कोरोना से बतियाओ बलम, जरा पास खांसो

: होली पर एक नया रंग उलीचना शुरू किया कुमार सौवीर ने : जमाना पूछ रहा है कि इस मेकअप कैसी हूं मैं :  कुमार सौवीर लखनऊ : जमाने पर फेंक दिया फेंचकुर। बलम, जरा पास खांसो। कोरोना से बतियाओ बलम, जरा पास खांसो। मेरे चना जोर गरम बलम, जरा पास खांसो। बोल कबीरा सारा […]

आगे पढ़ें

खबर का शाहंशाह शेखर त्रिपाठी, अब ऐसा संपादक कहां

: अपने प्रमुख संवाददाता को खलिहान में जुटाया, और स्‍वयंसहायता समूह की असलियतों को जमीनी खोजने का अभियान छेड़ दिया था इस सम्‍पादक ने : बुनकर से लेकर कृषि-संस्‍थानों तक पर जमकर खंगाला शेखर त्रिपाठी ने :  सत्‍येंद्र पीएस नई दिल्‍ली : हिंदुस्तान टाइम्स के प्रभारी प्रभु राजदान से मेरी अच्छी मित्रता थी। मित्रता क्या, […]

आगे पढ़ें

“आओ, रिश्‍तों की खाद बनाया जाए”

“आओ, रिश्‍तों की खाद बनाया जाए” रिश्‍ते चाहे वह जैविक हों, या फिर भावनाएं औपचारिक हों, अथवा आत्‍मीय या घनिष्‍ठ थोपे हुए हों, या फिर जबरन चिपकाये गये हों। उन्‍हें तोड़ कर फेंकना अक्‍लमंदी नहीं। बेहतर होगा कि उनको बटोर कर अपने से दूर कर दें। किसी गड्ढे में उन्‍हें दफ्न कर दिया जाए। सिलसिलेवार […]

आगे पढ़ें

कहानी, दोलत्‍ती के साथ अघोरी की

: काशी के श्‍मशानों तक के सारे के सारे भूत-जिन्‍नात ही भाग गये : अब तो दोलत्‍ती डॉट कॉम भी आपके साथ है। नये तेवर के साथ : कुमार सौवीर लखनऊ : मैं तो एक खुली और दिलचस्प किताब की तरह हूं। कोई भी चाहे, जहां से चाहे, पन्ना खोलकर कुछ भी पढना शुरू कर […]

आगे पढ़ें