वरना गणतंत्र पर कालिख पोतते ही रहेंगे बिकरू जैसे घृणित कांड

बिटिया खबर

: एक ही तरीके से विकास दुबे के सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया पुलिस ने : विकास को लेकर उज्‍जैन से रवाना हुई गाड़ी कानपुर में बदल गयी : सिपाही से लेकर आला पुलिस अफसर भ्रष्‍ट थे :

कुमार सौवीर

लखनऊ : कुख्‍यात बिकरू गांव से भड़की आग में काफी इज्‍जत बेनकाब हो सकती थी। इसलिए पुलिस ने कुछ ऐसी रणनीति बनायी कि सारे के सारे सभी सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया जाए, जिससे कोई चूं भी न बोल सके, और मामला एकदम से ही दफ्न हो जाए। यही हुआ, और पुलिस ने विकास दुबे समेत सात लोगों को बेहद बेशर्मी के साथ मौत के घाट उतार दिया। मगर यहां से दिक्‍कतें खत्‍म होने के बजाय बहुत तेजी से भड़क गयीं। आप उज्‍जैन में विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद मध्‍यप्रदेश पुलिस ने उसे यूपी एसटीएफ के सौंपने के बाद विकास के सामान की तलाशी का यह वीडियो तो देखिये। आखिर क्‍या वजह थी कि तलाशी के दौरान एक व्‍यक्ति ने अपनी जेब से कुछ निकाल कर विवेक दुबे के झोले में डाल दिया था? इस चालाकी का मकसद क्‍या था?

बिकरू के विकास दुबे से करीबी रखने वालों की लिस्‍ट पर अगर आप नजर डालेंगे, तो आपको यूपी की राजनीति और प्रशासन तथा पुलिस के आला अफसरों पर उबकाई आयेगी और इन लोगों के चेहरों पर थूकने का मन करेगा। इन लोगों में भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष स्‍वतंत्रदेव सिंह, यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक, समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव, एसटीएफ के डीआईजी और कानपुर के एसएसपी रह चुके अनंतदेव तिवारी, अपर मुख्‍य सचिव (गृह) अवनीश अवस्‍थी जैसे सैकड़ों लोगों को बाकायदा उपकृत करता था दुर्दांत अपराधी विकास दुबे। और ऐसे बड़े लोगों के बीच सेतु बनते थे विकास के दाहिना हाथ रहे जय जैसे करीब दर्जन भर लोग, जो राजनीति, प्रशासन और पुलिस अफसरों के बीच विकास दुबे की पैरवी का जिम्‍मा थामे थे।

सबसे ज्‍यादा बेशर्मी तो कानपुर जिला प्रशासन ने, जिसकी मैजिस्‍ट्रेटी-जांच में विकास दुबे से जुड़े सारे हादसों को लेकर पुलिस की प्रत्‍येक हरकत को जायज ठहराते हुए उसे क्‍लीन-चिट दे दी गयी। लेकिन ऐसी हर जांच में उस सवाल को अनदेखा कर दिया कि बिकरू में पुलिसवाले क्‍यों मारे गये थे, उज्‍जैन से जिस कार से एसटीएफ विकास दुबे को कानपुर ला रही थी, उस एनकाउंटर में कार कैसे बदल गयी? विकास दुबे के सारे साथ एक ही तरीके से कैसे मौत के घाट उतारे गये? जुआघर संरक्षण के लिए कब से थानाध्‍यक्ष विनय तिवारी को एक लाख रूपयों वसूला जा रहा था? सीओ देवेंद्र मिश्र ने इस एक लाख रुपयों में से अपना हिस्‍सा मांगा था या नहीं? बिना सुरक्षित तरीको को अपनाये हुए सीओ देवेंद्र मिश्र एक ही दिशा में पुलिस पार्टी लेकर क्‍यों देर तक क्‍यों जा रहे थे? देवेंद्र मिश्र ने विनय तिवारी की शिकायत जब एसएसपी अनंतदेव तिवारी को की, तो अनंत देव तिवारी ने शिकायत को लिखित देने का आदेश क्‍यों दिया और जब देवेंद्र मिश्र ने विनय तिवारी की शिकायत लिखित दे दी, तो अनंत देव तिवारी ने उस पर क्‍या कार्रवाई की? वह तो गनीमत थी कि बाद में एक ऑडियो से खुलासा हो गया कि तब के एसएसपी और बाद में एसटीएफ के डीआईजी बने अनंतदेव तिवारी ने देवेंद्र मिश्र के उस पत्र पर कार्रवाई न करने की एवज में विनय तिवारी से दस लाख रुपयों की उगाही कर ली थी?

एक फिल्‍म है जॉली एलएलबी। इसमें जज एक मामले में वकील को चैम्‍बर में बुला कर झिड़कता है कि कानून अंधा होता है, लेकिन जज नहीं। अब बिकरू और करथिया के मामले में इसी फिल्‍म के इसी डायलॉग का नापतौल कर दीजिए, तो आपको साफ पता चल जाएगा कि उन मामलों में पुलिस की करतूतों और होने वाली मोटी उगाहियों का हिस्‍सा कितना-कितना ऊपर तक जाता है।

और जब तक इन सवालों का जवाब नहीं मिल पाता, ऐसे गणतंत्र दिवस को मनाने का औचित्‍य क्‍या होगा। हां, इससे सरकार को एक लाभ तो जरूर मिल जाएगा, कि गणतंत्र दिवस और स्‍वतंत्रता दिवस जैसे मौकों पर ऐसे भव्‍य आयोजनों से आम आदमी की आंख में धूल झोंकने का मौका जरूर मिल जाएगा।

और तब तक राजसत्‍ता से जुड़े लोग राजसुख लूटते रहेंगे, और आम आदमी जोर-जोर से चिल्‍लाता ही रहेगा कि
भारत माता की जय, भारत माता की जय
वंदे मातरम, वंदे मातरम

करथिया और बिकरू कांड पर दोलत्‍ती द्वारा तैयार की गयी खबरों को अगर देखना चाहें तो निम्‍न शीर्षक पर क्लिक कीजिएगा:-

कानपुर हादसा : डाकू ददुआ का आज्ञाकारी आईजी मोहित अग्रवाल 

गणतंत्र दिवस: एनकाउंटर नहीं, सरासर कत्‍ल हैं बिकरू-करथिया जैसे हादसे

फर्रूखाबाद कांड: झूठ है 23 करोड़ की फिरौती वाली कहानी

फर्रुखाबाद हादसे को समझिये, खूनी खतरा आपके सिर पर भी है

साजिशें बुनने में खासे माहिर हैं आईजी मोहित अग्रवाल

फर्रूखाबाद: आईजी की हर कहानी में सिर्फ झूठ का तड़का

चिंतित हूं कि आपके बेटे को मौत के घाट न उतार दे पुलिस

कानपुर हादसा : डाकू ददुआ का आज्ञाकारी आईजी मोहित अग्रवाल

शिश्‍न पर करंट, पत्‍नी का सामूहिक रेप। फिर भेजा जेल

फर्रुखाबाद कांड : खालिस डींगें हांकते रहे बड़े दरोगा ! 

फर्रुखाबाद कांड: घटिया, बचकानी पटकथा है पुलिस की

फर्रुखाबाद कांड: योगी बोले कि जैसा करनी, वैसी भरनी

पत्रकारिता नहीं, दलाली करता है आजतक चैनल

पत्रकारिता नहीं, दलाली करता है आजतक चैनल

हे राम। भाजपा अध्‍यक्ष भी घुसे थे विकास दुबे के तम्‍बू में

विकास दुबे के शार्प-शूटर का हाथ थाम लिया अखिलेश यादव ने

विकास दुबे एनकाउंटर: एक वो अफसर थे, एक यह हैं  

हैदराकांड की रिप्लिका है विकास दुबे “एनकाउंटर”

कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का खासमखास है दुर्दांत विकास दुबे 

नीला नहीं, “ब्रजेश संग विकास” की फोटो भगवा-काल की है 

बधाई हो पुलिसवालों ! विकास दुबे को तुमने मार डाला

विकास दुबे की मुखबिरी की, पुलिस ने नाम-पता बेपर्दा कर डाला

विकास दुबे के शार्प-शूटर का हाथ थाम लिया अखिलेश यादव ने 

सभी पार्टियों में मटरगश्‍ती करती रही विकास दुबे की औलादें 

यही “मर्द पुलिस” विकास दुबे के खिलाफ गवाही से मुकर गयी थी 

दुर्दांत विकास दुबे चाहिए ? पार्टियों के दफ्तर में होगा 

इलाहाबादी वकील खौखियाये: जस्टिस चौहान ! गो बैक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *