षडयंत्र था प्रयाग में एसएसपी का विदा होना !

बिटिया खबर

: दो सवाल का जवाब खोजिये, तो संगम-स्‍नान कंप्‍लीट : कोरोना-संक्रमित मां-बाप, पतिपत्‍नी व संतानों को न छूने के माहौल में कोई एसएसपी संक्रमित मित्र को अपने घर कैसे टिकायेगा :
कुमार सौवीर
लखनऊ : प्रयागराज के बड़ा-दारोगा अनिरुद्ध सत्‍यार्थ पंकज को जिस तरह एसएसपी पद से हटाया गया, उससे चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है। लेकिन इस मसले पर बातचीत करने से पहले केवल दो ऐसे सवाल हैं, जिनका समाधान किये बिना आप इस पहेली को कत्‍तई नहीं सुलझा सकते हैं।

पहला सवाल तो यह कि:- ऐसे भयावह और डरावने कोरोना-काल के दौरान में जब लोग अपने कोरोना संक्रमित पिता, संतान या पति-पत्‍नी तक को छूना तक नहीं पसंद कर रहे, और उनके बाद उनकी लाश तक को श्‍मशान तक पहुंचाने से ही हिचक रहे हैं, ऐसी हालत में क्‍या कोई एसएसपी जैसे ओहदे पर बैठा शख्‍स अपने किसी कोरोना-संक्रमित सहपाठी को अपने घर टिकाने की हिमाकत कर सकता है ? वह भी तब, जब उस बड़ा दारोगा के वयोवृद्ध पिता भी घर में मौजूद हों।
दूसरा सवाल यह कि :- चाहे वह कोई अदना सा दारोगा हो या फिर एसएसपी की कुर्सी पर बैठा बड़ा-दारोगा, किसी दूसरे महकमे के अफसर को धमका कर कोई आपराधिक काम कैसे करा सकता है, और अगर करा भी ले तो क्‍या वह अफसर उस पुलिसवाले की करतूत की सूचना अपने उच्‍चाधिकारियों को नहीं देगा ?
बस इन्‍हीं दो सवालों का जवाब खोज लीजिए, तो समझ लीजिएगा कि आपने प्रयाग के संगम में स्‍नान कर लिया। और इसी के साथ आपको साफ अहसास हो जाएगा कि आपने प्रयागराज के वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक अनिरुद्ध सत्‍यार्थ पंकज के साथ हुई बेशर्म विदाई के सारे तागे-धागे की बुनावटों को पूरी तरह समझ-सुलझ लिया है। दो-शब्‍दों में इस हादसे को अगर इसी तरह निष्‍कर्ष तक पहुंचा दिया जाए, तो कोई अतिरंजना नहीं होगी कि अनिरुद्ध सत्‍यार्थ पंकज को प्रयागराज के एसएसपी के पद से हटाना एक बड़ा षडयंत्र था, जिसमें प्रयागराज में आला अफसरों ने जमकर शतरंजी चालें चलीं।
आपको बता दें कि पिछली 16 जून को शासन ने अनिरुद्ध सत्‍यार्थ पंकज को प्रयाग के वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक के पद से हटा कर उन्‍हें प्रतीक्षा की कोठरी में बिठा दिया था। खबरों में आया कि अनिरुद्ध सत्‍यार्थ अपने किसी सहपाठी को अपने घर बुलाया था, जिसे 10 जून को तबियत खराब होने पर अस्‍पताल में ले जाया गया था। डॉक्‍टरों ने उस मरीज में कोरोना संक्रमण जांची थी और उसके बाद डॉक्‍टर ने अनिरुद्ध से कहा था कि वे अपने मित्र को अस्‍पताल में भर्ती करा लें। लेकिन आरोपों के अनुसार सत्‍यार्थ ने अपने मित्र को अपने ही घर पर रखा और सलाह देने वाले डॉक्‍टर को अपने ओहदे की धमकी देते हुए कहा कि वे इस बारे में किसी से भी कोई भी चर्चा न करें। वरना इसका बुरा अंजाम भुगतना होगा डॉक्‍टर को।
हैरत की बात है कि अनिरुद्ध पर आरोप जड़ने वालों का कहना है कि दस जून को उस सहपाठी का नमूना जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट 12 जून की दोपहर तक आयी। इस रिपोर्ट में इस सहपाठी का नमूना कोरोना से पाजिटिव पाया गया। और उसके अगले ही दिन अनिरुद्ध सत्‍यार्थ पंकज भी कोरोना पॉजिटिव की आशंका में पाये गये, जिसका नमूना 15 जून को मिला। और 16 जून को ही शासन ने सत्‍यार्थ को प्रयागराज के एसएसपी पद से हटा कर वेटिंग में भेज दिया। कहा जा रहा है कि इस पूरे दौरान अनिरुद्ध सत्‍यार्थ का गनर भी संक्रमित हो गया, लेकिन आश्‍चर्य की बात है कि सत्‍यार्थ के ड्राइवर पर संक्रमण की एक भी खरोच नहीं लगी।
अब इस कहानी वाले सिक्‍के के दूसरे पहलू वाले चेहरे को भी देखने की कोशिश कीजिए न। 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में हुई गडबडि़यों-घोटालों को लेकर न केवल यूपी बल्कि आसपास के राज्‍यों में भी खासा हंगामा मचा हुआ है। अनिरुद्ध सत्‍यार्थ पंकज इस घोटाले की जांच तक पहुंच गये थे और उन्‍होंने इसकी तहों को खोजते हुए अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करना भी शुरू कर दिया था। जबकि विश्‍वस्‍त सूत्र बताते हैं कि इस घोटाले की आग को भड़काने को रोकने के लिए घोटालेबाजों ने तिकड़में करना शुरू कर दिया था। पहले तो अनिरुद्ध सत्‍यार्थ को ही पटाने की कोशिशें की गयीं, लेकिन जब उनके ऐसे घटिया अस्‍त्र-शस्‍त्र फुस्‍स हो गये, तो इसके लिए इन घोटालेबाजों ने सफेदपोश नेताओं और ब्‍यूरोक्रेसी से जुड़े लोगों की मदद लेनी शुरू कर दीं।
और आखिरकार अनिरुद्ध सत्‍यार्थ पंकज को कोरोना का कलंक का टीका लगा कर उनका विदा कर दिया गया।

( दोलत्‍ती डॉट कॉम इस मामले को लगातार बेपर्दा करने के अभियान में जुटा हुआ है। आप तक हम इस मामले की सारी परतें, परदे और सारे आडम्‍बर लगातार खोलते ही रहेंगे। बस आपसे अनुरोध है कि अगर आपको कभी इस बारे में कोई खास जानकारी मिले तो हमें 9453029125, 9453029126 वाट्सऐप अथवा dolattitv@gmail.com पर सम्‍पर्क कीजिएगा। आप चाहेंगे, तो हम आपका नाम-परिचय गुप्‍त ही रखेंगे। :- संपादक )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *