: पत्रकारों को मारने को आईएसआई ने ठेका दिया था बिहार के शहाबद्दीन को : तरुण तेजपाल के पाताल-लोक में अपराधी व सत्ता का गठजोड़ : कहानी 1999 में वाजपेयी के कार्यकाल से : पाताललोक पार्ट दो :
राहुल मिश्र
नई दिल्ली : यह खुलासा दर खुलासा की कहानी है, जो सत्ता और माफियाओं के नापाक गठजोड़ से परवान चढ़ती है। अभी हाल में आई पाताल लोक वेब सीरीज पत्रकार तरूण तेजपाल की आत्मकथा पर आधारित है।असल ज़िन्दगी की पाताल लोक की कहानी शुरू होती है 1999 में वाजपेयी जी के तीसरे कार्यकाल से।
कारगिल और उससे पहले पोखरण हो चुका था.. फिर 2001 में संसद पर हमला भी हुआ.. लेकिन बवाल और भी ज्यादा मचा इनके कार्यकाल में जब तहलका डॉट कॉम ने एक स्टिंग ऑपरेशन कर के आर्मी और चंदे में घूस-कमीशन सम्बंधित कुछ खुलासे किए.. तब के भाजपा अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को इस्तीफा तक देना पड़ा इन्ही के स्टिंग ऑपरेशन के कारण..
पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई हमेशा से भाजपा को एक कट्टर हिन्दू पार्टी के तौर पर देखते हैं… पोखरण-कारगिल के बाद भी वाजपेयी सरकार अस्थिर नही हो पाई थी, इसलिए आईएसआई ने इन पत्रकारों को मारने का प्लान बनाया… ताकि लोगो मे ये बात घर कर जाए कि चूंकि तहलका डॉट कॉम ने भाजपा की पोल खोली इसलिए उन्होंने इसे मरवा दिया, जिससे सरकार की और पोल ना खुले.. इससे सरकार की बदनामी होगी और उसके सहयोगी दलों में अविश्वास जगेगा.. ये भी हो सकता है कि वो अपना समर्थन वापस ले लें..
आईएसआई ने अपने आतंकी गुटों की बजाय लोकल गैंगस्टरों को ये टास्क सौंपा.. आईएसआई की खोज खत्म हुई सिवान के बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन पर.. उनको नेपाल के एक स्लीपर सेल के जरिये संपर्क किया गया । शहाबुद्दीन ने ये काम पांच लोगों को सौंपा.. तैयारी शुरू हुई.. पैसे का लेनदेन, हथियारों का लेनदेन ..
किस जगह और कब मारना है इसकी रेकी शुरू हुई… इसी बीच भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इनके कॉल इंटरसेप्ट कर लिए जिसमे इस साज़िश का खुलासा हुआ.. खुफिया एजेंसियां एलर्ट हो गईं। अब ये बात सरकार तक कैसे पहुँचाये..? जब तक पुख्ता सबूत न मिले.. ? इसलिए इन कॉल्स पर कड़ी नज़र रखी जाने लगी..
समय बीतता जा रहा था, खुफिया एजेंसियो के हाथ कुछ खास नही आया था, कि तभी एक काल रिसीव हुई जिनमे इनका दिल्ली जाने का प्रोग्राम तय हुआ और साज़िश कौन कर रहा है इसका भी उल्लेख हुआ ! बड़ी बात सामने आयी कि बिहार का एक बाहुबली भी इसमे शमिल है..!! नतीजन छापेमारी का दौर शुरू हुआ और शाहबुद्दीन अंडरग्राउंड हो गया..
जारी रहेगा…( क्रमश:)