देवरिया पुलिस: यह हैं कानून के बेशर्म रखवाले

दोलत्ती

: चिरकुट मामलों में लोगों को जेल भेजने वाली पुलिस ने कोतवाल को छुट्टा छोड़ा : हरकतें चुल्‍लू में नाक डुबोने की। स्त्री-लज्जा भंग पर सजा तीन वर्ष व जुर्माना : 354 में आरोपी को दो साल कैद व जुर्माना :
दोलत्‍ती संवाददाता
देवरिया : जिन आपराधिक धाराओं का उद्धरण हम ऊपर दे चुके हैं, हर पुलिसवाले को यह सारी धाराएं मुंह-जुबानी याद होती हैं,। यह भी पता होता है कि ऐसे मामलों में इन धाराओं के साबित हो जाने पर उसकी सजा कितनी डरावनी हो सकती है। यह सजा जेल में किसी भी व्‍यक्ति को सड़ा सकती है और मोटा जुर्मानी भी थोप सकती है। आम व्‍यक्ति अचानक अथवा अपने आपराधिक चरित्र के चलते अगर भूल जाए, तो बात समझ में आती है, लेकिन जब कानून के रखवाले कहलाने वाले पुलिसवाले भी ऐसी हरकतें करना शुरू कर दें, तो फिर ऐसी हरकतें चुल्‍लू भर पानी में नाक डुबोने वाली साबित बन जाती हैं।

देवरिया में एक कोतवाल ने थाने पर अपनी फरियाद सुनाने आयी एक महिला और उसकी मासूम बच्‍ची के साथ जो हरकत की है, उसने पूरे पुलिस महकमे की नाक ही काट डाली है। लेकिन शर्मनाक बात तो यह है कि छोटी-छोटी बात पर आम आदमी या समाजिक कार्यकर्ताओं को जेल भेज जाने की बहादुरी दिखाने में माहिर पुलिस ने देवरिया के कोतवाल भीष्‍मपाल सिंह यादव की घिनौनी हरकत को लगभग माफ ही कर दिया है। पुलिस ने तय किया है कि जिन धाराओं के तहत भीष्‍पपाल सिंह यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है, उसके तहत इस कोतवाल को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। बल्कि उसेजांच-पड़ताल के नाम पर छुट्टा छोड़ दिया जाएगा, ताकि मौका मिलते ही इस कोतवाल को मुकदमे के गवाहों और साक्ष्‍यों को बिगाड़ने,पक्ष-द्रोही बनाने में आसानी हो सके।
आइये हम आपको दिखाते हैं कि कोतवाल भीष्‍मपाल सिंह यादव की इस अमानवीय हरकत पर जिन धाराओं के तहत उस पर मुकदमा दर्ज किया गया है, उसका अंजाम या खामियाजा कितना हो सकता है। भारतीय दंड संहिता के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की मर्यादा को भंग करने के लिए उस पर हमला या जोर जबरदस्ती करता है, तो उस पर आईपीसी की धारा 354 लगाई जाती है. जिसके तहत आरोपी पर दोष सिद्ध हो जाने पर दो साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.

महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ या उत्पीड़न के मामले जब भी कानूनी तौर पर दर्ज होते हैं. तो पुलिस अक्सर ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज करती है. आईपीसी की धारा 354 में आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर कैद और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर कैद और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।

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भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के अनुसार, जो कोई किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहेगा, कोई ध्वनि या अंग विक्षेप करेगा, या कोई वस्तु प्रदर्शित करेगा, इस आशय से कि उस स्त्री द्वारा ऐसा शब्द या ध्वनि सुनी जाए, या ऐसा अंगविक्षेप या वस्तु देखी जाए, अथवा उस स्त्री की एकान्तता का अतिक्रमण करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए साधारण कारावास की सजा जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

1 thought on “देवरिया पुलिस: यह हैं कानून के बेशर्म रखवाले

  1. आप की कलम मे बहुत दम है सर 🙏🙏सपष्ट बात के साथ बेबाक राय रखते है
    मुझे बहुत पसंद आते है आपके लेख
    निडर निष्पक्ष

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