पत्रकार हत्याकाण्ड। मैं क्षुब्ध हूं, पर अब अपना गिरहबान भी झांकिये
: सवाल यह है कि आखिर ऐसे हादसे क्यों होते हैं : हम अपराधियों की हरकतों के खिलाफ युद्ध करें, उनके धंधे से भागीदारी क्यों : अगर-मगर बाद में, पहले तो यह देखिये कि आप कितने पानी में हैं : अखबारों के मालिकों की करतूतें तो अपनी जगह हैं, पर हम उससे बरी नहीं हो […]
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