सिर्फ नाम की नहीं, काम की महिला सरपंच हैं
कहीं राजस्थान, तो कहीं मध्यप्रदेश में डंका है महिलाओं का
निर्मल यादव-निखिल रंजन
नई दिल्ली : भारत के स्थानीय निकायों में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने के समय घूंघट में दुबकी महिला सरपंच सिर्फ नाम की सरपंच थी और इनकी जगह काम इनके पति या बेटे करते थे लेकिन अब सब बदल गया है. कहीं अब ऐसी कर्मठ महिला राजस्थान के बलुआ खेतों में जुटी हैं तो कहीं मध्यप्रदेश के पिछड़े इलाकों की तस्वीर बदलने में जूझ रही हैं. कुल मिलाकर कहा देखा जाए तो बाकायदा कमर पर पल्लू कस चुकी हैं महिलाएं.
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