संस्थान से वेतन मिलता नही तो परिवार चले कैसे, भूखे पेट भजन कैसे हो

मेरा कोना

: सौवीर, बेहद निम्‍न और घटिया है तुम्‍हारी भाषा-शैली : सोचिये जरा, कि अगर वह शख्‍स राम जेठमलानी या हरीश साल्‍वे के पास गया होता तो : भाषा मे अदब और संस्कार होते है, तुमने उसमें पेल दिया और हरामी जैसे शब्द उड़ेल दिये :

मेरी बिटिया डॉट कॉम

लखनऊ : प्रमुख न्‍यूज पोर्टल मेरी बिटिया डॉट कॉम में एक खबर पर हमारे पाठकों का एक हिस्‍सा नाराज है। उनकी नाराजगी इस लेख की भाषा-शैली को लेकर है। यह खबर लिखी थी मेरी बिटिया डॉट कॉम के संस्‍थापक सम्‍पादक कुमार सौवीर ने, और उस खबर का शीर्षक था वकील की ऐसी की तैसी, पत्रकार को टुकड़ा फेंको न भई। यह खबर उस लेख-श्रंखला की एक कड़ी थी, जिसे पत्रकार उल्‍लू के पट्ठे नामक श्रंखला-कड़ी में शामिल किया गया था।

उस खबर पर ऐसे पाठकों ने मेरी बिटिया डॉट कॉम पर कई टिप्‍पणियां दर्ज करायी हैं, जिसे हमारे पोर्टल ने पूरे सम्‍मान के साथ उन्‍हें स्‍थान दिया है। हम आप पाठकों को बता दें कि किसी भी खबर पर हमारी कोई भी निजी दुश्‍मनी नहीं होती। हम किसी भी खबर को जन-भावनाओं के अनुरूप ही पेश करते हैं। किसी खबर पर पाठकों की प्रसन्‍नता, आलोचना और यहां तक कि नाराजगी तक भी हमारे पोर्टल के लिए सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण कोटियों में शामिल हैं। अपने इसी संकल्‍प के साथ हम आप को अपने सभी पाठकों को उस खबर पर दर्ज की गयी टिप्‍पणियों का पुन:-अवलोकन कराना चाहते हैं:-

Harshvardhan singh : मान्यवर मै तो यही सोच रहा हूं कि अगर वह व्यक्ति राम जेठमलानी या हरीश साल्वे के पास गया होता तो क्या होता । एडवोकेट हर्षवर्धन सिंह

पत्रकारिता को घुन की तरह चाट रहे लोगों से जुड़ी खबरों को

अगर आप पढ़ना चाहें, तो कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-

पत्रकार और पत्रकारिता

राकेश सिंह निर्भीक : आप विंदास सबसे अच्छे लेखक हैं आपकी जलजलाती भाषा हमें काफी पसंद है आप हमारे मार्ग दर्शक व बिना फीस वाले गुरू हैं.. हम आपके हर लेख और समाचार को बेहद पसंद करते हैं… पत्रकार राकेश सिंह निर्भीक बलरामपुर 9598102770

Meenakshi : आपका लेख बहुत अच्छा लगा काफी हकीकत बयां कर दी। पत्रकारिता का शौक तो सबको है वास्तव मे पत्रकारिता रही कहाँ, बड़े बड़े उद्योगपति इस मे आने लगे प्रैस का आई कार्ड और वाहन पर प्रैस लिखकर रौब दिखाने वाले पत्रकारो को संस्थान से वेतन मिलता नही तो परिवार चले कैसे। भूखे पेट भजन कैसे हो ।

अमित तिवारी : क्या बात है अंकल जी,

आपके समाचारों का क्या कहना,

तहे दिल से स्वागत है।

Bhaskar Dixit : नीचे और भी बहुत सारे शब्दों का प्रयोग किया है आपने

जैसे

हरामी और और और …

Bhaskar : कुमार जी

आपसे दिल से प्रभावित होना चाहता हूँ किन्तु नही हो पा रहा हूँ। कारण है आपकी लेखनी और भाषा।

आप विषय और घटना अच्छा चुनते हैं किन्तु भाषा और शब्द अत्यंत ही निम्न कोटि का प्रयोग करते है।

आप शायद लखनऊ के रहने वाले है। जहाँ की भाषा मे एक अदब और संस्कार होते है। इसी लेख मे आपने पेल जैसे शब्द का प्रयोग किया है।

आपके एक ग्रुप मे मैं भी जुड़ा हुआ हूँ।

आपके द्वारा लिखे गए समाचारो को पढ़ने के लिए शायद हम जैसे पाठक नही है।

मैं अपने विचार लिखने से अपने को रोक नही पाया। आप अगर लेखनी मे सुधार करेंगे तो शायद मुझ जैसे सैकड़ो पाठको को अच्छा लगेगा।

बाँकी आपकी मर्ज़ी

स्नेह सहित धन्यवाद

उपरोक्‍त घटना से जुड़ी खबरों को तफसील से पढ़ने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-

पत्रकार उल्‍लू के पट्ठे- तीन

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अब आप नि:श्चिंत हो जाइये। अब आपके पास है एक बेफिक्र रास्‍ता, नाम है प्रमुख न्‍यूज पोर्टल www.meribitiya.com। आइंदा आप अपनी सारी बातें हम www.meribitiya.com के साथ शेयर कीजिए न। ऐसी कोई घटना, हादसा, साजिश की भनक मिले, तो आप सीधे हमसे सम्‍पर्क कीजिए। आप नहीं चाहेंगे, तो हम आपकी पहचान छिपा लेंगे, आपका नाम-पता गुप्‍त रखेंगे। आप अपनी सारी बातें हमारे ईमेल kumarsauvir@gmail.com पर विस्‍तार से भेज दें। आप चाहें तो हमारे मोबाइल 9415302520 पर भी हमें कभी भी बेहिचक फोन कर सकते हैं।)

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