: अपनी संविदाकर्मी के साथ जबरिया शारीरिक संबंध बनाना चाहता था इच्छाराम यादव : विकलांग विकास विभाग में अनुसचिव में तैनात है इच्छाराम यादव : हाल ही सचिवालय में ही दुराचार चर्चा में आया विशेष सचिव रामविजय सिंह : अपर मुख्य सचिव का कहना है कि सचिवालयकर्मियों में होता है काफी दायित्वपूर्ण काम :
कुमार सौवीर
लखनऊ : मुख्यमंत्री के दफ्तर और विधानसभा भवन के कार्यालय के तौर पर मशहूर उप्र सचिवालय का नाम अब तेजी से उप्र दुराचारालय के तौर पर तब्दील होता जा रहा है। ताजा एक डरावनी घटना के तहत सचिवालय में तैनात एक अफसर ने अपनी एक महिला सहकर्मी के साथ दुराचार का प्रयास किया। गनीमत है कि इस महिला ने उस अफसर की ऐसी घिनौनी हरकत का वीडियो बना कर उसकी मंशा ही नहीं, बल्कि उप्र सचिवालय के दफ्तरों में बैठे बड़े-बड़े इच्छाधारी अफसरों द्वारा की जा रही हरकतों का भंडाफोड़ कर दिया। खबर है कि विकलांग विकास सचिवालय में तैनात यह महिला को विभाग के अनुसचिव पिछले काफी समय से सरकारी दफ्तर में ही शारीरिक संबंध बनाने के लिए बाध्य कर रहा था।
हैरत की बात है कि एक ओर सरकार महिला सुरक्षा की हुंकार भर रही है। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही अपने लखनऊ रैली में अपने हाथों से अपनी आंख पर गुच्ची बना कर कहा था कि यूपी अपराध मुक्त है और कोई भी महिला या बच्ची के प्रति कोई भी कोई अपराध करने की साहस नहीं कर सकता है। वहीं सचिवालय में ही महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। एक अनु सचिव स्तर के अधिकारी ने सचिवालय में ही महिला कर्मी से जबर्दस्ती की, पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन अभी तक न तो अधिकारी की गिरफ्तारी हुई। न ही उसके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही हुई है। बुधवार को यह वीडियो वायरल होने पर पूरे शहर में चर्चाएं फैल गईं।
आपको बता दें कि यह घटना बीते 29 अक्टूबर की है। इस मामले पर उसने पुलिस थाने पर इस घटना की रिपोर्ट दर्ज करायी थी, लेकिन पुलिस और सचिवालय प्रशासन ने इस मामले को लगातार दबाये-छुपाये रखा। इसके पहले पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी तक नहीं की और पुलिस का कहना है कि अभी जांच ही चल रही है।
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उधर, विभागीय अधिकारियों ने भी इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है। बताते हैं कि उस इस रिपोर्ट पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उस महिला ने बुधवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिस वीडियो में अनु सचिव इच्छाराम यादव बताया जा रहा है, वह एक महिला के साथ जबर्दस्ती करते हुए उसके होंठ चूमते नजर आ रहा है। वीडियो में महिला खुद को बचाने का पूरा प्रयास कर रही है। इस संबंध में थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने बताया कि महिला की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वायरल वीडियो वही है, जो महिला ने पुलिस को सौंपा था। उन्होंने कहा कि जांच जारी होने के कारण अभी तक गिरफ्तारी नहीं की गई है। यह वीडियो दो मिनट अड़तालीस सेकेंड का है।
लखनऊ सचिवालय में एक अनु सचिव ने महिला संविदा कर्मी के साथ अश्लीलता की और विरोध पर नौकरी से निकलवा देने की धमकी देकर यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता की तहरीर पर हुसैनगंज पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। वहीं बुधवार रात आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई न होते देख पीड़िता ने उत्पीड़न का एक वीडियो वायरल कर दिया। जिसमें आरोपी अनुसचिव जबरन शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है।
वीडियो में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में तैनात अनु सचिव इच्छाराम यादव पीड़िता को परेशान कर रहा है। उसके विरोध पर जबरदस्ती करता है। उसके बाद काफी देर तक उसे परेशान करता है। पीड़िता का आरोप है कि इच्छाराम यादव उसको काफी समय से परेशान कर रहा है। नौकरी से निकालने की धमकी देकर शारीरिक शोषण कर रहा है। इससे तंग आकर चोरी से वीडियो बनाया। जिसके माध्यम से आरोपी को सजा दिला संकू। आरोपी के खिलाफ हुसैनगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन आरोपी की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है।
जबकि इसके पहले ही सचिवालय में तैनात विशेष सचिव के साथ ही साथ श्री क्षत्रिय महासभा नामक एक संगठन के राष्ट्रीय महासचिव बने रामविजय सिंह यानी आरवी सिंह का भी नाम अपने ही सचिवालय दफ्तर में एक अश्लील वीडियो बनाने में सामने आया था। इस मामले में वे सचिवालय में नंगी हरकतें कर रहे हैं।
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यह मामला तब खुला जब आरवी सिंह के फेसबुक वाल पर वीडियो अपलोड कर दिया। यह होते ही रामविजय सिंह ने अपना फेसबुक एकाउंट ही तत्काल बंद कर दिया। लेकिन हल्ला ज्यादा मचा तो रामविजय सिंह यानी आरवी सिंह ने सचिवालय में तैनात अपने जातीय और प्रशासनिक अधिकारियों के दबाव में यह मामला पुलिस को साइबर-क्राइम में भिजवा दिया। इसके बाद से ही उप्र सचिवालय प्रशासन विभाग और सचिवालय के बड़े अफसरों तक ने इस मामले की फाइल ही बंद कर दी।
कमाल तो यह भी है कि आरवी सिंह सचिवालय में बाबू होकर विशेष सचिव तो बना है, लेकिन उसने अपनी छवि अपने पूरे प्रदेश की सरकारी मशीनरी में एक आईएएस के तौर पर मशहूर कर रखी है। आरवी सिंह अपने दफ्तर में ही दुराचार के अलावा प्रदेश की विभिन्न जिलों में तैनात विभिन्न विभागों में तैनात महिला कर्मचारियों को भी धमकाने और उनको आकर्षित करने का धंधा भी चला है। इतना ही नहीं, इस दुराचारी ने कई महिलाओं द्वारा इच्छा पूरी नहीं करने पर उनके अफसरों से शिकायत करने और उनके परिवारी जनों का अहित करने की भी धमकी दी थी।