लड़की चिल्लाई फक-यू। थाईलैंड में हैं बेहिसाब लेडीबॉय

बिटिया खबर

: उसके बारे मे होटल की रिसेप्शनिस्ट ने पहले ही आगाह किया था : थाई पुलिस वहां एक कोने में खड़ी सब पर पैनी नजर बनाए रखती है : बियर नहीं पीते हैं तो गाय का बोतल-बंद दूध पीजिये, नाम है मेयो : भारतीय खाना यहां बहुत महंगा मिलता है : थाईलैंड यात्रा-2 :

अब्‍दुल करीम कुरैशी

थाईलैंड : थकान उतरने के बाद पूरा जिस्म मे हल्का दर्द महसूस करता हुआ मै बिस्तर से उठ खड़ा हुआ, पता नही कितने ही लोग मुझसे पहले इस कमरे में ठहरे होंगे मेरे पूरे कमरे मे मिक्स परफ्यूम की अजीब सी महक आ रही थी।
फ्रेश होने के लिए बाथरूम ने घुस गया, साफ सुथरे बाथरूम मे बॉडी वाश से लेकर शैम्पू सबकुछ हाजिर था. अप्रैल का महीना चल रहा था फिर भी थकान और सुस्ती दूर करने के लिए मै गर्म पानी से नहाने का फैसला किया. मेरा ध्यान इलेक्ट्रिक गिजर की तरफ गया, हमारे भारत के होटलों से अलग मेड इन जर्मनी गिजर लगा हुआ था, बहुत ही पतला सा और हाई क्वालिटी के दिखने वाले गिजर मे एक हैंड शावर लगा हुआ था और गिजर पर एक नॉब था जिससे आप अपनी पसंद के मुताबिक पानी का टेंपरेचर सेट कर सीधे ही हैंड शावर द्वारा गर्म पानी नहाने का मजा ले सके।
सच कहूं तो थाईलैंड का पहला स्नान ही एक अलग अनुभव था. मेड इन थाईलैंड शैम्पू,बॉडी वाश की मिक्स फूलों जैसी बिलकुल कुदरती खुशबू ने दिल और दिमाग को तरोताजा कर दिया।
बैंगकॉक के खाओसान रोड पर वाकिंग स्ट्रीट पार्टी प्रेमी लोगों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है। लंबी चौड़ी सड़क के दोनो तरफ बार, पब्स और क्लब की लंबी कतारें और शोर मचाते हुए हाई बेस वाले डीजे के म्यूजिक ही शायद वजह थे की इतना “हॉट डेस्टिनेशन” होने के बावजूद यहां आपको बैंगकॉक के सबसे सस्ते होटल और गेस्ट हाउस मिल जाएंगे।
कुछ नया देखने के रोमांच के साथ मैं होटल से बाहर निकल मुख्य सड़क पर आ गया, शराब सिगरेट का धुआं और विदेशी परफ्यूम की मिली जुली महक से मेरे नथुने से टकराई. मैंने खुद के बारे में भी सोचा कि अपन भी कोई तीर्थ यात्रा करने का मानस लेकर तो निकले नहीं आए हैं. ज़ाहिर है यहां तक कुछ न कुछ भौतिक लालसा के साथ ही आये होंगे. हां, इतना तय करके ज़रूर निकले थे कि भले रूप और यौवन का बाज़ार बने इस देश को हमें भी जी भर जीना है लेकिन कम से कम मांस-मज्जा की खरीद से खुद को बचाने की भरसक कोशिश करेंगे. बकौल अकबर इलाहाबादी साहब- ”दुनिया में हूं, दुनिया का तलबगार नहीं हूं, बाजार से गुजरा हूं, खरीददार नहीं हूं.’’ मुख्य सड़क पर धीरे धीरे चलते हुए अपनी आदत के मुताबिक छोटे से छोटी चीज जा जायजा ले रहा था. बड़े बड़े ओपन बार में भिड़ जमा होने लगी थी गोरी विदेशी और थाई बालों का तो जैसे मेला लगा हुआ था।
हाई बेस के साथ स्पेनिश सुपर हिट गाना “देस्पसीतो” गूंज रहा था. यहां इलाहाबादी का ही एक दूसरा मिसरा ज्यादा काबिले गौर हो जाता है। ”इलाही कैसी-कैसी सूरतें तूने बनाई है, कि हर सूरत कलेजे से लगा लेने के काबिल है। वैसे तो मैं किसी भी चीज या स्थान से जल्दी प्रभावित नही होता लेकिन यहां मामला कुछ अलग था। खाओस वॉकिंग स्ट्रीट मे सड़क के दोनो किनारों पर खाने पीने की दुकानें और छोटे मोटे काउंटर सजने लगे थे। फ्राइड कीड़े मकोड़े और बिच्छू सजे हुए थे जिसे विदेशी लोग सिर्फ शौकिया तौर पर या फिर फोटो खिंचवाने के मकसद से खरीद कर उनके साथ पोज दे रहे थे।
दुकानों पर पकते हुए स्क्विड और मछलियों की तेज गंध ने कुछ पल के लिए मुझे विचलित कर दिया वैसे भी अप्रैल की वजह से जबरजस्त उमस हो रही थी. दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में भारत के मुकाबले गर्मी कम होती है लेकिन “ह्यूमिडिटी” बहुत ज्यादा परेशान करती हैं।
चलते चलते देख रहा था की हाथ में कार्ड लिए बार बालाएं और मुलायम चेहरे वाले तीसरी जाती वाले थाई लड़के चिल्ला चिल्ला कर ग्राहकों को अपने बार-क्लब में आने का निमंत्रण दे रहे थे। खैर ये तो शुरुआत थी शाम के 7:30 होने आए थे। जोरों भूख लगी थी लेकिन प्रश्न ये था कि खाऊं क्या? खाने में हलाल हराम का प्रश्न भी बड़ा था। वैसे भी थाईलैंड मे भारतीय खाना मिलना आम बात है क्योंकि सबसे ज्यादा आने वाले विदेशियों में चाइना के बाद भारतीय यात्रियों का दूसरा नंबर है। थोड़ा खोजने के बाद खाऊसान स्ट्रीट के अंतिम छोर पर सड़क के सामने एक भारतीय रेस्टोरेंट “इंडियन फूड” मिल ही गई। मेनु देखा तो पता चला की भारतीय खाना यहां बहुत महंगा है। भिंडी मसाला यहां भारतीय रुपए 325 में मिल रहा था 60 रुपए की एक रोटी अलग से थी लेकिन इसकी तुलना में थाई फूड बहुत सस्ता था लेकिन भारतीय भोजन खाना मेरी मजबूरी थी क्योंकी किसी भी यात्रा पर मै नॉनवेज से परहेज करता हूं। 500 रुपए वाला वेज खाना निपटा कर होटल से बाहर निकला तब तक वाकिंग स्ट्रीट अपने शबाब पर थी क्या पता हवा पानी का फर्क था या सब्जी मसालों की गुणवत्ता लेकिन खाना कम तेल मिर्च वाला लेकिन बहुत स्वादिष्ट था।
इधर वाकिंग स्ट्रीट में जैसे इंसानी सैलाब हिलोरे ले रहा था। रोक म्यूजिक पर थिरकती हुई विदेशी और थाई बालाओं और विदेशी लोगों से लगभग हर बार पब और सड़क तक भर गई थी। थाई पुलिस वहां एक कोने में खड़ी सब पर पैनी नजर बनाए हुए थी। नशे में एक दूसरे से भिड़ जाने वाले देसी विदेशी लोगों को अलग थलग करके फिर से अपने स्थान पर खड़े हो जाते पुलिसवालो को देख कर ना चाहते हुए भी भारत की पुलिस याद आ गई। भरपेट खाने के बाद अब कोई काम बाकी न था तो मैंने पूरा वाकिंग स्ट्रीट घूमने का फैसला किया।
“चैंग” बीयर की बॉटल लेकर झूमते हुए आदमी औरतें जवान लड़के लड़कियों के झुंड को हौले से चीरता हुआ मै अपने मोबाइल से फोटो और वीडियो शूट करता हुआ आगे बढ़ने लगा कभी कोई गोरी मेरे मोबाइल कैमरा के सामने तीसरी उंगली दिखा कर “फक यू” बोल देती तो कभी कोई कन्या मेरे सीने पर ढेर हो जाती. कभी कोमल तो कभी सख्त अंगों और कूल्हों का स्पर्श सुखद आश्चर्य पैदा कर रहा था. मै गौरव मिश्रित भाव के साथ कभी रूक जाता तो कभी चलने लगता. जिस देश में एक गोरी मेम को देखकर इंसानो का झुंड इकठ्ठा हो जाता ही उस देश के आदमी के लिए इन गोरी विदेशी लड़कियों के अंग उपांग का स्पर्श एक सुखद अनुभव था। चलता रहा कभी इस गली तो कभी उस गली लेकिन म्यूजिक लड़कियां और शराब के सिवा यहां कुछ नही था।
कुछ लोकल थाई लड़कियां और लेडी बॉय शिकार की ताक में घूम रहे थे उन्हें कई बार मना करने के बाद मै थक कर “सेवन इलेवन” स्टोर के सामने लोकल थाई फूड “पड़ थाई” बेचती हुई एक लड़की की खाली कुर्सी पर उसकी रजामंदी से बैठ गया। सेवन इलेवन ना नाम आते ही थाईलैंड में मेरी सबसे पसंदीदा दुकान का उल्लेख करना जरूरी हैं।
ये एक छोटी बड़ी दुकानों की शृंखला है जो आपको थाईलैंड के लगभग हर कोने मे मिल जाएगी. दैनिक जरूरियात के छोटे से लेकर बड़े समान खाना पीना,कॉफी, बीयर,शराब चॉकलेट्स थाई परफ्यूम और सैंकड़ों तरह के देसी विदेशी कोल्डड्रिंकस और मेरा पसंदीदा गाय का फ्लेवर्ड मिल्क “मेयो” इन दुकानों पर आपको किफायती दाम पर मिल जाएगा।
उमस तेज म्यूजिक और शोर की वजह से जी उकताने लगा, सेवन इलेवन स्टोर मे जाने के लिए उठ खड़ा हुआ था बस दो कदम चला था की एक सुंदर थाई लड़की ने मुझे धर लिया। हाय व्हेयर आर यू फ्रॉम?
मैने कहा इंडिया.
डू यू लाइक बूम बूम?
बूम बूम मतलब “सेक्स” के बारे में पूछ रही थी वो।
भारी शोर शराबे के बीच मैंने उसके कान के पास जाकर जोर से कहा नो…..
लेकिन वो डटी रही. शायद ये थाईलैंड मे मेरा पहला बुरा अनुभव था।
थी। उसने टूटी फूटी अंग्रेजी में ऑफर दिया!!
चलो सामने रूम है हजार बाथ दे देना।
मैने कहा सोरी मुझे कुछ नही करना।
लेकिन वो पीछा नही छोड़ रही थी
गिव में मनी वो पैसा मांगने लगी
मनी! बट वाय?
हंड्रेड बाथ
मै हिंदी में बड़बड़ाया अरे अम्मा तुझे किस बात के पैसे दूं?
गिव में 100 बाथ ।
पड़ थाई वाली लड़की मजा ले रही थी शायद उसके लिए इस तरह के सीन देखना रोज का काम था।
मै भी अड गया आई एम सॉरी!
ओके 30 बाथ फोर बीया। असल में शायद वो बीयर शब्द बोल नही पा रही थी।
मैने फिर कहा आई एम सॉरी।
फिर एकदम से जादू हुआ वो लड़की मर्दाना आवाज मे चिल्लाई फक यू और चलती बनी !!!
ये एक लेडी बॉय था जिनके बारे मे होटल की रिसेप्शनिस्ट ने मुझे पहले ही आगाह कर दिया था।
पड थाई वाली लड़की मेरी तरफ देखकर जोर से हंसने लगी और कहने लगी के यू आर ए गुड मैन !!
शोर की वजह से सिर भारी हो रहा था. मैंने होटल वापिस जाने का फैसला किया और सेवन इलेवन से 2 बॉटल गाय का दूध “मेयो” खरीद कर अपने होटल की तरफ चल पड़ा
आज के लिए बस इतना ही।

शायद आप कुरैशी से बात करना चाहें, तो उनका नम्‍बर नोट कीजिए:- 9979750050

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *