: सरकारी बंगलों के मामले में पूर्व मुख्यमंत्रियों को स्टम्प-आउट करने के बाद शुक्ला का नया दांव : लोक प्रहरी संगठन के सचिव शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की एक अवमानना याचिका, पूर्व मुख्यमंत्रियों को बाजार दर से किराया की अदायगी, और दोषी पर कार्रवाई :
कुमार सौवीर
लखनऊ : अपनी 36 बरस की शासकीय सेवा में भले ही एसएन शुक्ला कोई ठोस स्तंभ न खड़ा कर पाये हों, लेकिन रिटायरमेंट के बाद उनकी सक्रियता ने अच्छे-अच्छे राजनेताओं की छुच्छी निकाल ली है। सरकारी बंगले पर कब्जा किए बैठे करीब आधा दर्जन पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी मकान से घर-बेघर कर उन्हें सड़क पर रख देने वाले शुक्ला ने इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर भी कर दी है। हालांकि अभी तक पता नहीं चल पाया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में क्या फैसला किया है और उसकी सुनवाई कब होगी। लेकिन कुछ भी हो, इस मामले में इस नये पेंच से यूपी सरकार ही सांसत में फंस सकती है।
आपको बता दें कि शुक्ला जी ने जो पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी विशालकाय और अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बंगलो को खाली कराने याचिका दायर की थी। सन-16 में सर्वोच्च न्यायालय ने साफ कहा था यह मकान तत्काल खाली कराए जाने चाहिए। लेकिन इसके बावजूद तब के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले को फंसाया, और इतना ही नहीं, इस मामले को टालने के लिए उन्होंने पत्रकारों के मकानों को भी डगमग कर दिया। अभी डेढ़ महीना पहले पूर्व मुख्यमंत्रियों के मकान खाली करवा लिये गये। लेकिन एसएन शुक्ला इतने सही समय संतुष्ट नहीं है। उनका कहना है 2016 से अब तक का पूरा किराया बाजार दर से वसूल कर संबंधित पूर्व मुख्यमंत्रियों की जेब से सरकारी खजाने में जमा कराया जाना चाहिए।
आपको बता देंगे 2017 को उत्तर प्रदेश सरकार ने इन सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास देने का प्राविधान किया था। लेकिन कोर्ट ने उसे नहीं मान्यता दी। कुछ भी हो, शुक्ला के इस रवैया से यूपी सरकार और संबंधित सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के चेहरे पर से हवाइयां उड़ने लगी है। वजह यह कि अगर बाजार दर से यह किराया वसूला गया तो उसकी रकम प्रति पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से करोड़ तक पहुंच जाएगी। और तब ऐसी मोटी रकम का भुगतान कर पाना किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री के वश की बात नहीं होगी।
सन-67 बैच के आईएएस हैं एसएन शुक्ला। सरकारी लोगों में उनका नाम सत्यानाशी शुक्ला के तौर पर मशहूर और प्रचलित है। लोकप्रहरी के सचिव के तौर पर उन्होंने जो काम कर डाला, जो किसी सामान्य व्यक्ति के वश की बात नहीं थी।
दोलत्ती डॉट कॉम के संस्थापक कुमार सौवीर ने एसएन शुक्ला से लम्बी बात की है। बातचीत में श्री शुक्ला ने अपने तथा अपने शासकीय दायित्वों पर खुल कर बातचीत की है। शुक्ला जी से हुई बातचीत का वीडियो अगर आप देखना चाहें, तो कृपया निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:-
पूर्व मुख्यमंत्रियों के सपने बर्बाद करने वाला नौकरशाह
(इस इंटरव्यू को तैयार करते समय कई समस्याएं आ गयी थीं, जिनका असर इस वीडियो पर बेहद गम्भीर पड़ा। हालांकि उन्हें सुलझाना मुमकिन था, लेकिन उसमें काफी समय भी लग सकता था। हमारे पास इतना समय नहीं था कि इस इंटरव्यू को बाद में कर पाते। सच कहूं तो हम साधनहीन हैं। तब भी थे, और आज भी साधनहीन हैं। उस वक्त हमारे पास न तो कोई अच्छा कैमरा था, न स्टैंड-ट्राइपॉड। न माइक था, न माइक लीड। लाइट की कोई भी व्यवस्था नहीं थी हमारे पास, और न ही फ्लैश को कंट्रोल कर पाने की कोई डिवाइस। लेकिन इसके बावजूद यह अपने कथ्य के स्तर पर यह साक्षात्कार काफी सफल रहा है, लेकिन जो कमियां आयीं उसके लिए हम हृदय से क्षमा चाहते हैं)