: कोठरी में बैठे कोठारी की इज्जत के कांकरे, मृत्यु हुई थी सांवरलाल जाट की, खबर छाप दी कि मर गये मंत्री प्रभुलाल सैनी : बेचारे सैनी जी तो पहुंचे थे जाट जी की श्रद्धांजलियां अर्पित करने, चिता-भस्म की खबर से हल्ला : बलिहारी अखबार की, चहुंओर निन्दा वर्षा :
मेरी बिटिया डॉट कॉम संवाददाता
जालोर : खुद को सर्वाधिक जिम्मेदार और नीति-सत्य परक समाचार पत्र का तमगा टांगे अखबार राजस्थान पत्रिका की करतूतों से पूरा राजस्थान दहल गया है। इस अखबार की गैरजिम्मेदार सम्पादकीय टीम ने आज जीते-जी मार दिया राजस्थान के कृषि मंत्री को। मृत्यु हुई पूर्व केंद्रीय मंत्री सांवरलाल जाट की, लेकिन खबर छाप दी गयी कि राजस्थान के मंत्री प्रभुलाल सैनी का निधन हो गया। इतना ही नहीं, इस अखबार ने सैनी की मृत्यु पर शोकसंदेश तक छाप दिया गया गुलाब कोठारी के इस अखबार में।
राजस्थान पत्रिका के जालोर अंक में गुरुवार को छपी एक खबर ने हिन्दी साहित्य क्षेत्र में खुद को श्रेष्ठ कहलाने वाले गुलाब कोठारी की इज्जत के कांकरे करवा दिए। खबर में राजस्थान के जीते जागते कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी की मौत होने और उन्हें श्रद्धांजलि दिए जाने की जानकारी लिखी है। इस गलत खबर को लेकर प्रदेशभर में इतनी आलोचना हो रही है कि पत्रिका प्रबंधन खुद को शर्मसार महसूस कर रहा है।
दरअसल बुधवार की सुबह राजस्थान राज्य किसान आयोग अध्यक्ष, अजमेर सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री सांवरलाल जाट का दिल्ली में निधन हो गया था। इसकी खबरें बुधवार को सभी टीवी न्यूज चैनल्स पर पूरे दिन प्रसारित हुई। गुरुवार को सभी अखबारों में फ्रंट पेज पर प्रमुखता से प्रकाशित भी हुई। राजस्थान पत्रिका ने भी यह समाचार सभी अंकों में फ्रंट पेज पर छापा।
इसी के साथ पूरे प्रदेश के लगभग सभी अंकों में दिवंगत नेता सांवरलाल जाट को श्रद्धांजलि अर्पित किए जाने की खबरें प्रकाशित हुई मगर जालोर अंक में भीनमाल डेटलाइन से जो खबर प्रकाशित हुई उसने मीडिया के साथ पाठक जगत में तहलका मचा दिया। खबर में कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी की मौत होना लिखा था।
सुबह जैसे ही पाठकों के हाथों में अख़बार आया और उन्होंने यह समाचार पढ़ा तो सभी दंग रह गए। मंत्री सैनी के समर्थकों में आक्रोश फैल गया। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी खबर को लेकर निंदा की। देखते ही देखते ही पत्रिका की यह कारगुजारी सोशियल मीडिया में वायरल हो गई। लोगों ने गुलाब कोठारी और पत्रिका की जमकर आलोचना की।
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गलती भीनमाल संवाददाता से हुई या डेस्क इंचार्ज से, यह तो प्रबंधन की जांच का विषय है मगर इतना साफ है कि इस खबर ने न सिर्फ स्थानीय सम्पादकीय प्रभारी रमेश शर्मा बल्कि ग्रुप संपादक भुवनेश जैन की भी फजीहत करवा दी। कुछ भी हो, इस घटना ने राजस्थान में पत्रकारों और उनकी पत्रकारिता की नयी जघन्य प्रवृत्ति को पूरी तरह नंगा तो कर ही दिया है।
संभवत: शुक्रवार के अंक में पत्रिका को भूल सुधार छापकर सार्वजनिक क्षमा याचना भी करनी पड़े।