नवरात्र पर मैंने सच बोला, तो देवी-भक्‍तों ने मुझे मां-बहन की गालियों से नवाज लिया

सैड सांग

: देवी-प्रतिमा के सामने तो माथा रगड़ते हैं, लेकिन जीवन्‍त महिलाओं का जीना हराम किया रखेंगे यही देवी-भक्‍त : ऐसे भक्‍तों की गालियां मैंने कुबूल नहीं किया, वापस भेज दिया :   मैंने चन्‍द्रघण्‍टा पर लिखा, तो यह भक्‍त गालियां देने पर आमादा : ऐसे देवी-भक्‍तों पर मैं थूकता हूं :

कुमार सौवीर

लखनऊ : लखनऊ में 11 साल की मासूम को चंद बदमाशों ने लूट-पाट के बाद उसे अगवा कर लिया और उसके बाद उसके साथ सामूहिक बलात्‍कार किया गया। नवरात्र हिन्‍दू समाज का सर्वोच्‍च पर्व है, जिसमें स्‍त्री के विभिन्‍न आयामों को उसकी उम्र और उसकी प्रवृत्तियों के आधार पर चिन्‍हीकरण करते हुए उसकी स्‍तुति और पूजन किया जाता है। मैंने पारा की इस बदनसीब बच्‍ची की तुलना नवरात्र के तीसरे दिन पूजी जाने वाली चन्‍द्रघण्‍टा से करते हुए केवल यह लिखा कि रजस्‍वला होने से पहले की अवस्‍था वाली 11 साल की बच्‍ची के साथ सामूहिक बलात्‍कार किया गया और हिन्‍दू समाज उस बच्‍ची के पक्ष में सामने नहीं आया, बल्कि देवी-उपासना और पाण्‍डालों तक ही सीमित रहा।

मैंने जब इस पर लिखना शुरू किया तो लोग भड़क गये। कई लोगों ने तो मुझे गालियां देना शुरू कर दिया, अश्‍लील गालियां। हैरत की बात है कि दिन-रात मां देवी की आराधना पर चिल्‍ल-पों करने वाले देवी भक्‍तों के मुंह से कैसेट बात-बात पर मां-बहन-बेटी की गालियां कैसे निकल पाती हैं। अनेक लोगों ने मुझे मृत्‍युदण्‍ड तक की सजा मुकर्रर कर दिया। कुछ ने मुझे कोर्ट में खींचने की धमकी दी। कोई बोले कि कुमार सौवीर विक्षिप्‍त है। कई ने मुझे अपने वाट्सअप समूह से निकाल बाहर कर दिया।

एक सज्‍जन हैं अम्बरीष तिवारी एडवोकेट। खुद को वकील करार देते हैं। पहले तो उन्‍होंने तमीज से लिखा, लेकिन बाद में अपनी औकात में आ गये। लिखा:- भाई कुमार सौवीर जी इस तरह के अपमान जनक  शब्दों से  देवी मां के प्रति अभद्रता की रिपोर्ट न भेजें तो ही अच्छा हैं। आप सही  लिख रहे हैं या गलत परन्तु यह बहुत ही गलत है ,ऐसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ह्रदय  को कष्ट देती है आप विद्वान हैं इसमें कोई शक नहीं परन्तु इस तरह के गन्दे शब्दों का प्रयोग न करें तो ही अच्छा है। कुमार सौवीर या तो आप नास्तिक हो या हिन्दू विरोधी हाईलाइट होने के अन्य भी तरीके है। कभी इस्लाम पर भी ऐसी टिप्पणी की है आपने? हिम्मत है तो करके भी देख लो। आप ही जैसे  लोग हैं जो धर्म को  विशेष कर हिन्दू धर्म को अपमानित करने पर तुले है। पाकिस्तान  में होते तो ईशनिंदा के तहत अब तक  सजा भी हो जाती  वो भी मृत्यु दंड की।

एक सज्‍जन है देवी प्रसाद सिंह। लिखते हैं कि कुमार सौवीर ऐसा मैसेज अब मत भेजना। आपके व्यंगात्मक मैसेज दो कोडी के होते हैं।

एक अन्‍य ने लिखा कि:- नास्तिकों से उतनी ही नफरत करता हूं जितना कि भिखमंगे पाकिस्तान से  नवरात्रि के पावन पर्व पर तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई कुमार सौवीर  लगता है तुम्हारे विरूद्ध एफआईआर करना पडेगा। क्योंकि तुम बहुत ही गलत किये हो इसकी सजा तुम्हें अवश्य मिलेगी। तुम और तुम्हारा ये समर्थक जो बार बार मैसेज भेजता है। दोनों पक्के चापलूस हो

एक अन्‍य शख्‍स है देव त्रिपाठी। खुद को ईटीवी नेटवर्क का बताते हैं। बोले:- Freedom of Speech के नाम पर धार्मिक भावना आहत न करें। एसकेटी नामक एक आदमी का कहना है कि:- Kumar shivir ne devi pr jo likha vh bahut hi galat hai

एक अति-बुजुर्ग महेंद्र मनुज लिखते हैं:- नाबालिग बेटियों के साथ जो हुआ ,वह घृणित और अक्षम्य ही है ।लेकिन तुम्हारी भी छवि देवी उपासक वाली नहीं। नवरात्रि के दौरान बलत्कृत किशोरियों को चन्द्रघण्टा, कूष्मान्डा का नाम देकर कौन सा बुद्धिमानी का काम किया है ? पत्रकार हो तो जानते ही होगे कि इस घृणित अभिव्यक्ति का क्या परिणाम हो सकता है। वैसे मैं जानता हूँ … अतिवादी हो और क्रोध में जो किया सो ठीक, इस पर डटोगे । फिर भी क्रोध शांत हो गया हो तो, प्रायाश्चित कर लो ।

इतना ही नहीं, इसके कुछ देर बाद इस अति-बुजुर्ग ने यह भी लिख मारा कि:- काश ! तुम ढपोरशंखी न होते, तो वाकई कुछ लोगों का भला कर रहे होते। अपने मुँह मिया मिट्ठू बनना सबको नहीं आता। मुझको तो विल्कुल नहीं आता …! तुम जैसे सौ-वीर मिल कर भी महेन्द्र ” मनुज ” का मुकाबला नहीं कर सकते। मैं 13 /10 16 को लखनऊ आ रहा हू। कहाँ मिलना है, बताना। अपना घन्टा लेते आना …..

अब यह लिखना न उचित है और न ही आवश्‍यक, कि गंदी गालियां किसने और कितनी-कैसी लिखी हैं। बस उनका मन किया, तो उन लोगों ने मुझ पर गालियां फेंक डालीं। लेकिन मैं भी कम नहीं हूं। मैंने वह सारी गालियां वापस कर दीं। कह दिया कि:- अपनी गालियां अपने पास ही रखो, तुम्‍हारे परिवार में उसकी शायद सर्वाधिक जरूरत पड़ेगी।

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