: पुलिस छुपाती रही मामला, महिला ने साहस किया और इच्छाराम जेल में : पुलिस और सचिवालय के अफसर इस मामले को दबाने में जुटे थे : अमित शाह की बात को भी ठेंगा दिखा दिया यूपी की हालत ने : सचिवालय में ही दुराचार करते चर्चा में आया था विशेष सचिव रामविजय सिंह :
कुमार सौवीर
लखनऊ : इच्छाराम यादव अब हुसैनगंज कोतवाली की हवालात में बंद है। आज सुबह-सुबह ही इच्छाराम यादव को पुलिस ने पकड़ा और उसे हवालात में बंद कर लिया। आरोप है कि उप्र साचिवालय में वरिष्ठ अधिकारी होने के बावजूद उसने अपनी एक महिला कर्मचारी के साथ दुराचार किया। उस महिला के साथ इच्छाराम यादव ने यह तक धमकी दी कि अगर उसकी ख्चाहिशें पूरी नहीं की जाएंगी, तो वह उसकी संविदा पर मिली नौकरी को खत्म कर उसे दर-दर की भीख मांगने पर मजबूर कर देगा। अब खबर है कि पुलिस अब इस मामले पर इच्छाराम यादव को अदालत में पेश करेगी और उसे जेल भेज देगी। इच्छाराम उप्र सचिवालय के विकलांग विकास विभाग में अनुसचिव के पद पर तैनात है और उसके ही विभाग में काम करने वाली संविदा महिला कर्मचारी के साथ दुराचार करने का आरोप इच्छाराम यादव पर लगाया गया है।
आपको तो याद ही होगा कि इच्छाराम यादव का मामला अब पूरे सचिवालय और लखनऊ ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में खासी चर्चा में आ चुका है। इतना ही नहीं, लोगों को तो यह भी पता चल गया है कि इस मामले को दबाने के लिए लखनऊ की पुलिस ने जितने भी घोड़े हो सकते थे, सब के सब खोल दिये थे। पूरे एक पखवारे तक पुलिस ने इस जघन्य मामले को दबाये और छुपाये रखा। पुलिस की पूरी कोशिश थी कि चाहे कुछ भी हो जाए, इस मामले को आपसी समझौते में दफ्न कर दे। ताकि उसकी सरकार की उस साख और नाक की साफ बचा लिया जाए। हाल ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दावा किया गया था कि यूपी में बच्ची तक पूरी तरह सुरक्षित है। ऐसे में पुलिस अगर इच्छा यादव को जेल भेज देती, तो उप्र सचिवालय की नाक ही सिरे से कट जाती।
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बताते हैं कि यह घटना कुछ महीनों पुरानी है। महिला संविदाकर्मी ने पुलिस थाने पर इस घटना की खबर दी थी, लेकिन पुलिस ने इस शर्मनाक घटना की रिपोर्ट ही दर्ज नहीं करायी थी। पुलिस और सचिवालय प्रशासन ने इस मामले को लगातार दबाये-छुपाये रखा। इसके पहले पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी तक नहीं की और पुलिस का कहना है कि अभी जांच ही चल रही है। उधर, विभागीय अधिकारियों ने भी इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है।
बताते हैं कि उस इस रिपोर्ट पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उस महिला ने बुधवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिस वीडियो में अनु सचिव इच्छाराम यादव बताया जा रहा है, वह एक महिला के साथ जबर्दस्ती करते हुए उसके होंठ चूमते नजर आ रहा है। वीडियो में महिला खुद को बचाने का पूरा प्रयास कर रही है।
उप्र सचिवालय के दफ्तर में संविदाकर्मी से दुराचार
जबकि इसके पहले ही सचिवालय में तैनात विशेष सचिव के साथ ही साथ श्री क्षत्रिय महासभा नामक एक संगठन के राष्ट्रीय महासचिव बने रामविजय सिंह यानी आरवी सिंह का भी नाम अपने ही सचिवालय दफ्तर में एक अश्लील वीडियो बनाने में सामने आया था। इस मामले में वे सचिवालय में नंगी हरकतें कर रहे हैं। यह मामला तब खुला जब आरवी सिंह के फेसबुक वाल पर वीडियो अपलोड कर दिया। यह होते ही रामविजय सिंह ने अपना फेसबुक एकाउंट ही तत्काल बंद कर दिया। लेकिन हल्ला ज्यादा मचा तो रामविजय सिंह यानी आरवी सिंह ने सचिवालय में तैनात अपने जातीय और प्रशासनिक अधिकारियों के दबाव में यह मामला पुलिस को साइबर-क्राइम में भिजवा दिया। इसके बाद से ही उप्र सचिवालय प्रशासन विभाग और सचिवालय के बड़े अफसरों तक ने इस मामले की फाइल ही बंद कर दी।
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कमाल तो यह भी है कि आरवी सिंह सचिवालय में बाबू होकर विशेष सचिव तो बना है, लेकिन उसने अपनी छवि अपने पूरे प्रदेश की सरकारी मशीनरी में एक आईएएस के तौर पर मशहूर कर रखी है। आरवी सिंह अपने दफ्तर में ही दुराचार के अलावा प्रदेश की विभिन्न जिलों में तैनात विभिन्न विभागों में तैनात महिला कर्मचारियों को भी धमकाने और उनको आकर्षित करने का धंधा भी चला है। इतना ही नहीं, इस दुराचारी ने कई महिलाओं द्वारा इच्छा पूरी नहीं करने पर उनके अफसरों से शिकायत करने और उनके परिवारी जनों का अहित करने की भी धमकी दी थी।
आदरणीय भईया आपने बहुत ही सटीक लतियाया है…👌👌👌 वैसे तो आज सारे देश में हालात बद् से बद्तर हो चुके हैं, देश और खासकर उत्तर प्रदेश की संवैधानिक संस्थाओं में कामिल-काब़िज तथाकथित महानुभावों द्वारा भ्रष्टाचारी हिस्ट्रीशीटरों भू-माफियाओं अरबों-खरबों रुपए के घोटालेबाजों के बचाव पक्ष में ये संरक्षणदाता तो जनहित , न्यायहित और देशहित में लगे जुझारू क्रांतिकारी जमीनी पत्रकारों, समाजसेवियों, आरटीआई कार्यकर्ताओं व शिकायतकर्ताओं के साथ एक तरह से बेनागा बलात्कार ही तो कर रहे हैं…🤔🤔🤔😞😞😞😞