एनडीए सरकार के इशारे पर फरार शहाबुद्दीन प्‍लेन में

दोलत्ती


: तब एनडीए के लिए शहाबुद्दीन महत्वपूर्ण बन चुका : वारंट देने वाले अफसर को सरेआम थप्‍पड़ मारा था शहाबुद्दीन ने : दिल्‍ली के पूर्व पुलिस आयुक्‍त ने सम्‍पर्क किया, दिल्‍ली पुलिस खामोश : पाताललोक पार्ट एक :
राहुल मिश्र
नई दिल्‍ली : (गतांक से आगे) भाड़े के हत्यारे भी समय रहते पकड़े गए लेकिन असल मुजरिम शहाबुद्दीन अभी तक पकड़ा नही गया.. गिरफ्तारी का वारंट निकला तो बिहार पुलिस सिवान में शाहबुद्दीन को पकड़ने गयी.. उसका दबदबा इतना था कि जब पुलिस अधिकारी उसे वारंट देने गए तो उसने उस अधिकारी के मुंह पर थप्पड़ मार दिया.. पुलिस बल इतना नही था कि उसे वहीं से जकड़ कर ले जाती.. सो और पुलिस फोर्स मंगवाई गयी, लेकिन तब तक शाहबुद्दीन फरार हो चुका था..
सीन -2
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर रहे नीरज कुमार पटना हवाई अड्डे पर दिल्ली जाने को मौजूद थे तभी कुछ हलचल मची। एक शख्स उन्हें जाना-पहचाना सा लगा… दूर से देखते ही वो पहचान गए कि जिसे पुलिस ढूंढ रही है वो शक्स मेरे साथ एक ही प्लेन पर सफर करने वाला है..नाम था मुहम्मद शहाबुद्दीन। …नीरज कुमार को लगा कि ये हो न हो दिल्ली जा रहा है और इससे पहले कि ये वहां गायब हो जाये उन्हें अपने अधिकारियो को सूचित कर देना चाहिए, ताकि इसे हवाई अड्डे पर ही गिरफ्तार कर लें… पुलिस कमिश्नर में फौरन टेलीफोन बूथ से अपने जूनियर अधिकारियो को दिल्ली संपर्क किया.. और इस वीआईपी शख्स की जानकारी दी.. जहाज दिल्ली के लिए उड़ा… शाहबुद्दीन की सीट का नंबर भी नीरज कुमार देख चुके थे.. अब ये नंबर सूचित कैसे किया जाए ये समस्या आन पड़ी..? क्योंकि नीरज कुमार चाहते थे कि इसे हवाई जहाज के अंदर ही पकड़ लिया जाये…
रास्ते मे जहाज रांची रुकने वाला था, नीरज कुमार को अंदेशा हुआ कि ये वीआईपी कही रांची न उतर जाए और मेरी सारी मेहनत पर पानी फिर जाए !
नीरज कुमार ने अपनी परेशानी एयर होस्टेस को बताई और उसने नीरज कुमार की पायलेट से बात करवाई.. पायलट ने भरोसा दिलाया कि आप रांची उतर कर एयरपोर्ट से ही फ़ोन कर दिल्ली अपनी सूचना भेज सकते हैं, तबतक मैं जहाज नही उड़ाऊंगा… नीरज कुमार के पास काफी समय था ये सब करने को.. वो रांची लैंड करते ही फ़ौरन फोन बूथ की तरफ भागे और अपने जूनियर अधिकारियो से दिल्ली संपर्क साधने लगे… लेकिन वहॉं कोई इनका फोन उठा नही रह था.. काफी कोशिशें की, लेकिन हर बार नाकामी हाथ लगी। आखिरकार वो जहाज पर वापस आ गए, इस उम्मीद पर कि शायद वो गिरफ्तारी की तैयारियो मे लगे होंगे इसीलिए फोन नही उठा पा रहे..
पायलेट नीरज कुमार की दुविधा में कॉकपिट से देख रहे थे। उन्होंने पुलिस कमिश्नर को कहा आप F1 सीट पर बैठे व्यक्ति के लिए परेशान है ना..?
नीरज कुमार चौंके और बोले आपको कैसे पता..? पायलेट बोले बिज़नस क्लास में ये व्यक्ति अक्सर हवाई यात्राएं किया करते है और इनका नाम शहाबुद्दीन है…
जैसे ही दिल्ली हवाई अड्डे पर जहाज लैंड किया नीरज कुमार को लगा कि गिरफ्तारी किसी भी पल हो सकती है… पायलेट ने भी वायदा किया कि वो जहाज के दरवाजे कुछ देर बाद खोलेगा… लेकिन जब बाहर से कोई नही आया तो मजबूरन पायलेट को दरवाजे खोलने पड़े! …और शहाबुद्दीन समेत सभी यात्री अपने गंतव्य स्थानों की ओर निकल गए।
वहां कोई पुलिस की टीम गिरफ्तारी के लिये मौजूद नही थी.. नीरज कुमार की इनपुट पर कारवाही न हुई हो ऐसा पहले कभी नही हुआ था, वो भी उनके जूनियर अधिकारियो द्वारा..
जाहिर है उन्हें गुस्सा आना ही था.. वो सीधे पुलिस हेड क्वाटर पहुँचे और उनसे बात की.. अधिकारियो ने अपनी दुविधा बतलाई कि हमने ऊपर से आर्डर ही नही मिले गिरफ्तारी के..।
यहां पर आकर राजनीति हावी हुई अपराध पर…
सिवान के बाहुबली को गिरफ्तार ना करने के आदेश एनडीए सरकार ने जारी किए थे… क्योंकि तब बिहार की राजनीति बदल चुकी थी…
राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थी और शाहबुद्दीन उनके खिलाफ… अब वो इस राबड़ी सरकार को अस्थिर करने में लगे थे, तो एनडीए के लिए शहाबुद्दीन महत्वपूर्ण व्यक्ति बन चुके थे ना कि दुश्मन… वो शहाबुद्दीन को बिहार की बदलती राजनीति में इस्तेमाल करना चाहते थे.. एनडीए की अटल सरकार ये भूल चुकी थी कि इसी व्यक्ति के कारण उनकी सरकार को हिलाने करने का प्रयास किया जा चुका था.. वो बात अब गौण हो गयी थी और बिहार की राजनीति प्रमुख…
शहाबुद्दीन को बहुत बाद में फिर दुबारा 2015 -16 के आसपास जा कर गिरफ्तार किया गया..
भारत की राजनीति का यह भी एक रूप है…

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