार साल में बदायूं का विकास तो नहीं हुआ लेकिन सफेदपोश नेता का आर्थिक विकास जरूर हुआ। आबिद रजा वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं उन्होंने कहा है कि अगर उनकी मांगों पर एक्शन नहीं हुआ तो वह वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे। साथ ही ये भी कहा कि वो विधानसभा में उस नेता का नाम लेंगे।