अन्येष्टि संस्कार की तैयारियां शुरू, सहारा में हड़ताल शाम से

मेरा कोना

: सहारा मैनेजरों पर रकम लुटायी, पत्रकार भी दिखायेंगे उल्टा ठेंगा : बिना तन्‍ख्‍वाह के जयकारा लगाने वाले भी भिड़ेंगे हड़तालियों से : केवल हड़ताल और मजदूरों के आक्रोश से ही डरता है सहारा प्रबंधन :

कुमार सौवीर

लखनऊ : अपनी धोखाधड़ी और नौटंकियों के लिए कुख्यात सुब्रत राय और सहारा इंडिया में अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। सहारा मीडिया में प्रत्येक मैनेजरों को तो करीब दो-दो लाख रूपयों का चेक थमा दे दिया गया है, लेकिन पिछले एक साल से बिना वेतन के खट रहे पत्रकारों को एक धेला तक नहीं मिल पाया है। इस हालत ने यहां के पत्रकारों में हंगामा खड़ा कर दिया है। एक हफ्ते पहले ही ऐलान हो गया था कि 20 अप्रैल से हड़ताल होगी। लेकिन चूंकि अब तक कोई भी आश्वा़सन इन पत्रकारों को नहीं मिल सका है, इसलिए यहां के पत्रकर्मियों ने आज शाम से हड़ताल की तैयारी कर ली है।

खबर है कि आज शाम पांच बजे से यहां के कम्यूटर ऑपरेटर से लेकर सभी कर्मचारी आफिस में तो आएंगे, लेकिन हाथ पर हाथ धरे अपनी कुर्सियों पर ही बैठे रहेंगे। चूंकि वेतन मिले एक साल हो चुका है, इसलिए इस हड़ताल में चाय तक नहीं मिल पायेगी। उधर खबर है कि सहारा में सुब्रत राय की जयजयकारा लगाने वाले कई वरिष्ठ पत्रकारों ने इस हड़ताल को तोड़ने की हरचंद कोशिशें शुरू कर दी हैं। यह वरिष्ठ पदों पर कुंडली मारे बैठे लोगों का जीवन-यापन चूंकि किसी अन्य माध्यम से खूब चलता है, इसलिए उन्हें  इस बात की कोई भी चिंता नहीं है कि हड़तालियों की भूख का क्या  समाधान होगा। एक अन्य कोने से खबरें तली जा रही हैं कि सहारा के वरिष्ठ पत्रकारों में सुब्रत राय, केके श्रीवास्तव, जयब्रत राय, उपेंद्र राय आदि के तौर पर लॉबिंग शुरू हो चुकी है। पिछले कुछ दिनों में मनमोहन आदि वरिष्ठ पत्रकारों को घर बिठाने, अपमानित कराने जैसी करतूतों में ऐसे ही पत्रकार शामिल बताये जाते हैं।

आपको बता दें कि सहारा प्रबंधन ने अपने प्रबंधक स्तर के अधिकारियों को लिफाफे थमा देकर उन्हें संतुष्टि करने की कोशिश की है। इस लिफाफे में प्रत्येक के भीतर एक लाख नब्बे  हजार रूपयों के चेक भरे गये हैं। मकसद है कि इन प्रबंधकों की नाराजगी को खात्म किया जा सके। लेकिन चूंकि पिछले एक साल से सहारा मीडिया के पत्रकारों को एक धेला तक नहीं दी गया है, इसलिए वे पत्रकार अब सहारा प्रबंधक से सीधे युद्ध छेड़ने पर आमादा हैं।

आइये हम आपको दिखाते हैं सुब्रत राय, सहारा इण्डिया और उसकी करतूतों की तस्वी्रें जिन्हें मैंने सहारा और सुब्रत राय के साथ जिया

सहारा प्रेस मतलब चकल्लस, चकल्लस और सिर्फ चकल्लस

जब पुलिसवाले ने रंगकर्मी के सीने पर बन्दूक लगा दी

हम लोगों ने छेड़ दी फैसलाकुन जंग, आमरण अनशन शुरू

सहारा प्रबंधन ने मुझे दी थी एक लाख की रिश्वत वाली पेशकश

सुब्रत राय ने नौकरी छीनी तो श्रमिक जगत ने हमें सिर-माथे पर लिया

और 28 मई-85 को सुब्रत राय ने मुझे बर्खास्त कर दिया

पत्रकारिता में खोखले सुरंग-जीवीयों को करीब से देखा मैंने

दूसरों की मजबूरियां दो कौड़ी में खरीदने में सुब्रत राय को महारत है

श्रमिकों के तेवर के सामने सुब्रत राय की अकड़-फूं निकल गयी

सुब्रत राय ने हाथ खडा कर दिया, बोला: मेरे पास इतनी रकम नहीं है

दस हजार करोड़ अदा करने के बाद ही छोड़े जाएंगे सुब्रत राय: सुप्रीम कोर्ट

बहुत हुई सहारा की बातें, अब पैसा लौटाओ: सुप्रीम कोर्ट

 

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