लाखों का “खेल” कर गया लखनऊ में अंग्रेजी का बड़ा पत्रकार, दिग्‍गज नौकरशाह को भी चूना लगाया

: एक दिग्‍गज नौकरशाह समेत न जाने कितने लोगों को भारी चूना लगाया : नाम खेल-पत्रकार का, मगर खेल के नाम पर मोटा खेल गया : मचा हड़कम्‍प, खेल पत्रकारों ने शुरू कर दी धोखेबाज की लानत-मलामत : कुमार सौवीर लखनऊ : सामान्य तौर पर माना जाता है कि हिंदी पत्रकार बेईमान है, अक्षम है, […]

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“महात्मा मोदी के कारोबारी संबंध”: धो डाला टेलीग्राफ ने, हिन्‍दी अखबार तेल ही लगाते रहे

: पीयूष श्रीवास्‍तव ने साबित किया कि पीत-पत्रकारिता कैसे-कहां फरागत फरमाती है : सन-48 में बिड़ला हाउस में गांधी जी एक धोती में ढंके बैठे हैं। दूसरी फोटो सूट टाई वाले लोगों की है : साथ रहने में दिक्‍कत नहीं, महत्‍वपूर्ण होता है चरित्र और जन-चर्चाएं : संजय कुमार सिंह नई दिल्‍ली : ‘द टेलीग्राफ’ […]

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बुड्ढा सम्‍पादक अब बच्‍चा हो गया। चिड़ीमारी भी करता है

: शम्‍भू दयाल बाजपेई अब 64 प्‍लस हो गये। पहले खबरों से खेलते थे, अब सुबह-सुबह चिडि़यों से खेलते हैं : सफल – जीवन जानने को मानता था । खुद को जानना , जीवन – रहस्‍य को समझ लेना : सात महीना का पोता अब नया पाठ पढ़ा रहा है अपने पितामह को : दोलत्‍ती […]

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दो कौड़ी के अपराधियों को आईएस का कारिन्‍दा बना दिया पत्रकारों ने

: मुंगेर की रद्दी पिस्‍तौलें बेचने वाले को आईएस का एजेंट करार दिया : हिन्‍दुस्‍तान ने शैलेंद्र को छापा, मगर बाकी ने परहेज किया : पत्रकारों से पूछिये कि उन्‍होंने क्‍यों गोल कर दिया शैलेंद्र का नाम : रिहाई मंच जैसे लोग भी लगे बंदरों की तरह खौखियाने : कुमार सौवीर लखनऊ : हद हो […]

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अखबारों की कारस्‍तानी: किसी ने ट्रेन, किसी ने दरगाह, तो किसी ने सीधे इंडिया ही उड़ा डाला

: निहायत गैर-जिम्‍मेदार पत्रकारिता का स्‍वाद चखना हो तो यूपी के अखबारों का नाड़ा खींचिये : बे-पर के उल्‍लू उड़ाने में महारत है जागरण, हिन्‍दुस्‍तान और अमर उजाला में : हैरत यह कि यही अखबार खुद को सर्वाधिक विश्‍वसनीय होने का दम भरते हैं : कुमार सौवीर लखनऊ : मध्‍य प्रदेश और यूपी में पिछले […]

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सम्‍पादकों-पत्रकारों को तलवा-चाट कुत्ता बनाने की फैक्‍ट्री है दबंग दुनिया अखबार

: हर पांच-सात महीने में लतिया कर भगा दिये जाते हैं इस अखबार के सम्‍पादक : तीन साल में पांच सम्‍पादकों की निर्लज्‍ज विदाई हो चुकी दबंग दुनिया में : कुमार सौवीर भोपाल : कोई सम्‍पादक अपने पत्रकारीय दायित्‍वों-मूल्‍यों, अखबार के नियमों और उसके मालिकों की शर्तों पर नहीं खरा हो पाया हो तो इसमें […]

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नोट के चक्कर में सम्पादक भूल गये कि घर में लाशें पड़ी हैं

: दैनिक जागरण ने सबसे ज्यादा तेल लगाया मोदी सरकार के बजट पर : 16 पृष्ठों पर सिर्फ वाह-वाही, कानपुर के हताहत श्रमिकों पर एक लाइन तक नहीं : केवल डेली न्यूज एक्टिविस्ट ने पहले  पेजपर छापा हादसा : कुमार सौवीर लखनऊ : बजट पर धंधा उसके कर्ताधर्ताओं में चर्चा और जोश-निराशा का माहौल देखने-दिखाने […]

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लखनवी अखबारों में धमाका, छाबड़ा ने दैनिक जागरण छोड़़ा

: 38 साल से लखनऊ में जागरण की धुरी थे छाबड़ा, रिश्ता मटियामेट हो गया : बोले, जबरिया थोपी जा रही प्रतियां से क्षुब्ध हूं : अब एक के बजाय 13 सेंटरों पर तैनात किया है जागरण ने विक्रय प्रतिनिधि : कुमार सौवीर लखनऊ : छाबड़ा न्यूज एजेंसी ने दैनिक जागरण को हमेशा-हमेशा के लिए […]

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यूपी के अखबार तो सिर्फ भयावह नशीला स्‍वप्‍न-दोष थे, लखनऊ के हॉकरों ने यह नशा छुड़ा दिया

: शुरूआती दौर के दो-तीन दिनों तक पाठक खूब कांखे-पादे, अब सब सामान्‍य हो चुका है : पहले अखबार में मेहतन और चिन्‍तन होता था, अब दल्‍लागिरी और वेस्‍टज ऑफ टाइम : सच बताइये, अखबार न आने से पाठक पर क्‍या फर्क पड़ा : झूठी खबरें प्‍लांट की, विज्ञापन के लिए आबरू तक बेची आपने […]

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