यह वह करारा तमाचा है, जो सपा ने जनता के गाल पर रसीद किया

सैड सांग

: हा हा हा, मुख्‍यमंत्री जी के संवेदनशील मानवीय पक्ष पर विपक्ष की मानसिकता : हा हा हा, यूपी की तारीफ देश के अन्‍य प्रदेशों में हो रही है : हा हा हा, कांग्रेस और भाजपा की जनविरोधी नीतियों के चलते देश का बेड़ा गर्क हो चुका : हा हा हा, आदमी के प्रति अपने दायित्‍वों वाले उसूल के लिए सपा संघर्षरत है :

कुमार सौवीर

लखनऊ : तमाचा केवल उसी पर लगता है जो बलहीन, शक्तिहीन, असहाय, निर्बल और बेहाल होता है। और तमाचा वही मार सकता है जिसमें बल हो, शक्ति हो, सबल हो और मजबूत हो। यह तमाचा अहंकारी के दर्प का प्रतीक होता है और खाने वाला उस हमेशा अपनी नियति मान कर उसे स्‍वकीर कर लेता है। भले ही वह अकेले में खून के आंसू बहाता-टपकाता रहे। ऐसी हालत न आने पाये, इसलिए इंसान एक समुदाय बनाता है, उसमें एक सरकार बनाता है, जो आम आदमी के हितों और सम्‍मान की हिफाजत करे, और उसे भयहीन करे।

लेकिन बुलंदशहर जैसे कई कुख्‍यात और दुर्दात हादसों के बाद सरकार के रवैये से यह साफ हो गया है कि उप्र सरकार ने अब आम आदमी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कानून-व्‍यवस्‍था के मामले में पूरी तरह खोखली और कलंक बन चुकी समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों जो भी कृत्‍य किये हैं, उससे आम आदमी की उम्‍मीदों के फूल ही मुरझा चुके लगते हैं। पूरे यूपी में अपराध का तांडव चल रहा है। कहीं अपराधी कहर बरपा रहे हैं तो कहीं खुद सरकार। लेकिन समाजवादी पार्टी और अखिलेश सरकार लगातार अपने चेहरे पर विकास का मुखौटा ओढे हुए हैं। उसे भ्रम है कि विकास-विकास की चिल्‍ल-पों से आप आदमी की सारी पीड़ाओं का अंत हो जाएगा, जिसकी उम्‍मीदें आम आदमी पाले हुए थे।

अब ताजा मामला देखिये। प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और सपा के प्रदेश प्रवक्‍ता राजेंद्र चौधरी ने आम आदमी के घावों पर किस तरह घिनौना मलहम-नुमा लाल मिर्च का चूरा भर दिया है। साफ है कि सपा ने अब आम आदमी के चेहरे पर एक जोरदार करारा तमाचा-झांपड़ रसीद कर दिया है। जरा आप भी उस  तमाचा का जायजा लीजिए न :-

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश को विकास कार्यो को गति देने का काम मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में तेजी से हुआ है। इनकी प्रशंसा देश के अन्य राज्यों में भी हो रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री जी का संवेदनशील मानवीय पक्ष विरोध की ओछी मानसिकता को नजरंदाज करता रहा है। केन्द्र का व्यवहार सौतेलेपन का है और राज्य के हितों की लगातार उपेक्षा हो रही है। इसके बावजूद अपने ही संसाधनों से समाजवादी सरकार जनहित की तमाम योजनाएं चला रही है।

मुख्यमंत्री जी की सदाशयता के फल स्वरूप रायबरेली औनर गोरखपुर में एम्स की स्थापना की राह खुली है। बसपा शासनकाल में पांच साल तक केन्द्र की कांग्रेस सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी एम्स के लिए जमीन नहीं मिल सकी थी। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में एम्स की जरूरतों को देखते हुए तत्काल जमीन उपलब्ध कराई। इसी तरह गोरखपुर में मुख्यमंत्री जी ने एम्स की स्थापना के लिए निःशुल्क जमीन उपलब्ध कराई। बिडंबना यह है कि रायबरेली में कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को आमंत्रित नहीं किया और गोरखपुर में भाजपा के प्रधानमंत्री जी ने भी मुख्यमंत्री जी के लिए धन्यवाद के दो शब्द नहीं कहे।

मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का संकल्प उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का है। प्रदेश मे बेहतर चिकित्सा सुविधा दिलाने और एम्स बनने के लिए वे अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। केन्द्र की बेरूखी को वे इन मामलो में प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाते है। आज उत्तर प्रदेश में आम आदमी को गम्भीर बीमारियों में भी निःशुल्क चिकित्सा सुविधाएं मिल रही है। 108 न0 समाजवादी एम्बूलेंस सेवा केन्द्र की मदद न मिलने के बावजूद संचालित की जा रही है।

भाजपा और कांग्रेस की जन विरोधी नीतियों के कारण ही देश का बेड़ा गर्क हो गया है। राष्ट्रीय दल ही देश के लिए राष्ट्रीय समस्या बन गए है। इस देश को जन सापेक्ष रखने वाला ग्रामीण पृष्ठभूमि का नये नेतृत्व की जरूरत है। समाजवादी पार्टी भारतीय राजनीति में नीतियों का वैकल्पिक विकल्प है। भारत की बुनियादी समझ के आधार पर समस्याओं का समाधान खोजा जा सकता है। समाजवादी पार्टी का मानना है कि राजनीति की गरिमा को कायम रखते हुए लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता एवं समाजवादी व्यवस्था को पूरे तौर पर लागू किया जाना आवश्यक है। इन्हीं उसूलों के लिए समाजवादी पार्टी संघर्षरत है।

इसके अगले अंक में हम आपको बतायेंगे कि अखिलेश सरकार की संवेदनहीनता

और अपराधी-परस्‍त नीतियों के चलते पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने क्‍या-क्‍या गुल

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