हुर्रे नीतिका, बधाई। बलात्‍कारी सिपाही को जबर्दस्‍त दोलत्‍ती, बर्खास्‍त

बिटिया खबर

: दोलत्‍ती-अभियान पर जोरदार सफलता, कुकर्मी को देवरिया के पुलिस अधीक्षक ने किया सेवा से निष्‍कासित : लोक-सेवा के बजाय युवती का जीवन बर्बाद करने वाला पुलिसवाले का मुंह काला : प्रेम जाल में फंसा कर धोखा दिया और चार बार कराया एबॉर्शन, मौत के घाट उतारने की भी साजिश बुनी : कई बार सरेआम पीट दिया था सिपाही राहुल ने देवरिया में उस पीडि़त युवती को : देवरिया खामोश रहा, लेकिन दोलत्‍ती व नितिका के युद्ध को मदद करने में पत्रकार गोविंद मौर्या व हेमंत कुशवाहा का योगदान बेमिसाल, बधाई-योग्‍य : 

कुमार सौवीर

लखनऊ : दोलत्‍ती डॉट कॉम एक नाम नहीं, एक अभियान के तौर पर शुरू किया था हमने। मकसद था बेहाल लोगों की आवाज के साथ अपनी आवाज मिला कर उन लोगों का युद्ध मुकाम तक पहुंचाया जाए, जो युद्ध लड़ने का न तो क्षमता रखता हैं, या फिर उनमें हौसला भी नहीं बचता है। लेकिन आज दोलत्‍ती आज फिर एक नयी जीत हासिल कर गया है। देवरिया की युवती नीतिका पांडेय आज जीत गयी। देवरिया के पुलिस कप्‍तान ने उसके कुकर्मी प्रेमी को सेवा से बर्खास्‍त कर दिया है। दोलत्‍ती को इस बात पर बेहद खुशी है कि उस बेहाल नितिका का युद्ध पूरी शिद्दत के साथ लड़ा। दुख इस बात का है कि इस पूरे मामले में देवरिया, गोरखपुर और पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि पूरे हिन्‍दी-पत्रकारिता ने अपना मुंह सिला ही रखा था। लेकिन हर्ष की बात है कि दोलत्‍ती डॉट कॉम ने नितिका का यह युद्ध लड़ा और सफलता हासिल की। हालांकि पुलिस कप्‍तान की ओर से जारी इस आदेश के अनुसार राहुल के साथ नितिका का विवाह हो गया था। लेकिन नितिका का अभी भी दावा है कि राहुल ने उसके साथ विवाह का लालच किया था और इसी के चलते उसका लगातार चार बरसों तक उसका यौन-शोषण किया, और इसी बीच हुई मारपीट में उस युवती का चार बार गर्भपात भी हुआ।

नितिका मूर्ख नहीं, भावुक थी। लुट गयी। पर अब जिन्‍दगी भर लड़ेगी

बहरहाल, पुलिस अधीक्षक की ओर से जारी एक सरकारी प्रेस-नोट में कहा गया है कि अशोभनीय, निंदनीय एवं गम्भीर आपराधिक कृत्य के संबन्ध में की कार्यवाही के तहत राहुल को बर्खास्‍त कर दिया गया है। प्रेस नोट के अनुसार पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि एक लड़की की मुलाकात 04 वर्ष पूर्व आरक्षी राहुल कुमार से हुई तथा दोनो द्वारा गोरखपुर के किसी मन्दिर में विवाह कर लिया गया। जिसके उपरान्त आरक्षी राहुल कुमार द्वारा लड़की को तरह-तरह से प्रताड़ित किये जाने के संबन्ध में लड़की द्वारा प्राप्त तहरीर के आधार पर दिनांक 03.10.2021 को महिला थाना जनपद देवरिया पर मु0अ0सं0-29/2021 धारा-498ए,313 भादंसं बनाम आरक्षी राहुल कुमार के विरूद्ध पंजीकृत कराया गया। अभियोग पंजीकृत होने के आरोप में उक्त आरक्षी को निलम्बित करते हुए जांच क्षेत्राधिकारी सलेमपुर को सुपुर्द किया गया। जांच में आरक्षी द्वारा पुलिस विभाग जैसे अनुशासित बल में रहते हुए अपने पदेन कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, घोर अनुशासनहीनता हेतु दोषी पाये जाने के उपरान्त जांच अधिकारी क्षेत्राधिकारी सलेमपुर की संस्तुति पर निलम्बित आरक्षी राहुल कुमार को उ0प्र0 सरकारी सेवक आचरण नियमावली-1956 के धारा 3 में निहित प्रावधान तथा उ0प्र0 अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दण्ड एवं अपील) नियमावली-1991 के नियम 8(2)(ख) व भारतीय संविधान के अनुच्छेद-311 (2)(बी) में निहित उपबन्धों के अधीन पुलिस अधीक्षक देवरिया डा0 श्रीपति मिश्र द्वारा आज दिनांक 14.12.2021 को उक्त आरक्षी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
आपको बता दें कि यह मामला है देवरिया का, जहां राहुल नाम का एक सिपाही गोरखपुर की एक युवती को अपने प्रेमजाल में फंसा कर उसके मौत की राह तक पहुंचा रहा है। हैरत की बात है कि महात्‍मा बुद्ध के पुत्र के नाम पर रखे अपने बेटे के राहुल नाम रखे सिपाही की करतूत पर शर्मिंदा होने के बजाय, उसका पिता और उसके परिजनों ने उस लड़की और उसके पिता समेत घरवालों को मार डालने की धमकी तक दे डाली है। इस मामले में राहुल के पिता, राहुल और राहुल के मित्र उस लड़की का दुश्‍मन बने हैं।

योगी का राज, योगी का इलाका, योगी की बेटी। योगी-पुलिस ने कराया चार एबॉर्शन

गोरखपुर में एक अस्‍पताल में अपने एक परिचित के इलाज के दौरान जब लड़की का परिचय राहुल से हुआ था। उसने अपना नाम राहुल कुमार बताया और कहा कि वह खलीलाबाद के यादव परिवार से है। बाद में बताया कि वह देवरिया के एक पुलिस थाने में सिपाही के पद पर पोस्‍टेड है। पीडि़त के मुताबिक कुछ ही दिनों बाद राहुल ने उससे शादी करने का वायदा कर उसे देवरिया आने-जाने का आग्रह किया। बताया कि देवरिया में उसका एक कमरा है। विश्‍वास पर अंधी वह लड़की अक्‍सर देवरिया आने लगी। शादी पर जब भी बात उठाती, तो राहुल उसको कुछ पारिवारिक विवाद बता कर उसे टाल देता। उस लड़की के अनुसार इस बीच उसके तीन गर्भ हुए, जिसे राहुल ने येन-केन-प्रकारेण उसका एबॉर्शन करा दिया।
चौथी बार जब वह लड़की गर्भवती हुई, तो राहुल ने फिर वह पेट सफाई का दबाव दिया, लेकिन लड़की ने उसकी बात साफ खारिज कर दी। उस पर राहुल दरिंदगी पर आमादा हो गया। मारपीट शुरू हुई और उसे घर से निकाल दिया गया। इसी बीच उसके पेट पर लातें मारी गयीं और नतीजा यह हुआ कि लड़की का गर्भ गिर गया। अस्‍पताल में जांच में पाया किया गया पेट में भारी प्रहार होने से यह दर्दनाक हादसा हुआ है। हताशा, गुस्‍सा और आक्रोश में भरी नितिका ने पुलिस में इस हादसे का मुकदमा दर्ज करने की अर्जी लगायी। यह भनक लगते ही उसका प्रेमी सकपका गया। उसने अपने परिचितों को भेज कर मामला निपटाने की कोशिश की। वे लोग नितिका के पास गये, बहलाया। कहा कि पुलिस-कचेहरी के चक्‍कर में तो वह अंतत: बर्बाद हो जाएगी। किसी के जेल जाने से उसे क्‍या लाभ होगा, इससे बेहतर होगा कि वह विवाद खत्‍मकर ले और मामला यहीं पर खत्‍म कर दे। विश्‍वास दिलाने के लिए नितिका को एक लाख का चेक और दो लाख तीस हजार रुपया नकद दिया गया।

भावुकता में वह मूर्खता के पाले में गिर पड़ी। उसे लगा कि उसके संकट अब खत्‍म होने वाले हैं, और उसके बाद वह अपनी जिन्‍दगी फिर नये तरीके से शुरू करेगी। लेकिन इस के बाद फिर से प्रेमी ने पलटवार करना शुरू कर दिया। उसने नितिका को फिर बेइज्‍जत किया। नितिका फिर पुलिस के पास गयी। यह देख कर राहुल के हाथ-पांव ठंडे होने लगे। समझौतों को नया दौर शुरू होगा। पक्‍का वायदा किया गया कि नितिका अदालत में बयान बदल दे, तो उसके फौरन उसकी परस्‍पर शादी करा दी जाएगी। नितिका ने बात मान ली। जज के सामने बयान दिया कि वह अब इस मामले पर कोई कार्रवाई करना नहीं चाहती है और उसी व्‍यक्ति के साथ ही शादी कर लेगी। अदालत में मामला रफा-दफा हो गया, तो नितिका ने चेक उसे वापस कर दिया।

इसी बीच उसके प्रेमी ने अपनी एक सख्‍त जरूरत बता कर उसे दी गयी सवा दो लाख रुपयों की रकम वापस मांग ली। जिन्‍दगी को सुनहले ढर्रे पर आती जिन्‍दगी का अहसास होता देख नितिका ने वह रकम वापस कर दी। लेकिन भावुकता से सराबोर भीगती नितिका यहां एक बार फिर मूर्ख साबित हुई, क्‍योंकि राहुल ने अपना काम निकलने के बाद उसे फिर घर से बाहर कर दिया। उस लड़की का आरोप है कि इस बीच उसने एक महिला पुलिस कांस्‍टेबुल को अपने कमरे पर आपत्तिजनक हालत में देखा था। और उसके बाद से ही उस लड़की की जिन्‍दगी तबाह होने लगी। उसका कहना है कि पुलिस ने इस मामले में पुरानी एफआईआर दर्ज के मामले को दोबारा खोले जाने का अनुरोध किया था, लेकिन अब तक पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। उसका आरोप है कि इस मामले में पुलिस राहुल की दरिंदगी को छिपा कर उसे निलंबन से खत्‍म करने की साजिश में कर रही है।
बहरहाल, इस युद्ध को इस मुकाम तक पहुंचाने और फिलहाल जीत जाने के लिए नीतिका पांडेय को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।

लेकिन शर्मनाक बात तो यह है कि इस पूरे मामले में गोरखपुर और देवरिया के किसी भी नागरिक, संगठन, दल अथवा किसी सामाजिक कार्यकर्ता ने इस बारे में कोई आवाज ही नहीं उठायी। देवरिया के गोविंद विश्‍वकर्मा और हेमंत कुशवाहा नामक पत्रकारों ने इस मामले में दोलत्‍ती और नितिका के युद्ध को मदद की, वह अपने आप में मिसाल और बधाई योग्‍य है।

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