हुर्रे नीतिका, बधाई। बलात्‍कारी सिपाही को जबर्दस्‍त दोलत्‍ती, बर्खास्‍त

: दोलत्‍ती-अभियान पर जोरदार सफलता, कुकर्मी को देवरिया के पुलिस अधीक्षक ने किया सेवा से निष्‍कासित : लोक-सेवा के बजाय युवती का जीवन बर्बाद करने वाला पुलिसवाले का मुंह काला : प्रेम जाल में फंसा कर धोखा दिया और चार बार कराया एबॉर्शन, मौत के घाट उतारने की भी साजिश बुनी : कई बार सरेआम […]

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योगी का राज, योगी का इलाका, योगी की बेटी। योगी-पुलिस ने कराया चार एबॉर्शन

: दर-दर भटक रही है गोरखपुर की लड़की नितिका : प्रेम-जाल में फंसा कर चार साल तक लगातार यौन-शोषण करता रहा सिपाही : अब योगी और डीएम से दरख्‍वास्‍त करने के लिए भटक रही है युवती : न ख़ुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम न इधर के हुए न उधर के हुए : कुमार सौवीर लखनऊ […]

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कुमार सौवीर इक जिद्दी आशिक, उसे ठुकराती है माशूका

: मेरे बारे में दूसरों की राय 75 फीसदी सच : पोएट्री के मामले में एक इल्‍लीट्रेट यानी निरक्षर-अनपढ़-जाहिल : मेरी कविता अभिजात्य भद्र-समाज के कवित्त-सभागारों में मुंह के बल धड़ाम : पोएटिकल एटीट्यूड है, लेकिन पोएट्री में पोलिटिकल एटीट्यूट नदारत : बेहतर समीक्षा तो करते हैं धनंजय शुक्‍ल, मैं उत्‍तीर्ण : कुमार सौवीर लखनऊ […]

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मैं आशिक़ गधा। आई मिस यू, माई लव गदही।

: चल, कुछेक पप्पी मेरे गाल पर छाप दे मेरे गधे आशिक़ : अगले जन्म में तेरी टोटल समर्पित गदही बनूंगी। प्रॉमिस : महान बुद्ध की राह पर है गधा, सम्मान जरूरी : हुस्न की खुशकिस्मती है कि उसका आशिक कुत्ता नहीं, गधा है : हुस्न अपने पेट में 14 इंजेक्शन लगवाती, मेरी भौंक से […]

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16 लाख में एक भी न था, जो सुशांत को समझता

: सुशांत सिंह स्‍मृति-शेष : जीवन के ऑर्गेज्‍म का सुख शायद ही किसी को मिल पाये : सेक्स, कुंठाओं के दौर में यदि प्रेम-पगा सखा है तो वह भाग्यशाली : ज़िन्दगी को चाहिए एक दोस्त जो रूह की कराह को सुन ले : त्रिभुवन उदयपुर : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने तीन जून को माँ […]

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रक्षा-बंधन: स्‍त्री स्‍नेह-वर्षा करे तो महान, वरना चुड़ैल

: बहन-भाई के रिश्‍ते में भी मनमर्जी और छल-कपट : अधिकांश लोगों में भीतर झांकिये, उबलती सचाई की गाथाएं हम तक फौरन भेज दीजिए : पुनीत रिश्‍तों में भी तोल-मोल की तादात अभी भी खासी है : तनिक भी अधिकार मांगने की कोशिश की, तो रिश्‍ते खत्‍म देने वालों को पहचानिये : कुमार सौवीर लखनऊ […]

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फेसबुक किसी भी इंसान को बच्चा बना डालता है, जिद्दी बच्चा

: दूसरों को छोडि़ये, मुझे खुद बेइंतिहा पसंद है महिलाओं से खूब बतियाना : ज्‍यादा अवसर होने के चलते हम में आवेग ज्यादा उमड़ते हैं फेसबुक से : हमारे ही आवेग, उद्रेग और संवेदनाओं का फास्ट‍फूड है फेसबुक : कमाल है फेसबुक पर संवेदनाओं-भावनाओं का व्यवसाय। श्रंखला– चार : कुमार सौवीर लखनऊ : फेसबुक पर […]

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देर रात युवती मुझसे बोली:-“आई लव यू।“ अगले दिन भूल गयी

: एफबी में मुझे ऐसी महिलाएं मिलीं कि मैं धन्य हो गया, सबका ऋणी हूं : हर रिश्तों की मजबूत इबारतों को दर्ज कर देती हैं फेसबुक की दीवारें : कहीं स्नेह, कहीं दुलार, कहीं इश्क, तो कहीं शिकवों का भी सैलाब यहीं है : कमाल है फेसबुक पर संवेदनाओं-भावनाओं का व्यवसाय। श्रंखला– तीन : […]

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टूटता है आत्म-रति का आवेग, गालियां देते हैं आभासी दुनिया को

: तस्वीरों पर जान देने की बीमारी अधिकांश अधेड़ पुरूषों में जानलेवा : वर्चुअल मोहब्बत बनाम रियल दुख, हाय मोर अल्ला : सवाल तो यह है कि हम रियल-वर्चुअल पर एकांगी चर्चा क्यों करें? : फेसबुक पर संवेदनाओं-भावनाओं के “प्रेम-व्यवसाय” पर श्रंखला– एक : कुमार सौवीर लखनऊ : जीवन्त दुनिया या आभासी दुनिया के बीच […]

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प्रेम-वियोग ही नहीं, पिटाई भी होती है कविता की जननी

मैं तीन गुंडों से निपट सकता हूं, तेरी आंखों से नहीं कुमार सौवीर लखनऊ : लेकिन तुम मेरी यह शर्त मान लो कि तुम मुझे छक्‍का नहीं मानोगे, तब ही बताऊंगा। हां नहीं तो… तो दोस्‍तों, यह करीब पचीस साल पहले की बात रही होगी। एक रात करीब डेढ़ बजे मैं अपने एक मित्र के […]

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