मैं पत्रकारिता में रॉंग-फॉंट हूं: आनंदस्‍वरूप वर्मा

: पूरी दुनिया में नेपाल, भूटान और अफ्रीका पर अकूत गहन अध्‍ययन : 80 बरस के हो चुके हैं वर्मा जी, शुभकामनाएं और बधाइयां भी : बेधड़क और ईमानदारी का गजब साम्‍यता रखता है पत्रकारिता का यह अद्भुत प्रकाश-स्‍तम्‍भ : सच बात तो यही है कि कतिपय मामलों में मैं निजी तौर पर वर्मा जी […]

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कांवड़-यात्रा: यही तो है दंगा और बलवाइयों का मूल चेहरा

: वसीम बरेलवी की सलाह थी कि बच्चे को मजहबी शिक्षा हरगिज रोकें :आप शिवलिंग पर जल चढ़ाने जा रहे हैं तो फिर यह क्‍या हो रहा है : महादेव भोलेनाथ के भक्‍त इतने अंधभक्‍त मवाली कैसे बने : दंगा और दंगाइयों को पहचानिये। निदान भी खोजिए : लखनऊ में लाख से ज्‍यादा मुसलमानों ने […]

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कब्र में भी सेक्‍स का जोश: यह है मुसलमानों की असली समस्या !

: 72 हूरों की कल्‍पना से गदगद हो पड़ते हैं कट्टर मुसलमान : जिसने जन्‍म दिया, जिसने जीवन भर साथ दिया, जिसने औलाद अता की, उसको बदबूदार और मैली-कुचैली बता रहे हैं मुसलमान : क्‍या वाकई यही हालत है इस्‍लाम में औरत की : ऐसे में इस दुनिया की औरतें अपने बेईमान, बेगैरत और बेशर्म […]

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अपना इस्तीफा समर्थकों से फड़वाया मणिपुर के सीएम ने

: पीएम विश्व भ्रमण के आनन्द में डूबे, केंद्रीय मंत्री मैदान छोड़ कर भागे : दो महीने में राख बनते जा रहे मणिपुर को बचाने को केवल अमानवीय नौटंकी : इन्हीं सीएम ने डेढ़ साल पहले स्कूली बच्चों को रास्ते में जमीन पर सिर नवाने की सामंती हरकत की : केंद्रीय मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष व […]

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बकरीद: आपका चित्त अगर शांत हो, तो एक बात कहूँ !

: नेपाल, भूटान और लेह से लेकर पूरे देश में है मांसाहार : काली व स्थानीय देवता के लिए बलि प्रथा : हिन्दू मनौती के लिए, पर मुसलमान त्याग-भाव के लिए बकरीद मनाता है : आपकी परंपरा पवित्र, और मुसलमानों की क्रूर, अमानवीय और दूषित : क्यों झांकते हैं पड़ोसी की रसोई में ? : […]

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हुर्रे नीतिका, बधाई। बलात्‍कारी सिपाही को जबर्दस्‍त दोलत्‍ती, बर्खास्‍त

: दोलत्‍ती-अभियान पर जोरदार सफलता, कुकर्मी को देवरिया के पुलिस अधीक्षक ने किया सेवा से निष्‍कासित : लोक-सेवा के बजाय युवती का जीवन बर्बाद करने वाला पुलिसवाले का मुंह काला : प्रेम जाल में फंसा कर धोखा दिया और चार बार कराया एबॉर्शन, मौत के घाट उतारने की भी साजिश बुनी : कई बार सरेआम […]

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अरे उल्‍लू के पट्ठों ! स्‍त्री तुम्‍हारा शौचालय नहीं है रे

: मानव के प्रजनन अंगों का वेद बुना है वात्‍सायन व कोका पंडित ने, उसकी भावुकता व संवेदनाओं की व्‍याख्‍या की है ओशो ने : ओशो यानी ओशनिक, अर्थात समुद्र की तरह गहरा, प्रशांत और रत्‍न-सागर : सहवास। अछूते सवालों पर चर्चा ओशो से पहले भगवान तक ने जरूरी नहीं समझा : स्‍त्री को नर्क […]

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हाईकोर्ट के जज हो ! कभी दमड़ी भी खर्च की, कि आज ही करोगे ?

: संकट में बेहाल युवक की रंगत से ही पहचान जाते थे शचींद्र : राघवेंद्र सिंह जब गुस्‍सा आता, तो वे अपने साथी के सारे कपड़े धोकर सुखा डालते : जौनपुर के पिलकिछा के रहने वाले शचींद्र नाथ उपाध्‍याय ने इलाहाबाद में पूरा जीवन एकाकी बिताया : कुछ की हरकतें, जरूरतें, लापरवाहियां, तो भूल-चूक से […]

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हुसैनगंज का जिल्‍दसाज और पंसारी छंगा ही है लखनऊ का लसोढ़ा-पन

: उस सामाजिक ताना-बाना में पूरा मोहल्‍ला अभिभावक था : अभी भी वक्‍त है म्‍यां। रिश्‍तों को जोड़ने के लिए लसोढ़ा उगाइये : जन्‍मजात होती है बच्‍चों में झूठ और चोरी की आदत, उन्‍हें सहजता से निपटाना जरूरी : पतंग लूटने या उसे दुरुस्‍त कराने की औकात होती, तो नयी कनकउव्‍वा न खरीद लेते : […]

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लसोढ़ा चखे पतंगबाजी क्‍या खाक समझोगे ?

: रामपुर और बरेली में भी होती है पतंगबाजी, लेकिन जमघट सिर्फ लखनऊ में : मुझे तमीज की लीक पर लाने के लिए पापा ने लगाया था लसोढ़ा : झगड़े में भी सम्‍मान से बात करना भी लखनवी लसोढ़ा-पन ही तो है : लखनवी तमीज में जो लोग बचे हैं, लसोढ़ा का ही असल कमाल […]

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आओ वक्‍त रहते शिकवे-गिले मिटा लें… क्‍या पता ! कल हो, न हो

: न जाने कौन कब हमारी जिन्‍दगी की किताब से अपना पन्‍ना फाड़ कर चला जाए : कई बार खबरें जब रोने पर मजबूर कर रही हैं : मैं खिड़की से दुहरे मास्‍क लगाकर प्‍लेट में सुबह-शाम ऐसे खाना डालती हूं मानो वह कोई अस्‍पृश्‍य हो: साशा सौवीर नई दिल्‍ली : ‘आज एक हंसी और […]

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बलिया के पत्रकार चाटेंगे शिलाजीत। पूंछ रखेंगे पिछवाड़े में

: रतन की हत्या दो दिन पहले ही करने की योजना थी, कारण अवैध-संबंध भी : पत्रकारों की औकात उनकी पूंछ से आंकिये : दोलत्ती पर हमला करेंगे सियार, साहस तो देखिये : कुमार सौवीर बलिया : चूल्हे पर भोजन पकाने वाली पुरानी पीढी हमेशा पतीली में खुदबदाते चावल के दो-चार दानों को उंगलियों से […]

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पवित्रता का राजपथ: पश्‍चाताप नहीं, प्रायश्चित कीजिए

: पश्‍चाताप तो अकर्मण्‍य-उदासीन स्थिति है, जबकि प्रायश्चित एक आदर्श सार्थक क्रिया : अपने अनुभव हमें भेजिए, स्‍वयं को पवित्र व निर्मल कीजिए : जीभ-लिंग 2 : कुमार सौवीर लखनऊ : (गतांक से आगे) दुर्वासा ऋषि को सबक सिखाने के लिए शिव-शम्‍भू ने जो लीला रची, उसके बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता था। शिव […]

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कानूनन तो सील होना चाहिए भास्कर का इंदौर मुख्यालय

: पत्रकार में कोरोना संक्रमण से भास्कर के कई लोगों में भी भय का माहौल : पीड़ित पत्रकारों-कर्मचारियों में राहत योजना पर भास्‍कर समूह खामोश : कुमार सौवीर लखनऊ : कानून तो यह है कि कोरोना संक्रमण पॉजिटिव हो जाने के बाद संबंधित संस्‍थान को पूरी तरह सील कर दिया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, […]

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जिन्‍दगी के हर मोड़ पर थप्‍पड़ मारती है फिल्‍म “थप्‍पड़”

: फिल्‍म देखिये, इसके पहले कि थप्‍पड़ गाल पर आने की नौबत पहुंचे : थप्‍पड़ क्रिया में मारने, देखने, सुनने, महसूस, दर्द को समझने और टीस को अंतर्मन तक घुलते हुए भोगने वालों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग : कुमार सौवीर लखनऊ : थप्‍पड़। हर शख्‍स को थप्‍पड़ खाने पर बहुत नाराज नहीं होना चाहिए। बल्कि उसे […]

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