तुम्‍हारी देवी चंद्रघण्‍टा से सामूहिक बलात्‍कार होता रहा और तुम खामोश ! तुम देवी-उपासक नहीं, नराधम हो

सैड सांग

: बुलंदशहर के बाद 11 साल की बच्‍ची से लखनऊ में हुए सामूहिक बलात्‍कार दरअसल तुम्‍हारे आस्‍थागत पाखण्‍ड का प्रतीक है : अखिलेश यादव के घर से मात्र चार मील दूर हुआ चन्‍द्रघण्‍टा से गैंग-रेप : तुम कहां हो महिला सुरक्षा वाले 1090 के हीरो : शक्ति-रूपेण्‍ा संस्थिता, नमस्‍तस्‍यै नमस्‍तस्‍यै नमस्‍तस्‍यै नमो नम:

कुमार सौवीर

लखनऊ : मुसलमानों की बात तो अलग और अनोखी होती है। उन्‍हें केवल अपने अल्‍पसंख्‍यक-वाद से ही फुरसत नहीं मिल पाती है। ओवैसी हो, मुख्‍तार अंसारी हों या शहाबुद्दीन, जरा भी ऐसे लोगों का अहित दिख रहा हो, तो फिर हर तरफ केे मुसलमानों को सिर्फ इस्‍लाम पर खतरा ही दिखायी पड़ता है। लेकिन हिन्‍दू भी इस रेस में पीछे नहीं है। महिलाओं पर होने वाले जघन्‍य अपराधों से दहलाते जा रहे उत्‍तर प्रदेश और वाकई नाकारा बन चुकी समाजवादी पार्टी की सरकार और उसके कारिंदे केवल लूट-पाट में ही जुटे हैं। मगर शर्मनाक तो यह है कि आम आदमी  भी खामोशी अख्तियार किये बैठा है। बुलंदशहर में एक मासूम किशोरी से हुए सामूहिक बलात्‍कार की तपिश अभी बुझी भी नहीं थी, कि दो दिन पहले राजधानी के पारा क्षेत्र में बदमाशों ने न केवल लूट-पाट की, बल्कि रोंगेटेे खड़े कर देने वाली हरकत करते हुए उस परिवार की महज 11 साल की बच्‍ची को उठा ले गये और उसके साथ रात भर गैंग-रेप किया।

उफ्फ : और शर्मनाक बात यह है कि हम लोग महिलाओं की स्‍तुति, उसके सम्‍मान और उसकी प्रतिष्‍ठा के गीत गाते हुए मस्‍त हैं। नवरात्र यानी स्‍त्री शरीर और उसकी प्रवृत्तियों के नौ आयाम-पहलू। हिन्‍दू समाज की मान्‍यता के अनुसार स्‍त्री का प्रत्‍येक पहलू स्‍तुत्‍य है, प्रशंसनीय है, पूज्‍य है और नमन-योग्‍य है।

नवरात्र आज से शुरू हो चुका है। आज का पहला दिन शैलपुत्री का है। नवजात कन्‍या है शैलपुत्री। इसके दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी का रूप के तौर पर स्‍त्री-देवी की स्‍तुति करता है हिन्‍दू समाज। तीसरे दिन यही बच्‍ची चन्‍द्रघण्‍टा का रूप धारण कर लेती है। यह उसके किशोरी बनने से ठीक पहले की स्थिति है। उस समय वह समाज और अपने शरीर में होने वाले परिवर्तनों को देखने-समझने की प्रक्रिया में जुटने लगती है। यह उम्र होती है दस या ग्‍यारह साल तक की उम्र की। यानी उसके मासिक धर्म की उम्र में शामिल होने की ठीक पहले। यानी रजस्‍वला होने से ठीक पहले की अवस्‍था वाली युवती। उसके बाद ही यही शैलपुत्री रजस्‍वला होने के बाद इंसानों को जन्‍म देने योग्‍य हो पायेगी। तब वह कूष्‍माण्‍डा कहलाएगी। लेकिन इसके पहले चन्‍द्रघण्‍टा के तौर पर यही देवी खूब अठखेलियां करेगी, बाल-हठ करेगी, उछलकूद, मौज-मस्‍ती वगैरह-वगैरह। यह जैविक बदलाव उसे अगले दौर से सक्षम करने लायक बनायेगा।

लेकिन इसी चन्‍द्रघण्‍टा को लखनऊ के पारा इलाके में चंद गुण्‍डों ने उसे उठा लिया और उसके साथ रात भर बलात्‍कार किया। लेकिन आप को उस चन्‍द्रघण्‍टा की चीखें बिलकुल नहीं सुनायी पड़ीं। आप नवरात्र की तैयारी में जुटे थे, चन्‍द्रघण्‍टा से गैंग-रेप होता रहा। आप चकाचक चकाचौंध बाजारों में एक के बाद एक दूकान पर फल-पूजन सामग्री खरीदने में व्‍यस्‍त रहे, और एक के बाद एक बलात्‍कारी गुण्‍डे चन्‍द्रघण्‍टा की चमड़ी उधेड़ते रहे। आप अपने घरों में नवरात्र में नौ-देवियों को आमंत्रित करने का अनुष्‍ठान करते रहे और पारा की चन्‍द्रघण्‍टा हमेशा-हमेशा के लिए लुटती-पिटती रहे।

आप ने आज नवरात्र का पहले दिन वाली शैलपुत्री के नाम पर उपवास किया और उधर पारा वाली चन्‍द्रघण्‍टा बुरी तरह घायल अवस्‍था में अस्‍पताल में बेहोश पड़ी है। आप शैलपुत्री से अपने और अपने परिवार के कल्‍याण के लिए वरदान मांगने में जुटे हैं और पारा वाली चन्‍द्रघण्‍टा अपनी इस नारकीय हालत से निजात पाने के लिए अब अन्‍तत: मौत की भीख मांग रही है। आपको अपने परिवार के लिए मंगल और समृद्धि चाहिए और उस चन्‍द्रघण्‍टा के परिवार को अपने लिए मौत चाहिए।

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