बलरामपुर अस्‍पताल के निदेशक ने मांगी बिनाशर्त माफी

दोलत्ती

: नर्स के साथ की थी बेहद अपमानजनक करतूत : हरकतें पागलों सी, वास्‍ता अस्‍पताल की गरिमा का : लिखा, आइंदा द्वेष-भावना से काम न करूंगा :
कुमार सौवीर
लखनऊ : भूल गये एक नर्स जैसा समर्पित व्‍यक्तित्‍व, लगे पागलों जैसी हरकतें तथा अपमान और अहंकारपूर्ण व्‍यवहार, और उसके बाद वास्‍ता देने लगे बलरामपुर अस्‍पताल जैसे विश्‍वविख्‍यात संस्‍थान तथा कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे युद्ध की गरिमा का।
यह कहानी है बलरामपुर अस्पताल की, और करतूतें हैं इस विशाल अस्‍पताल के डायरेक्टर डॉक्‍टर राजीव लोचन की। फिलहाल तो अस्‍पताल के कर्मचारी डॉक्‍टर राजीव लोचन की करतूतों पर धिक्‍कार अभियान छेड़ चुके हैं। लेकिन जैसे ही इस निदेशक को मामले की गम्‍भीरता का अहसास हुआ, उस ने अपनी करतूतों के लिए सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांग ली है। अपने माफीनामे पर उन्‍होंने कहा है कि अगर किसी कर्मचारी की भावना उनके व्‍यवहार से आहत हुई हो तो उसके लिए वे माफी चाहते हैं। इतना ही नहीं, डॉक्‍टर राजीव लोचन ने यह तक लिख कर दिया है कि वे अब आइंदा किसी के साथ द्वेष भावना से कोई काम नहीं करेंगे।
आपको बता दें कि दोलत्‍ती डॉट कॉम ने बलरामपुर अस्‍पताल के निदेशक डॉक्‍टर राजीव लोचन द्वारा एक महिला नर्स की गरिमा के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बेहद आपत्तिजनक और अपमानजनक व्‍यवहार किया था। उनकी यह करतूत यहां की एक वरिष्‍ठ नर्स के प्रति अभद्रतापूर्ण ही नहीं, बल्कि एक महिला की गरिमा के खिलाफ अपमानजनक थी और कोरोना जैसे भयावह और साक्षात दर्दनाक मौत के संक्रमण फैलाने जैसे सामाजिक और नागरिक अपराध भी थी। उस प्रकरण को देखने-समझने के लिए आप दोलत्‍ती द्वारा जारी निम्‍न लिंक वीडियो पर क्लिक कर सकते हैं।

संक्रमित दस्‍ताना नर्स की जेब में घुसेड़ा बलरामपुर अस्‍पताल के निदेशक ने

अस्‍पताल के निदेशक डॉक्‍टर राजीव लोचन ने अपने इस सरकारी पत्र में अपनी करतूतों के लिए सरेआम माफी मांगी है। डॉक्‍टर राजीव लोचन ने सभी कर्मचारियों से अपील की है कि वे सब करोना महामारी से लड़ने के लिए पूरे अस्पताल को एक परिवार की तरह बनाएं और एकजुट होकर मुहिम में जुट जाएं। पत्र में उन्होंने लिखा है कि यदि मेरे से कार्य के तनाव की वजह से जाने-अनजाने में किसी कर्मचारी की भावना आहत हुई हो तो मैं इसके लिए खेद व्यक्त करता हूं। उन्‍होंने लिखा है कि भविष्य में मेरे कार्य व्यवहार से किसी कर्मचारी की भावना आहत ना हो इसका ध्यान रखा जाएगा तथा किसी भी कर्मचारी के साथ द्वेष-भावना के साथ कोई काम नहीं किया जाएगा। डॉक्‍टर राजीव लोचन ने लिखा है कि आप सभी से पुनः अपील है कि पूर्व में सभी दुराग्रहों को भूलकर आपसी भाईचारे को वापस रखते हुए बलरामपुर चिकित्सालय की गरिमा के अनुरूप मिलकर कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में सक्रिय और समर्पित सहयोग करें।
इतना ही नहीं राजीव लोचन इसी मामले पर पिछले दिनांक 13 अप्रैल 2020 को जारी को रद कर दिया है। उस पत्र में लिखा था कि मौजूदा हाल में सभी कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी में उपस्थित रहकर अपने राजकीय दायित्वों का निर्वहन करना होगा। कोई भी व्यक्ति अपनी ड्यूटी से अनुपस्थित होता है तो उसके विरुद्ध कठोर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, इस पत्र में यह भी धमकी दी गई थी कि शहर में लागू धारा 144 की हालत में अस्पताल में कोई भी कर्मचारी किसी भी स्थान में 5 से अधिक की संख्या में एकत्रित न हो, अन्यथा पुलिस कार्रवाई की जा सकती है।
आपको बता दें कि बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन ने नौ अप्रैल को संक्रमित मरीजों की जांच के दौरान वहां की वरिष्ठ क्‍लैरिन ब्रिगेंजा को सरेआम अपमानजनक व्‍यवहार किया था। नर्स से गंदगी से भरी डस्टबिन-कूड़ादान उठवाया था। इतना ही नहीं, निदेशक में अपने गंदे दस्ताने उतार कर नर्स क्‍लैरिन ब्रिगेंजा के कोट की जेब में घुसा दिया था।

इस घटना से बलरामपुर अस्पताल के 300 से अधिक नर्सेज बुरी तरह आहत और व्यथित हो गई थीं। इसके विरोध में उन्होंने अस्पताल प्रशासन सहित शासन और प्रशासन को भी कड़ी चिट्ठी लिखी थी। हालांकि बलरामपुर अस्पताल के नर्सिंग और फार्मासिस्ट लैब टेक्नीशियन, एक्‍सरे टेक्निशियन, नेत्र परीक्षण अधिकारी समेत सभी पैरामेडिकल संवर्ग के ने संकल्प लिया था कि वे कोरोना महामारी से लड़ने का एकजुट संकल्प लेते हुए अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे लेकिन साथ ही साथ यह भी मांग की थी कि जब तक बलरामपुर अस्पताल के तानाशाह निदेशक का सेवा विस्तार समाप्त होकर उन्हें पद से हटाया नहीं जाएगा तब तक भी अपना सत्याग्रह जारी करें रखेंगे।
बताते हैं कि शासन ने इस मामले में डॉक्‍टर राजीव लोचन के व्‍यवहार पर गहरी आपत्ति जतायी है।

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