: बहराइच में कुछ इसी तरह मनाया गया राष्ट्रीय प्रेस दिवस : चैनल आजतक और नेपाल-इंडो टाइम्स के रिपोर्टर आपस में भिड़े, जम कर हुआ मादर-चादर : डीएम के दफ्तर में आयोजित किया गया था प्रेस-दिवस पर गोष्ठी पर आयोजन : एक-दूसरे को रौंद डालने में आमादा था यह पत्रकार :
कुमार सौवीर
लखनऊ : राष्ट्रीय प्रेस दिवस का मन्तव्य भले ही कोई दीगर रहा हो, लेकिन आज के पत्रकार प्रेस के नाम पर केवल दलाली, तेल-लगाई ही नहीं, बल्कि एक-दूसरे की मां-बहन-बेटी तक करने पर आमादा रहते हैं। मकसद होता है एक-दूसरे को ठीक से प्रेस कर देना। कुछ इस तरह से प्रेस कर देना कि क्रीज हमेशा-हमेशा की तरह बनी ही रहे और लगातार दमकती ही रहे।
ठीक इसी तरह की कवायद दिखायी पड़ी है नेपाल के सीमान्त, ऋषि बालार्क की भूमि, राजा सुहेलदेव की राजधानी और महात्मा बुद्ध की साधना-स्थली माने जाने वाले जिला बहराइच के जिलाधिकारी कार्यालय में। अफसरों की चाटुकारिता, दलाली और उनकी आयलिंग-ग्रेसिंग में मशगूल यहां के पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट परिसर में एक-दूसरे की मां-बहन जम कर की और एक-दूसरे को निपटा लेने की धमकी भी दी। मौका था राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर संगोष्ठी का। डीएम ने इस गोष्ठी की अध्यक्षता की और बहुत-बहुत बड़ी बातें कीं, इतनी बड़ी-बड़ी बातें कर डालीं कि अच्छे-अच्छों की कांख-कांच निकल जाए। लेकिन इस मौके पर पत्रकारों ने देश, समाज और समुदायों पर चर्चा के बजाय राष्ट्रीय प्रेस दिवस आयोजन की ही लार्ज-इंटेस्टाइन यानी कांच ही निकाल डाली, जिसे गुदा-मार्ग की आंत माना जाता है।
सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्रा ने एक संगोष्ठी आयोजित की थी, कलेक्ट्रेट सभागार में। इसमें जिले मुख्यालय के सभी पत्रकारों, अफसरों, नेता और जिले भर के लड़हू-लहसुन टाइप लोगों को भी आयोजित किया गया था। जाहिर है कि डीएम चूंकि जिले के लोगों का माई-बाप होता है, लेकिन इसलिए संगोष्ठी के लिए सभागार ठस कर भर गया। मौका मुफीद समझ कर नेता, नेता और दीगर लोगों ने भी अपनी बात कहने के लिए भीड़ जुटा ली।
लेकिन चूंकि आजकल की पत्रकारिता केवल दलाली, चाटुकारिता और अंडू-तौलन तक ही सीमित रह गयी है, इसलिए सूत्र बताते हैं कि इस संगोष्ठी के पहले ही डीएम के बगल वाले डीएम के दफ्तर में डीएम डॉ दिनेश चंद्रा को तेल लगाने वाले पत्रकारों का बन-कूकुर झुंड भी पहुंच गया। लेकिन पहला दांव छेड़ा अंजना ओम कश्यप और सुधीर चौधरी के चिलाण्डलू यानी आजतक चैनल के रिपोर्टर रामबरन चौधरी ने।
कनफुसिया अंदाज में कश्यप-चौधरी के चिलांडलू यानी आजतक चैनल वाले स्थानीय रिपोर्टर रामबरन चौधरी ने डीएम डॉ दिनेश चंद्रा को मोदी समझ कर पत्ता फेंका और बोले कि:- साहब। आप राग-दरबारी की शैली में केवल तेल-मालिश करने वालों को ही अपने आसपास चिपकाये-सटाये और बैठाये-पहुड़ाये रहते हैं। लेकिन आपको यह भी देखना चाहिए कि आप कुछ निंदकों की भी सेवाएं लेते रहें। और अगर कोई ऐसा निंदक आपको नहीं मिल पाये, तो आप ऐसे निंदकों की सेवाएं लेने के लिए कुछ खर्चा-पानी भी जुटा लिया करें। लेकिन ऐसे लोग जरूर रखिये कि जो आपके आसपास के लोगों तेल लगाने के बजाय आपको सूचनाएं मुहैया कराते रहें। केवल तेलू लोगों से ही नहीं घिरे रहें।
बस इसी पर हंगामा हो गया। शुरुआत गर्मा-गर्मा से शुरू से हो गयी। कश्यप और सुधीर चौधरी के चिलांडलू रामबरन चौधरी की बात का पुरजोर विरोध किया एसपी मिश्रा उर्फ धनतारा ने। लेकिन उसके बाद जब हालत बिगड़ने लगी तो इन पत्रकारों को दफ्तर से ठेल कर बाहर निकाल दिया गया। लेकिन यहां भी उनकी गर्मी जब शांत नहीं हुई, तो सभागार के बाहर एक-दूसरे की बहन-महतारी करने लगे और लंगोट चढ़ाने की अदा में एक-दूसरे से निपटा लेने की धमकी देने लगे।
यह हालत करीब आधे घंटे तक चलती रहे। दोनों लोग एक-दूसरे की बहन-महतारी करते रहे। लेकिन बाद में प्रशासन ने इन दोनों चूतियों को अलग किया और संगोष्ठी का शुभारम्भ डीएम डॉ दिनेश चंद्रा ने शुरू कर दिया।