: आज तक नहीं भूल पायी पत्रकारिता, जब इसी डीएनए ने शिक्षिका उमा खुराना को सरेआम नंगा कर पिटवाया था : आज धर्म-निरपेक्ष पत्रकारों को जी-न्यूज के डीएनए कार्यक्रम में देश-द्रोही करार दे रहा था : नवीन जिन्दल से 100 करोड़ रूपयों की रंगदारी मांगने वाले जी-न्यूज अब नैतिकता छौंक रहा है :
कुमार सौवीर
लखनऊ : खबरों के धंधे के बल पर अकूत सम्पदा कमाने का कुत्सित अभियान में जुटा जी-न्यूज चैनल के दलाल और छिछोरे पत्रकार अब देश के दर्शकों को पत्रकारिता का ककहरा सिखाने की क्लास चला रहा हैं। आज जी-न्यूज चैनल के दाहिने हाथ बन चुके सुधीर चौधरी ने अपने डीएनए नामक अपने प्राइम-टाइम में दर्शकों को बताया कि कौन-कौन पत्रकार दलाल है, देश-द्रोही है, बेईमान है और उन्हें कैसे नंगा किया जाना देश के हित में है।
जी हां, यह वही सुधीर चौधरी है जो करीब दस साल पहले दिल्ली में हुए एक हंगामे का सूत्रधार था। उस दौरान वह खबरों का धंधा नहीं करता था, बल्कि खबरों के बहाने अवैध उगाही और रंगदारी का घृणित धंधा चला रहा था। उसका धंधा था किसी भी शख्स को ब्लैकमेल कर उससे रकम झटक लेना। और जो लोग उसके इस धंधे के झांसे में फंसने से इनकार कर उसे पैसा देने से मना कर देते थे, उसके बारे में वह उल्टी-पुल्टी खबरें प्लांट कराता था।
उमा खुराना इसी जल्लाद के पल्ले पड़ गयी। उमा खुराना दिल्ली के तुर्कमान इलाके की एक गर्ल्स कालेज की एक सीधी-सादी शिक्षिका थी। सुधीर और उसके पत्रकार चेलों ने खुराना को अपना आसान शिकार समझा और उससे कुछ पैसों की मांग कर ली। तुर्कमान के एक बालिका विद्यालय की एक सीधी-सादी शिक्षिका उमा खुराना यह रकम क्यों और कैसे दे पाती। ऐसे में इसी घिनौने शख्स ने उमा के बारे में यह झूठी खबर प्लांट कराया कि उमा उक्त विद्यालय की भोली-भाली छात्राओं के साथ देह-व्यापार के धंधे में लिप्त है। फिर क्या था, खबर चलते ही भीड़ ने उक्त कालेज को घेर लिया और उसे कालेज से बाहर घसीट कर उसे पूरी तरह नंगा कर के जमकर पीटा। आक्रोशित जनता को देखते हुए उमा को उस कालेज प्रशासन ने उसे बर्खास्त कर दिया।
बाद में पुलिस की छानबीन में पता चला कि उमा निर्दोष थी। कालेज ने उमा को नौकरी दोबारा देना चाहा, लेकिन उमा ने खुद को अंधेरों से बाहर निकलने से इनकार कर दिया। वजह साफ थी कि सड़क पर नंगी हो चुकी एक औरत किस साहस से कालेज वापस जा पाती। पुलिस ने सुधीर को दबोचा, लेकिन उसने अपनी तिकड़म से वह छूट गया। उसके बाद कांग्रेस के एक उद्योगपति सांसद नवीन जिन्दल से सुधीर चौधरी ने एक सौ करोड़ रूपयों की रंगदारी मांग ली। नतीजा यह कि मामला पुलिस में गया और सुधीर जेल भेज दिया गया। लेकिन चूंकि यह रंगदारी जी-टीवी के मालिकों की मिली-भगत से हुई थी, जी-टीवी ने उसे महिमा-मंडन करते हुए उसे अपने यहां सम्पादक का अहम पद थमा दिया।
आज यही शख्स आज कल पूरे देश को नैतिकता और ईमानदारी की क्लास चलाते हुए डीएनए नामक कार्यक्रम चला रहा है। इतना ही नहीं, इसी शख्स ने आज तो देश के बाकी पत्रकारों को खुलेआम देशद्रोही करार देते हुए उनके सामाजिक बहिष्कार करने का अभियान छेड़ दिया है। उसका कहना है कि ऐसे पत्रकारों को सोशली आइसोलेशन पर रख दिया जाए और उन्हें अनफालो कर दिया जाना चाहिए।