: दर-दर भटक रही है गोरखपुर की लड़की नितिका : प्रेम-जाल में फंसा कर चार साल तक लगातार यौन-शोषण करता रहा सिपाही : अब योगी और डीएम से दरख्वास्त करने के लिए भटक रही है युवती : न ख़ुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम न इधर के हुए न उधर के हुए :
कुमार सौवीर
लखनऊ : न ख़ुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम, न इधर के हुए न उधर के हुए। जिससे शादी करके जिन्दगी के सुनहले सपने बुने थे, उसने सिर्फ देह का इस्तेमाल किया। सपनों को खिलौना और उसके बहाने शरीर के साथ ही जीवन को भी खिलवाड़ बना डाला। केवल आश्वासन उछाले जाते रहे। कभी झूठा वायदा दिया गया तो कभी पैसा देने का आश्वासन देकर मामला रफा-दफा किया जाता रहा। कभी घर में पिटाई हुई, कभी दिनदहाड़े सड़क पर मारपीट की गयी, तो कभी पुलिस आफिस में ही उस लड़की को बाल पकड़ कर पीट दिया गया। इतना ही नहीं, बात जब ज्यादा बढ़ने लगी, तो उस लड़की के घर पहुंच कर उनके घरवालों को भी मारपीट कर उन्हें जान से मार दिये जाने की धमकी दी गयी। इसी में चार बरस तो बीत ही गये। और इसी बीच में वह जब सब हो गया, जो किसी लड़की के सर्वनाश से कम नहीं होता है।
यह मामला है देवरिया का, जहां राहुल नाम का एक सिपाही गोरखपुर की एक युवती को अपने प्रेमजाल में फंसा कर उसके मौत की राह तक पहुंचा रहा है। हैरत की बात है कि महात्मा बुद्ध के पुत्र के नाम पर रखे अपने बेटे के राहुल नाम रखे सिपाही की करतूत पर शर्मिंदा होने के बजाय, उसका पिता और उसके परिजनों ने उस लड़की और उसके पिता समेत घरवालों को मार डालने की धमकी तक दे डाली है। इस मामले में राहुल के पिता, राहुल और राहुल के मित्र उस लड़की का दुश्मन बने हैं।
गोरखपुर में एक अस्पताल में अपने एक परिचित के इलाज के दौरान जब लड़की का परिचय राहुल से हुआ था। उसने अपना नाम राहुल कुमार बताया और कहा कि वह खलीलाबाद के यादव परिवार से है। बाद में बताया कि वह देवरिया के एक पुलिस थाने में सिपाही के पद पर पोस्टेड है। पीडि़त के मुताबिक कुछ ही दिनों बाद राहुल ने उससे शादी करने का वायदा कर उसे देवरिया आने-जाने का आग्रह किया। बताया कि देवरिया में उसका एक कमरा है। विश्वास पर अंधी वह लड़की अक्सर देवरिया आने लगी। शादी पर जब भी बात उठाती, तो राहुल उसको कुछ पारिवारिक विवाद बता कर उसे टाल देता। उस लड़की के अनुसार इस बीच उसके तीन गर्भ हुए, जिसे राहुल ने येन-केन-प्रकारेण उसका एबॉर्शन करा दिया।
चौथी बार जब वह लड़की गर्भवती हुई, तो राहुल ने फिर वह पेट सफाई का दबाव दिया, लेकिन लड़की ने उसकी बात साफ खारिज कर दी। उस पर राहुल दरिंदगी पर आमादा हो गया। मारपीट शुरू हुई और उसे घर से निकाल दिया गया। इसी बीच उसके पेट पर लातें मारी गयीं और नतीजा यह हुआ कि लड़की का गर्भ गिर गया। अस्पताल में जांच में पाया किया गया पेट में भारी प्रहार होने से यह दर्दनाक हादसा हुआ है। हताशा, गुस्सा और आक्रोश में भरी नितिका ने पुलिस में इस हादसे का मुकदमा दर्ज करने की अर्जी लगायी। यह भनक लगते ही उसका प्रेमी सकपका गया। उसने अपने परिचितों को भेज कर मामला निपटाने की कोशिश की। वे लोग नितिका के पास गये, बहलाया। कहा कि पुलिस-कचेहरी के चक्कर में तो वह अंतत: बर्बाद हो जाएगी। किसी के जेल जाने से उसे क्या लाभ होगा, इससे बेहतर होगा कि वह विवाद खत्मकर ले और मामला यहीं पर खत्म कर दे। विश्वास दिलाने के लिए नितिका को एक लाख का चेक और दो लाख तीस हजार रुपया नकद दिया गया।
नीतिका मूर्ख नहीं, भावुक थी। लुट गयी। पर अब जिन्दगी भर लड़ेगी
भावुकता में वह मूर्खता के पाले में गिर पड़ी। उसे लगा कि उसके संकट अब खत्म होने वाले हैं, और उसके बाद वह अपनी जिन्दगी फिर नये तरीके से शुरू करेगी। लेकिन इस के बाद फिर से प्रेमी ने पलटवार करना शुरू कर दिया। उसने नितिका को फिर बेइज्जत किया। नितिका फिर पुलिस के पास गयी। यह देख कर राहुल के हाथ-पांव ठंडे होने लगे। समझौतों को नया दौर शुरू होगा। पक्का वायदा किया गया कि नितिका अदालत में बयान बदल दे, तो उसके फौरन उसकी परस्पर शादी करा दी जाएगी। नितिका ने बात मान ली। जज के सामने बयान दिया कि वह अब इस मामले पर कोई कार्रवाई करना नहीं चाहती है और उसी व्यक्ति के साथ ही शादी कर लेगी।
अदालत में मामला रफा-दफा हो गया, तो नितिका ने चेक उसे वापस कर दिया। इसी बीच उसके प्रेमी ने अपनी एक सख्त जरूरत बता कर उसे दी गयी सवा दो लाख रुपयों की रकम वापस मांग ली। जिन्दगी को सुनहले ढर्रे पर आती जिन्दगी का अहसास होता देख नितिका ने वह रकम वापस कर दी। लेकिन भावुकता से सराबोर भीगती नितिका यहां एक बार फिर मूर्ख साबित हुई, क्योंकि राहुल ने अपना काम निकलने के बाद उसे फिर घर से बाहर कर दिया।
उस लड़की का आरोप है कि इस बीच उसने एक महिला पुलिस कांस्टेबुल को अपने कमरे पर आपत्तिजनक हालत में देखा था। और उसके बाद से ही उस लड़की की जिन्दगी तबाह होने लगी। उसका कहना है कि पुलिस ने इस मामले में पुरानी एफआईआर दर्ज के मामले को दोबारा खोले जाने का अनुरोध किया था, लेकिन अब तक पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। उसका आरोप है कि इस मामले में पुलिस राहुल की दरिंदगी को छिपा कर उसे निलंबन से खत्म करने की साजिश में कर रही है।
बहरहाल, उस लड़की को अब एक आखिरी रास्ता दिखायी पड़ा है। उसका कहना है कि वह अपनी व्यथा सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक को पहुंचा देगी। उसे विश्वास है कि गोरखपुर के रहने वाले योगी इस मामले में ही नहीं, बल्कि पुलिस के एक सिपाही की दरिंदगी पर जरूर कड़ी कार्रवाई करेंगे।
सही कहा भाई साहब आपने मेरे पास भी भी एक ऐसी ही स्टोरी है