जमीन के लिए दिल्‍ली की युवती की हत्‍या, सतपुड़ा में मिली लाश

सैड सांग

: बसंतकुंज के अमीर परिवार की थी लीना, जमीन नपवाने भोपाल गयी थी : पुलिस का दावा कि सभी आरोपी गिरफ्तार :  एक पखवाड़े से लापता थी लीना, मोबाइल भी थे बंद :

भोपाल : दिल्ली से लापता लीना सिंह की लाश मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के सतपुडा में जंगलों से बरामद हुई है. अमेरिकी दूतावास स्कूल की पूर्व कर्मचारी लीना अपनी पैतृक जमीन का सीमांकन कराने के लिए 28 अप्रैल को दिल्ली से भोपाल गई थी. पुलिस हत्यारोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है.

लीना दिल्ली के बंसतकुंज इलाके में रहती थी. मूल रुप से मध्य प्रदेश के सोहागपुर की रहने वाली लीना के माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं. लीना की बहन और बाकी परिवार सोहागपुर में ही रहता है. 28 अप्रैल को लीना दिल्ली से भोपाल पहुंची थी. वहां एक रात अपनी सहेली के पास रुकने के बाद अगले दिन वह सोहागपुर के लिए रवाना हो गई थी. लेकिन वहां पहुंचते ही लीना का मोबाइल बंद हो गया था.

लीना के दोस्त उसे कॉल करते रहे लेकिन उसका फोन लगातार बंद आ रहा था. जब उसका मोबाइल फोन दो-तीन दिन का ऑन नहीं हुआ. तो घबराए दोस्तों ने लीना की बहन को फोन किया. लीना की बहन ने उसके दोस्तों को बताया कि लीना किसी काम से जबलपुर हाईकोर्ट गई है. मगर उसके बाद लीना लापता हो गई. उसका कुछ पता नहीं चला.

लीना के मामा प्रदीप शर्मा ने बीती 5 मई को सोहागपुर थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. जिस वक्त लीना गायब हुई थी, उसके पास दो मोबाइल फोन थे. दोनों ही फोन 29 तारीख से लगातार बंद आ रहे थे. हालांकि 5 मई उसका एक मोबाइल कुछ देर के लिए ऑन हुआ था. और उसकी लोकेशन पीपरिया के पास की थी. मगर कुछ देर बाद फोन दोबारा बंद हो गया था.

लीना के दोस्त भी अपने तरीके से उसे तलाश करने की कोशिश कर रहे थे. मामा ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट होशंगाबाद के सोहागपुर थाने में दर्ज कराई थी. पुलिस ने लीना को तलाशना शुरू किया लेकिन उसका कोई पता नहीं लग सका. इसी दौरान पुलिस पर दबाव बनाने के लिए लीना के दोस्तों ने सेव लीना नाम से सोशल साइट पर एक कैंपेन भी चलाया था. जिसे लोगों को खासा समर्थन मिल रहा था. लीना की गुमशुदगी की खबर मध्य प्रदेश के अखबारों की सुर्खियां बनने लगी. पुलिस पर भी दबाव बढ़ने लगा था.

लीना के दोस्त पुलिस पर लीना की बहन और मामा से पूछताछ का दबाव बना रहे थे. जिसके बाद पुलिस ने लीना के कत्ल के आरोप में उसके मामा और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया. जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो मामला खुल गया. उसके बाद रिश्तों और लालच में उलझी कत्ल की एक खौफनाक साजिश का पर्दाफाश हो गया. पुलिस ने लीना के मामा की निशानदेही पर उसकी लाश सतपुड़ा के घने जंगल से बरामद कर ली. लाश काफी पुरानी थी और बुरी हालत में थी. पुलिस अब इस बात का पता लगाना चाहती है कि लीना के मामा ने ही अपनी भांजी को मौत के घाट क्यों उतार दिया.

पूछताछ के दौरान प्रदीप ने पुलिस के सामने खुलासा किया कि लीना के माता-पिता नहीं थे और उसकी बहन की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. ऐसे में लीना ही अकेली 21 एकड़ जमीन की मालिक थी. वो लीना की 21 एकड़ जमीन को कब्जाना चाहते थे. जिसके चलते उन्होंने लीना को रास्ते से हटाने की साजिश रची. 29 अप्रैल को जब लीना अपने उनके साथ अपनी जमीन पर पहुंची तो वहां प्रदीप के साथ उसका विवाद हो गया. इसी दौरान प्रदीप के नौकर गोरेलाल ने लीना के सिर पर डंडा मार दिया. जिसकी वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. वारदात के वक्त मौके पर प्रदीप और उसके दो नौकर राजेन्द्र और गोरेलाल ही मौजूद थे.

प्रदीप और उसके नौकर लीना की लाश को ट्रैक्टर-ट्राली में डालकर जंगल की ओर ले गए. इसके बाद तीनों ने जंगल में एक गड्ढा खोदकर लीना की लाश को वहां दबा दिया. तीनों को इस बात का डर भी सता रहा था कि कोई जानवर लाश को बाहर न निकाल ले. इसलिए वारदात के अगले दिन तीनों एक बार फिर जंगल में उसी जगह पहुंच गए, जहां उन्होंने लाश को दबाया था. फिर लाश वाले गड्ढे को खोदकर उसमें नमक और यूरिया डालने के बाद उसे पत्थर और रेत से ढक दिया.

इस मामले में लीना के दोस्त शुरूआत से सोहागपुर थाने के इंचार्ज की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं क्योंकि उन्हें पहले से ही लीना के मामा पर शक था. पुलिस अब प्रदीप शर्मा से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कत्ल के इस मामलें में लीना की बहन तो शामिल नहीं थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *