संस्थान से वेतन मिलता नही तो परिवार चले कैसे, भूखे पेट भजन कैसे हो

: सौवीर, बेहद निम्‍न और घटिया है तुम्‍हारी भाषा-शैली : सोचिये जरा, कि अगर वह शख्‍स राम जेठमलानी या हरीश साल्‍वे के पास गया होता तो : भाषा मे अदब और संस्कार होते है, तुमने उसमें पेल दिया और हरामी जैसे शब्द उड़ेल दिये : मेरी बिटिया डॉट कॉम लखनऊ : प्रमुख न्‍यूज पोर्टल मेरी […]

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न दलाली करता हूं, न उगाही। मैं खरी बात करता हूं, सौ बार गरज हो तो मुझे भिक्षा दो

: जिस शैली की पत्रकारिता और उसके मूल्‍य पर मैं काम करता हूं, आपका सहयोग जरूरी है : मुकदमे, खतरे, धमकियां, जरा आप मदद कीजिए : वरना इसके बाद हमेशा-हमेशा के लिए समाप्‍त हो जाएगी पत्रकारिता की यह धार : यह मत भूलिएगा कि यह लड़ाई आपकी है, जिसका उत्‍तरदायित्‍व मुुझ पर है : कुमार […]

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