इटावा में बोटी-युद्ध: “हत्‍यारे कुत्‍तों” की कुकुर-झौंझौं

बिटिया खबर

: नंगे कुत्‍तों ने बाकी कुत्‍तों का नाड़ा तोड़ने का अभियान छेड़ दिया : दोलत्‍ती अब लगायेगी इटावा के पत्रकारों पर जोरदार दोलत्‍ती :
कुमार सौवीर
इटावा : वॉच-डॉग के अपने दायित्‍वों के बजाय इटावा के सड़कछाप कुत्तों ने आपस में कुकुर-झौंझौं शुरू कर दी है। हर गली-सड़क पर ऐसे कुत्‍तों की भारी तादात सक्रिय है, जो आपस में ही चिल्‍ल-पों कर भौं-भौं की पुकार लगा रहे हैं। कहने की जरूरत नहीं कि यह कुत्‍ते खबर को सूंघने के बजाय रोटी-बोटी के चक्‍कर में एक-दूसरे की पूंछ नोंचने पर आमादा हैं।
यह साबित हो चुका है कि इटावा के पत्रकारों का खुद का दामन बेहद शर्मनाक और दागदार बन चुका है। लेकिन इसके बावजूद यहां के पत्रकार एक-दूसरे का पजामा नोंचने-उतारने की ख्वाहिश बुलंद रखे हैं। खबरों को लेकर जिम्‍मेदार माने जाने वाले पत्रकार इस हालत से दुखी हैं और मानते हैं कि इटावा की पूरी पत्रकारिता को कलंकित करने की साजिश चल रही है। ऐसे पत्रकारों का मानना है कि अगर ऐसी हालत पर सख्‍त रोक नहीं लगायी गयी, तो इटावा से पत्रकारिता का नामोनिशान ही खत्‍म हो जाएगा।
कभी वक्त हुआ करता था, जब इटावा का नाम डाकुओं के लिए जाना-पहचाना जाता था। बाद में उसमें परिवर्तन हुआ और डाकू के गिरोह शहरी बदमाशों के गैंग के तौर पर तब्दील होने लगे। बाद में यही गैंग खत्म होने लगे तो ऐसे धंधा के लिए यहां के लोगों ने अलग-अलग तरीके से बाकायदा अपना इलाका ही बांटना शुरू कर लिया। अब हालत यह है कि इस धंधे में शामिल पत्रकार-बिरादरी में कुछ लोग तो नदी से रेत-मोरम खोदने का धंधा पकड़े हैं तो कोई रेत-मोरम लादने के लिए ट्रकों के धंधे में शामिल हो गये हैं। जिनके पास इतना भी समय नहीं था, वे ऐसे धंधेबाजों से अपना हिस्‍सा बांटने के धंधे में उतर गये। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जो ऐसे धंधों में शामिल पत्रकारों को एक-दूसरे से भिड़ा-लड़ा कर अपनी रोटी का जुगाड़ खोजने में जुटे गये हैं।
ऐसे लोग पत्रकारिता का पायजामा पहनकर इस धंधे के पत्रकारों में छेद खोज कर उनको चौड़ा करने का धंधा चमकाने में लगे हैं। यहां के पत्रकार ऐसे लोगों को हत्‍यारा चूहा करार देते हैं। बताते हैं कि ऐसे हत्‍यारे चूहों मैं अब परस्पर रंजिश का माहौल है। फिलहाल तो ऐसे चूहे एक-दूसरे को नंगा करने पर आमादा हैं। पिछले दिनों जो कुछ भी इटावा में हुआ वह शर्मनाक ही कहा जाएगा। हर एक पत्रकार इसमें किसी न किसी अभियान में जुटा हुआ है। एक-दूसरे का नाड़ा खोलने पर आमादा है। मकसद सिर्फ इतना है कि दूसरे को पूरी तरह नंगा साबित करने के अभियान के तहत वे खुद को बिल्कुल पवित्र और चरित्र का पुख्ता साबित कर दें।
लेकिन हकीकत बात तो यही है कि ऐसे लोग लगातार एक-दूसरे को ही नंगा कर रहे हैं और इसी कोशिश में अपने आप खुद ही नंगे होते जा रहे हैं। दोलत्‍ती संवाददाता ने इस बारे मैं कई स्‍थानीय पत्रकारों और लोगों से लंबी बातचीत की। इस पूरी बातचीत के दौरान काफी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं जिसे हम दोलत्‍ती डॉट कॉम पर लगातार प्रकाशित करते रहेंगे। लेकिन सबसे पहले तो इस अभियान की शुरुआत उस नंगे पत्रकार की नंगई पर प्रकाशित करने जा रहे हैं हम, जिसने दूसरे पत्रकार को नंगा करने का अभियान छेड़ा। कहने की जरूरत नहीं कि ऐसे नंगे पत्रकार की नंग-धड़ंग खबरों में तथ्य तो न्यूनतम है जबकि दूसरे पर कीचड़ फेंकने की साजिश सबसे ज्यादा। और वह भी निराधार।
तो अगली बार दोलत्‍ती डॉट कॉम के अगले अंक में हम ऐसे हत्‍यारेनुमा हमलावर पत्रकार की कलम पर दोलत्‍ती लगायेंगे। आप से गुजारिश है कि इस पूरे अभियान में अगर आप दोलत्‍ती को प्रमाणिक जानकारी देकर और हमें सच के करीब तक पहुंचाने का सहयोग करेंगे, तो हम हमेशा आभारी रहेंगे। आपसे निवेदन है कि आप अपनी बात kumarsauvir@gmail.com, dolattitv@gmail.com या meribitiyakhabar@gmail.com पर भेज दें। अगर आप चाहेंगे तो हम आपका नाम पूरी तरह गुप्‍त ही रखेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *