: सौ दिन की उपलब्धियों पर रिपोर्ट-कार्ड जारी किया मुख्यमंत्री ने, मगर अपने विभाग से बेहद नाखुश हैं ब्रजेश पाठक : विस्फोट ही तो है ब्रजेश पाठक और अपर मुख्य सचिव का विवाद : अमित मोहन प्रसाद बोले, तबादलों में गडबड़ नहीं। तबादलों पर मंत्री की अनुमति और सिफारिश :
कुमार सौवीर
लखनऊ : यह महज संयोग नहीं हो सकता है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस दिन अपनी सरकार की सौ दिन की उपलब्धियों का रिपोर्ट-कार्ड जारी कर रहे हों, ठीक उसी दिन सूबे के उप-मुख्यमंत्री अपने ही विभाग की छीछालेदर करते हुए स्वास्थ्य, चिकित्सा और चिकित्सा शिक्षा विभाग में हुए तबादलों पर सख्त ऐतराज कर बैठे। इतना ही नहीं, इन तबादलों पर विभाग के प्रशासनिक मुखिया और विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद की कार्यशैली पर गहरे सवाल उठा दिया गया। लेकिन तमाशा तब हो गया, जब ब्रजेश पाठक के आरोपों पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया करते हुए अमित मोहन प्रसाद ने दो-टूक बयान जारी कर दिया कि इन तबादलों को पूरी तरह नियमों का पालन किया गया है और कहीं भी कोई गड़बड़ नहीं सामने आयी है।
दावे चाहे कुछ भी कहा जाए, लेकिन यूपी में पहली बार चले इस असहमति को अब हैरत की नजर से देखा जा रहा है। वजह यह कि ब्रजेश पाठक ने अपने विभाग के अफसरों पर यह कड़ी प्रतिक्रिया तब व्यक्त की है, जब सूबे के मुखिया योगी अपनी सफलताओं को किसी जश्न की तरह मना रहे थे। यूपी में अपनी दूसरी बार सरकार बनने के सौ दिन पूरे होने पर सरकार के कामकाज की सफलताओं के लिए उन्होंने अपने प्रमुख मंत्रियों के साथ बाकायदा प्रेस-कांफ्रेंस किया था। इस मौके पर विभिन्न विभागों के कामकाज के साथ ही साथ स्वास्थ्य एवं चिकित्सा जैसी व्यवस्थाओं की उत्कृष्टता पर भी हर्ष और संतोष व्यक्त किया था।
लोकभवन में हुई प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में 37 वर्षों बाद प्रचंड बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाने के बाद सफलतापूर्वक सौ दिन के कार्यकाल का संचालन किया। उस प्रेस-कांफ्रेंस के दौरान योगी के साथ उनके दोनों उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या और ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे।
योगी बोले थे कि हमने जो कहा, सो किया। यह प्रदेश में अलग-अलग सेक्टर के लिए बनाई गई कार्ययोजना का एक छोटा सा उदाहरण है। यह स्पष्ट कर देगी कि अगले पांच वर्ष में सरकार किस दिशा में आगे बढ़ रही है। इस दौरान सरकार की उपलब्धियों को लेकर एक पुस्तक का विमोचन किया गया और वीडियो भी दिखाया गया। इस दौरान उन्होंने गरीब कल्याण, किसान कल्याण, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएं, शिक्षा, निवेश, रोजगार और स्वरोजगार, विद्युत, ग्राम्य विकास, जल जीवन मिशन एवं ग्रामीण जलापूर्ति और वन एवं पर्यावरण सहित अन्य विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से बात रखीं। इस दौरान उन्होंने सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम की उपलब्धियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि दूसरा कार्यकाल हमें जनता ने दिया है, इसमें हम एक नई उड़ान के साथ यात्रा आगे बढ़ा रहे हैं।
लेकिन अभी योगी अपनी प्रेस-कांफ्रेंस खत्म कर अपने दफ्तर पहुंच गये थे, कि अचानक किसी विस्फोट की तरह ब्रजेश पाठक और उनके अपर मुख्य सचिव के बीच यह विवाद किसी तूफान की तरह सामने आ गया। ब्रजेश ने कहा कि विभाग में जितने भी तबादले हुए हैं, उसमें नियमों का खुला उल्लंघन किया गया है। जाहिर है कि ब्रजेश पाठक का यह आरोप सीधे-सीधे विभाग के अपर मुख्य सचिव पर ही थोपा गया था। लेकिन जैसे ही यह आरोप अमित मोहन प्रसाद के पास तक पहुंचा, अमित प्रसाद ने बेहद शांत माहौल में जवाब दे दिया कि इन तबादलों में कोई भी गडबड़ नहीं हुई थी और जो भी तबादले किये गये हैं, उसकी अनुमति और सिफारिश ब्रजेश पाठक ने खुद की ही थी।