: जो संपादन का अपराध था, उसे प्रिंटिंग की सामान्य त्रुटि बता रहा है हीरावती न्यूज टाइम्स का मालिक : चुल्लू भर पानी में डूबने के बजाय हीरावती न्यूज टाइम्स निकाल रहा है यह मालिक : दोलत्ती सवाल पर बेशर्मों की तरह ठठाकर ठीकरा दूसरों पर थोपने लगा :
कुमार सौवीर
लखनऊ : खबरों की दुनिया में दलाल पत्रकारों की भीड़ जिस तरह तेजी से बढ़ती जा रही है, नये-नये दलालों ने भी अपना धंधा चोखा तेज करना शुरू कर दिया है। विभिन्न धंधेबाजी में अपनी दलाली के दांवपेंच सीख चुके लोग अब अपना नया रास्ता अखबार के जरिये आजमा रहे हैं। अखबारों में वे अपना निवेश कर रहे हैं और खबरों के नाम पर दलाली का रंग पक्का कर रहे हैं।
ताजा किस्सा है यूपी से सटे मध्यप्रदेश के सिंगरौली इलाके में छपने वाले एक चौंपतिया अखबार का, जिसका नाम है हीरावती न्यूज टाइम्स। खुद को न जाने किस विषय के डॉक्टर कहलाने वाले इस अखबार का मालिक है डीडी मिश्र। अपनी चमड़ी बचाने के लिए अपने अधीनस्थों को पीआरबी-एक्ट की आड़ में यह अखबार जिन-जिन खबरों को छाप रहा है, वह उसे समाचारों की दुनिया में पीपी कहा जाता है, यानी प्राइवेट प्रैक्टिस।
तो अभी पांच दिन पहले ही इस अखबार ने अपने पहले पेज पर जो पहली खबर प्रकाशित कर दी है, वह वाकई बेहद शर्मनाक ही मानी जाएगी। ऐतराज का विषय है इस खबर की हेडिंग। इस हेडिंग ने साबित कर दिया है कि इस हीरावती न्यूज टाइम्स और उसके मालिक, प्रकाशक और मुद्रक आदि-आदि बने बैठे मालिक डीडी मिश्र को पत्रकारिता से कोई लेना-देना अगर कुछ है भी तो केवल वह है पत्रकारिता के नाम पर केवल अराजकता फैलाना और पत्रकारिता को कलंकित करते रखना।
अब आप खुद ही पढ़ लीजिए कि इस चौंपतिया अखबार ने क्या-क्या छाप दिया। ऐसा छापा है कि कोई सभ्य व्यक्ति उस देख कर शर्मसार हो जाए। मगर डीडी मिश्र पर इसका तनिक भी फर्क नहीं पड़ता। दोलत्ती टीम ने जब डीडी मिश्र से सम्पर्क किया तो पूरी बेशर्मी के साथ वे इस मामले पर हंसते हुए बात करते रहे। बाद में उन्होंने बताया कि अखबार में हम रोड़ा शब्द छापना चाहते थे, मगर मुद्रण की गलती से वह दूसरा शब्द छप गया। यानी डीडी मिश्र नहीं मानते हैं कि इसमें संपादन को लेकर एक भयंकर अपराध हुआ है।
Patrakarita ko to aap bhi kalankit kar rahe hai. Jo heading me ullu la pattha likh rahe hai.