फिर हुआ गुजरात के गोधरा में शर्मनाक हादसा
गुरू-शिष्य का पवित्र रिश्ता शर्मसार
राजस्थान के पाली में ली थी दीक्षा
जैन समाज में सनसनीखेज वारदात
17 साल की साध्वी वापस परिवार में पहुंची
पांच लोगों ने एक जैन साध्वी के इशारे पर लंबे समय तक किया शारीरिक शोषण
भगवान महावीर स्वामी के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने और जैन धर्म की ध्वज पताका को देश के कोने-कोने में फहराने की सोच लेकर माता-पिता ने अपनी लाडली बेटी जिस गुरू को सौंपी, उसने न सिर्फ गुरू-शिष्य के पवित्र रिश्ते को शर्मसार किया बल्कि संपूर्ण जैन समाज की आस्था पर आघात किया। साम्प्रदायिक दंगों का दंश झेल चुके गुजरात के गोधरा कस्बे में एक नाबालिग जैन साध्वी के सामूहिक बलात्कार की सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ है। पीडित साध्वी ने पांच लोगों द्वारा आश्रम में सामूहिक बलात्कार करने का आरोप लगाया है। आरोप यह भी है कि यह दुष्कर्म एक जैन साध्वी के इशारे पर किया गया है। पीडित साध्वी आदिवासी समुदाय से है।
जानकारी के अनुसार गुजरात के आदिवासी बहुल पंचमहाल जिले की हालोल तहसील के शिवराजपुरा गांव की 15 वर्षीय सुरेखा ने दो साल पहले राजस्थान के पाली जिले में स्थित शिवगंज कस्बे में जैन साध्वी के रूप में भागवती दीक्षा ली थी। इसके बाद से ही वह अपनी गुरू व संघ की वरिष्ठ साध्वी निर्मला प्रभा के साथ राजस्थान के खैरवाड़ा आश्रम में साधना कर रही थी। सुरेखा ने गुजरात के पावागढ़ पुलिस थाने में दी शिकायत में कहा कि 27 मार्च, 2011 से पहले साध्वी निर्मला के कहने पर आश्रम में रहने वाले महेन्द्र, अशोक व मुकेश सहित पांच लोग उसके साथ दुष्कर्म करते रहे। साध्वी को शिकायत करने पर वह भी उसके साथ अभद्र व्यवहार करती थी। इससे तंग हो चुकी सुरेखा एक दिन मौका पाकर आश्रम से भागकर अपने गांव आ गई। जब उसने परिजन को आपबीती सुनाई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने पीडित साध्वी का मेडिकल मुआयना कराया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। फिलहाल पीडिता अपने परिवार वालों के साथ है।
खैर, इस घटना से अनुमान लगाया जा सकता है कि भगवान महावीर के पंच सिद्धांतों का प्रचार करने वाले जैन संत-साध्वी इनका स्वयं के जीवन में कितना अनुसरण कर रहे हैं। जैन समाज को राष्ट्रीय स्तर पर चिंतन करना चाहिए कि वे जिस गति से अपने समाज के युवक-युवतियों को वैराग्य पथ पर भेज रहे हैं, क्या वे वाकई इस कठिन पथ के लिए सक्षम हैं या नहीं।