सुब्रत राय का सिद्ध ब्रह्म-मन्त्र है:- इसकी टोपी, इसके सिर

मेरा कोना

: दो-कौड़ी की जमीनों को अनमोल बता रहा है सहारा इण्डिया : जिन पर दावा है, वह अधिकांश या तो कृषि-भूमि है या फिर लीज पर : खुद तो जेल में चक्की पीसते रहे, अब स्वर्णिम भविष्य की चटनी चटा रहे हैं सुब्रत राय :

कुमार सौवीर

नई दिल्ली : पब्लिक को फिर झांसा देने उतरा दुनिया का सबसे बड़ा ठग-श्री सुब्रत। कहने की जरूरत नहीं कि सुब्रत राय का सिद्ध ब्रह्म-मन्त्र है:- इसकी टोपी, इसके सिर। इस नयी टोपी के तहत अब न जाने किस लोक में मौजूद सहारा 33633 एकड़ जमीन में से 4700 एकड़ जमीन बेचने की कवायद का दावा किया जा रहा है। लेकिन इसमें भी भारी गोलमाल और धोखाधड़ी की चर्चाएं शुरू हो गयी हैं।

अब हालत यह है कि दो साल तक तिहाड़ जेल में चक्की पीसने के बाद निकले सुब्रत राय में धोखाधड़ी के कीड़े फिर काटने लगे। अपना ही नहीं, अपने काले धंधों के चलते देश के लाखों निवेशकों की खून-पसीने की रकम पर हमेशा-हमेशा के लिए सु्ब्रत-ग्रहण लगवा चुके सुब्रत राय ने एक नया शिगूफा छेड़ दिया है। आजकल सभी टीवी चैनलों में सुब्रत की पुरानी दूकान चमका कर बेची एलआईसी जैसा माल बेचा जा रहा है।

तब ताजा खबर यह है कि सुब्रत राय ने फैसला किया है कि वह सहारा इंडिया की 4700 एकड़ जमीन को बेच देगा। मकसद यह बताया जा रहा है कि इससे सहारा इंडिया को 6500 रोड़ रूपया मिल जाएगा। सहारा के दावे के मुताबिक यह सारी जमीन देश के 14 राज्यों में पसरी हुई हैं। इसमें मुम्बई का वर्सोवा, ऐम्बी वैली, उज्जैन, अजमेर, गोहाटी, पोरबंदर, बड़ौदा, बहराइच आदि इलाके प्रमुख हैं। जिसे इस बारे में जानकारी नहीं है, उनके लिए यह प्रचार वाकई बहुत प्रलोभन देता है। लेकिन हकीकत इससे ठीक उलट है। आइये, हम आपको बताते हैं कि सहारा और सुब्रत राय की इसकी टोपी उसके सिर वाली आकर्षक लॉलीपॉप की हकीकत क्या है। खासतौर पर तब जब कि सहारा की इन जमीनों को कृषि-भूमि बताया जा रहा है।

सहारा का दावा है कि वह अपनी 4700 एकड़ जमीन बेच कर 6500 करोड़ उगाह लेगा। यानी प्रति एकड़ 1 करोड़ 38 लाख रूपयों की उगाही। यह किसी सुनहले सपने की तरह है। लेकिन इसकी वास्तविकता ठीक उलट है। मसलन, सहारा का दावा है कि मुम्बाई के वर्सोवा में 106 एकड़ जमीन है। लेकिन हकीकत यह है कि यह समुद्र के तटीय इलाके में है, जहां जलीय वनस्पतियों का साम्राज्य है। और यह हालत इसलिए है, क्योंकि वह पूरा का पूरा इलाका गम्भीर दलदल में है। उस जमीन को विकसित किया जा पाना नामुमकिन है। ऐसे में इस जमीन के लिए कोई मूर्ख भी एक धेला तक नहीं देगा।

अब आइये बहराइच। यूपी में नेपाल का सीमान्त जिला है बहराइच। वहां कृषि जमीन की कीमत पांच लाख से लेकर अधिकतम 10 लाख रूपया प्रति एकड़ तक है। ऐसे में एक करोड़ 38 लाख की उगाही किसी भकुए से भी नहीं हो पायेगी। ऐम्बी वैली तो सुब्रत राय का राजमहल जैसा था, जिसमें वहां बड़ी फिल्म, राजनीति, खेल, और उद्योग-व्यापार की हस्तियों को हेलीकॉप्टर से ही बुलाया जा सकता था। ऐसे में सुब्रत की निजी ऐयाशी की कीमत कोई इतनी क्यों लगायेगा। कम से कम कोई व्यवसायी, धंधेबाज, नेता तो ऐसा काम नहीं करेगा।

हां, कोई मूर्ख व्याक्ति ऐसा जरूर कर सकता है, लेकिन जब वह मूर्ख होगा तो उसके पास  इतना पैसा होगा ही नहीं।

बात खत्म

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